नवीन शिक्षण सत्र शुरू होने के साथ ही कलेक्टर ने फिर दोहराई गत वर्ष की रणनीति,फिर से पहुंचने लगा मध्यान्ह भोजन का टिफिन,एमडीएम में कोताही नहीं होगी बर्दाश्त
नवीन शिक्षण सत्र शुरू होने के साथ ही कलेक्टर ने फिर दोहराई गत वर्ष की रणनीति,फिर से पहुंचने लगा मध्यान्ह भोजन का टिफिन,एमडीएम में कोताही नहीं होगी बर्दाश्त
कटनी। मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता को लेकर किसी प्रकार का कोई समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा…कलेक्टर अवि प्रसाद ने एक बार फिर संबंधित विभाग के अधिकारियों को इसकी नसीहत देते हुए नवीन शिक्षण सत्र शुरू होने के साथ ही रोजाना बच्चों को दिए जाने वाला मध्यान्ह भोजन चखना शुरू कर दिया है। शिक्षण सत्र 2022 -23 की तरह 2023-24 में भी बच्चों को मीनू के अनुसार पौष्टिक और गुणवत्ता युक्त मध्यान्ह भोजन प्रदाय किया जाए ये सुनिश्चित करने कलेक्टर श्री प्रसाद रोजाना बच्चों को दिया जाने वाला मध्यान्ह भोजन स्वयं खा रहे हैं और उसकी गुणवत्ता को लेकर संतुष्टि कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर कटनी का पदभार ग्रहण करने के तत्काल बाद एक स्कूल के निरीक्षण दौरान जब कलेक्टर अवि प्रसाद ने बच्चों को दिया जाने वाला मध्यान्ह भोजन चखा तो उन्हें काफी निराशा और अप्रसन्नता हुई। गुणवत्ताहीन मध्यान्ह भोजन वितरित किए जाने पर उन्होंने न सिर्फ नाराजगी जताई बल्कि इसमें सुधार के साथ साथ गुणवत्ता निरंतर बरकरार रहे इसके लिए प्रभावी रणनीति बनाते हुए एक नवाचार किया। उस दिन के बाद से रोजाना बच्चों को दिए जाने वाले मध्यान्ह भोजन का टिफिन कलेक्टर श्री प्रसाद तक पहुंचता और वे लंच में उसे चखते और ये नवाचार इतना सफल साबित हुआ कि गत शिक्षण सत्र में बच्चों को गुणवत्ता युक्त मध्यान्ह भोजन बच्चों को मिलता रहा। बच्चों के मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता में हुए सुधार का सीधा असर जिले के स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति पर भी देखने मिला। कलेक्टर श्री प्रसाद के नवाचार के बाद से जिले के सभी शासकीय विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति में औसतन 5 फीसदी से अधिक का इजाफा देखने को मिला साथ ही बच्चों का घर से टिफिन लाने का क्रम भी बंद हो गया। अब तक कचरे और जानवरों का निवाला बनने वाला मध्यान्ह भोजन अपने सुधरे स्वरूप और पूर्ण पौष्टिकता के साथ बच्चों की थाली में नजर आने लगा। उपस्थिति बढ़ी तो बच्चों ने स्कूल में ज्यादा से ज्यादा अध्ययन किया और उसका नतीजा बेहतर परीक्षा परिणाम के रूप में सामने आया। नवीन शिक्षण सत्र शुरू होने के साथ एक बार कलेक्टर श्री प्रसाद स्वयं बच्चों को दिए जाने वाला मध्यान्ह भोजन चख रहे हैं और उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता को लेकर कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। गत वर्ष इसमें लापरवाही बरतने वाले कई समूह कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा की गई कार्यवाही का सामना भी कर चुके हैं। कलेक्टर श्री प्रसाद ने कहा कि बच्चों को शिक्षा का अधिकार है और स्कूलों में दिया वाला मध्यान्ह भोजन भी उनका अधिकार है और हम सबकी यह जिम्मेदारी है कि उन्हें पौष्टिक मध्यान्ह भोजन मिले और बच्चों को उनके इस अधिकार से वंचित न रखा जाए।