धनपुरी में जनादेश का सम्मान करेगी भाजपा या फिर होगा ऑपरेशन मिनी लोटस ..!!

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शहडोल। जिले की सबसे बहुत चर्चित और धनी नगर पालिका धनपुरी 15 सालों के बाद कांग्रेस के झोली में जाती दिख रही है,धनपुरी नगरपालिका की 28 पार्षदों की सीटों में भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ 9 सीटें ही मिली है जबकि दो से तीन वार्ड तो महज दो से लेकर 20 जैसे कम वोटों से जीती गई हैं, धनपुरी नगरपालिका बीते कुछ वर्षों में भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर खासी चर्चित रही है, खुद भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी ने तहसील कार्यालय के सामने धरना दिया था, यही नहीं कांग्रेस ने भी समय-समय पर इन मुद्दों को उठाने का काम किया, दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष हंसराज तंवर ने भी नगर पालिका में हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार को लेकर आवाज बुलंद की थी।

चुनाव के दौरान भी धनपुरी नगरपालिका में भ्रष्टाचार का मुद्दा उफान पर था, लगभग 15 सालों के बाद कांग्रेस ने बढ़त बनाई और 20 जुलाई को सामने आए नतीजों से यह तो स्पष्ट हो गया कि इस बार धनपुरी की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को एक सिरे से नकार दिया है, बल्कि कांग्रेस को जिस तरह मतदाताओं ने अपना भरोसा दिखाकर बढ़ा दी है उससे स्पष्ट होता है कि जनता जनार्दन इस बार यहां सत्ता परिवर्तन चाहती है।

नतीजे आने के बाद भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष से लेकर धनपुरी से जिला महामंत्री,धनपुरी के मंडल अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय बड़े नेताओं के द्वारा खुद आकर इस जनादेश का सम्मान करने के लिए बयान जारी किए जाने चाहिए थे, लेकिन शायद अब किसी भी राजनीतिक दल में जनादेश का सम्मान करने का साहस नहीं बचा है या फिर यह कहें की कभी चाल चरित्र और चेहरे का दम भरने वाली भारतीय जनता पार्टी और कभी उनके संस्थापक और मार्गदर्शक रहे अटल बिहारी वाजपेई के द्वारा महज एक सीट लोकसभा में कम होने के कारण प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया गया था, नैतिकता को आधार बताकर विपक्ष में बैठने की घोषणा की गई थी।

लेकिन बीते कुछ सालों से जिस तरह देश के विभिन्न प्रांतों में ऑपरेशन लोटस का चलन चला है जनता जनादेश दे, यह महत्वपूर्ण या मायने नहीं रखता है उससे ज्यादा कहीं मायने या महत्व इस बात का है कि रुपयों व बाहुबल तथा कूटनीति के बल पर आप सत्ता पर काबिज होते हैं ।

आगामी एक पखवाड़े तक नगर के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष को लेकर जब तक तिथियां घोषित नहीं हो जाती और चुनाव नहीं होता, तब तक अंदर ही अंदर मिनी महाराष्ट्र एवम मिनी लोटस को अंजाम देने की रणनीति बनाई जा रही है, हालांकि यह भी किसी से छुपा नहीं की जिला पंचायत के चुनाव में आज शहडोल में जो कुछ भी घट रहा है, वह किसी से छुपा नहीं है जिला पंचायत से लेकर सोहागपुर तथा बुढार जनपद में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बैठाने के फेर में भारतीय जनता पार्टी के रसूखदारो के द्वारा जिस तरह का खेल खेला जा रहा है और खुलेआम सदस्यों को लालच के अलावा भय भी दिखाया जा रहा है, वह अब आम हो चुका है विगत दिवस कोतमा जनपद सदस्य के लिए ₹200000 की राशि और वोट देने न देने को लेकर आदिवासी युवक को धमकाने का मामला भी मीडिया में प्रकाश में आया था।

बहरहाल आगे क्या होता है यह तो समय ही बताएगा लेकिन धनपुरी की जनता ने जनादेश देने के बाद भाजपा को 28 में से न सिर्फ 19 सीटें दी बल्कि मतों का विभाजन भी किया जाए तो भाजपा को महज 10% से अधिक ही वोट नहीं दिए, यह सर्वविदित है।

भारतीय जनता पार्टी में यदि धनपुरी की जनता के द्वारा दिए गए जनमत और जनादेश का सम्मान नहीं किया तो इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि आने वाले महीनों में बुढार नगर परिषद के साथ ही जैतपुर विधानसभा के चुनाव भी होने हैं उन चुनावों में मिनी ऑपरेशन लोटस का असर और बीजेपी को नुकसान जरूर देखने को मिल सकता है और इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि जैतपुर विधानसभा का फैसला न सिर्फ धनपुरी नगरपालिका क्षेत्र के हजारों मतदाता वर्षों से करते आ रहे हैं इसके साथ ही बुढार नगर परिषद में भी हर बार वही हुआ है जिसकी हवा धनपुरी से चलकर इस पूरे अंचल में फैलती है

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