वर्षों पहले दुकान फूंका अब दुकान पलटा दिया
शहडोल। सभ्य समाज में जबकि विवादों का शांतिपूर्ण निपटारा करने कई संस्थाएं और अदालत मौजूद हैं लेकिन
इसके बाद भी तोडफ़ोड़ और आतंक का रास्ता अपनाया जाता है। जिससे सामाजिक वातावरण में असंतुलन की
स्थिति निर्मित होती है। बाजार अंतर्गत एमएलबी स्कूल के सामने कपड़े की दूकान का एक ठेेला जानबूझ कर एक
व्यक्ति द्वारा पलटा दिया गया। जिससे व्यापारी को काफी परेशानी उठानी पड़ी। स्थानीय वार्ड नंबर 20 घरौला
मोहल्ला निवासी व दूकानदार मुकेश कुमार रावलानी पिता अर्जुनदास रावलानी ने कोतवाली में घटना की शिकायत
की है। घटना के संबंध में व्यापारी संघ के पदाधिकारी प्रकाश ओचानी ने कहा कि बलप्रयोग की ऐसी घटनाओं से
व्यापारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है और व्यवसाय में रुकावट आती है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए
प्रशासन को रोकथाम करनी चाहिए और अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।
फरियादी ने शिकायत में उल्लेख किया कि 18 जनवरी को जब वह सुबह 8 बजे अपने दुकान गया तो दुकान पूर्ण रूप
से क्षतिग्रस्त अवस्था में पलटी पाई गई थी। तभी वहां और अन्य व्यवसाय करने वाले व्यक्ति भी वहां आ गये। श्री
रावलानी ने बताया कि उसके जीविकोपार्जन का सहारा एक मात्र दुकान ही है। आर.डी. बिलैया द्वारा मुझे बार -बार
अश्लील गालियाँ देते हुए धमकी दी गई थी कि उक्त दुकान को मैं तोड़वाकर फेंक दूँगा। फरियादी ने कोतवाली प्रभारी
से जांच कर कार्यवाही की मांग की है।
दूकानदार ने कहा कि वह शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई कन्या स्कूल के सामने कपड़े के व्यवसाय के लिए एक लोहे
का दुकाननुमा ठेला बनवाकर रेडीमेड कपड़े का व्यवसाय निरन्तर 40 वर्ष पूर्व से करता चला आ रहा है। यह ठेला
शासकीय नजूल भूमि पर रखा हुआ हैं। शासकीय नजूल भूमि का नियमानुसार लीज पर वर्ष 2007 से लिया गया है,
जिसकी समस्त लीज संबंधी राशि शासन की ओर विधिव जमा कर दिया गया एवं उक्त लीज शासकीय नियमानुसार
प्रत्येक तीन वर्ष में नवीनीकरण कराया गया है। निरन्तर शासकीय राशि का भुगतान नियत समय पर किया गया है।
फरियादी मुकेश कुमार रावलानी ने कोतवाली प्रभारी को दी गई शिकायत में उल्लेख किया कि उक्त नजूल राशि को
आर.डी. बिलैया द्वारा अपनी स्वत्व की भूमि बताकर बिना किसी अधिकार के बाद विवाद किया जा रहा था एवं वर्ष
2007 में ही मेरे उक्त कपड़े की दुकान पर आग लगा दी गई, जिससे लाखों की क्षति हुई थी। मेरे द्वारा उक्त भूमि का
नजूल से विधिवत् पट्टा भी बनवा लिया गया है। शासकीय समस्त राशि का भुगतान कर नजूल नियम के तहत 10
जनवरी 2023 को रजिस्ट्री करवाकर पट्टा प्राप्त 31 मार्च 2051 तक का पट्टा भी प्राप्त कर लिया गया है।