मनरेगा अंतर्गत महिला समूह तैयार करेगी पौधे

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राकेश सिंह
सागर । मनरेगा के अंतर्गत उद्यानकी विभाग के कन्वर्जेंस में अब महिला समूहों को सक्षम बनाने के लिए पौधरोपणी तैयार करने का अवसर दिया गया है। श्री दीपक सिंह, जिला कलेक्टर सागर के मार्गदर्शन में संचालित मनरेगा अब महिला समूहों को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में संवहनीय रोजगार के साथ उनके कौशल विकास की दिशा में पहल कर रहा है।डॉ. इच्छित गढ़पाले मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने बताया कि आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित महिला स्व. सहायता समूहों को जिले में पौधरोपणी तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया जाकर उनको रोजगार की दिशा में नया अवसर प्रदान किया जा रहा है। जिले में पांच शासकीय नर्सरियों में स्वयं सहायता समूहां की सदस्यों का मनरेगा कन्वर्जेंस के अंतर्गत पौध तैयार करने पर प्रशिक्षण संपादित हो रहा है। रहली विकासखण्ड के कड़ता नर्सरी में राधा स्व. सहायता समूह की 13 महिलाओं ने 5 दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त किया है। अब ये महिलायें नर्सरी में पौध तैयार करने का काम करेंगी। इस एवज में उन्हें मनरेगा की पात्रता अनुसार भुगतान किया जावेगा।
मनीष पवार राज्य परियोजना प्रबंधक आजीविका मिशन का कहना है कि आजीविका समूहों की महिलाओं को नर्सरी निर्माण के कार्य से जोड़कर उन्हें फलदार औषधीय आरनामेंटल पौधों को तैयार कर विपणन के लिए तैयार किया जा रहा है। शासकीय तौर पर भी प्रतिवर्ष पौधरोपण के लिए पौधों की मांग होती है। जिसकी ये समूह आपूर्ति कर सकते हैं।
शासकीय संजय निंकुज कड़ता में पांच दिवसीय प्रशिक्षण में बीज उपचार, खाद बनाना, नर्सरी तैयार करना, पॉलीथिन में मिट्टी भरकर बीज रोपण करना, पौधों की कटिंग करना, वडिंग ग्राफटिंग करना इस तकनीकी पर उद्यान अधीक्षक संतोष जैन, उद्यान विस्तार अधिकारी ब्रजेश चौरसिया, पर्वत सिंह तेकाम ने प्रशिक्षित किया है। पांच दिवसीय प्रशिक्षण के समापन के अवसर पर इन महिलाओं ने आजीविका मिशन के विकासखण्ड प्रभारी ऋषिकांत खत्री को सिखी गई तकनीकी का डेमो करके दिखाया।
ज्ञातव्य है कि जिले में जैसीनगर में राधिका, मालथौन में जय मां बैष्णोंदेवी, खुरई में सालीहा समूह और बीना सरस्वती स्व. सहायता समूह शासकीय नर्सरियों में पौध रोपणी तैयार करने के लिए प्रशिक्षित की जा रही हैं। ये प्रत्येक समूह प्रतिवर्ष कम से कम 1.5 लाख पौध रोपण के लिए तैयार करेंगे। शासकीय  नर्सरी में मनरेगा के बजट से फैंसिंग, सिंचाई हेतु जल प्रबंधन और इस कार्य में संलग्न महिला समूहों की मजदूरी के लिए राशि का भुगतान करेगा। प्रशिक्षण में राधा समूह की श्रीमती प्रेमरानी गौड, शारदा गौड, शोभारानी गौड, सविता गौड ने बताया कि वे पहले अपने जीवन यापन के लिए मजदूरी के लिए परेशान रहती थीं कई बार काम नहीं भी मिल पाता था लेकिन अब पौध रोपणी में उन्हें स्थाई रूप से संवहनीय आजीविका का अवसर मिला है।

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