पीत पत्रकारिता: कापी-पेस्ट से चल रही पत्रकारिता @ खबरों की चोरी की जांच करेगी कोतवाली पुलिस

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पुलिस सहित एसडीएम व जनसंपर्क को

लिखित शिकायत

मामला साप्ताहिक समाचार पत्र के

संपादक का

 

शहडोल। बीते एक दशक से पत्रकारिता के क्षेत्र में आई बाढ़ ने सेवा व जुनून वाले इस पेशे को भी कारोबार में बदल दिया है, सोशल मीडिया के वॉटसएप, ब्लॉग, ट्विटर, फेसबुक जैसे प्लेटफार्म के साथ ही ई-पेपर के चलन ने प्रिंट होकर आमजनों के हाथों तक पहुंचने वाले प्रिंट मीडिया के दैनिक, सप्ताहिक व मासिक समाचार पत्रों को हाशिए पर लाकर खड़ा कर दिया है। शहडोल भी पत्रकारिता के क्षेत्र में आई गिरावट और नौसिखियों की बाढ़ से अछूता नहीं है, दैनिक समाचार पत्र के ई-संस्करण से समाचारों की चोरी और कापी-पेस्ट की शिकायतें तो आती रही हैं, लेकिन शहडोल से प्रकाशन बताने वाले साप्ताहिक समाचार पत्र मध्य भारत समाचार के संपादक दीपक केवट का मामला शनिवार को कोतवाली पहुंचा है।

पीडीएफ से छेड़छाड़

 

दैनिक समाचार पत्र के ई-संस्करण से समाचार पत्र की पीडीएफ फाईल डाउन लोड कर उसके साथ छेड़छाड़ की शिकायत कोतवाली सहित जनसंपर्क व एसडीएम सोहागपुर से की गई है, समाचार पत्र के 25 अगस्त को जबलपुर संस्करण तथा उसके शहडोल के पुल आउट की पीडीएफ फाईल इंटरनेट से डाउन लोड की गई और इसके बाद उससे छेड़छाड़ कर पीडीएफ का हुबहू प्रकाशन मध्य भारत समाचार के 26 अगस्त 2021 के अंक में किया गया। खुद को तथाकथित समाचार पत्र का संपादक बताने वाले दीपक केवट नामक युवक ने पीडीएफ में छेड़छाड़ कर उसे एडटिंग के साथ अपने समाचार पत्र के नाम के साथ परोस दिया।

सिर्फ सोशल मीडिया तक

सीमित अखबार

समाचार पत्र की प्रिंट लाईन के अनुसार पत्र का प्रकाशन और संपादक दीपक केवट के द्वारा इसे घरौला मोहल्ला वार्ड नंबर 13 से प्रकाशित किया जाता है तथा इसका मुद्रण गौरव इंटर प्राईजेज, गंज रोड शहडोल से होना बताया गया है। उक्त मामले में गौरव इंटर प्राइजेज के प्रबंधक तेज प्रताप ने बताया कि उनके प्रिटिंग संस्थान से उक्त अंक का प्रकाशन नहीं किया गया है। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि इस संदर्भ में हमारे द्वारा पुलिस तथा कलेक्टर व आरएनआई से मामला दर्ज करने व जांच के लिए पत्र लिखा जायेगा।

गिर रहा पत्रकारिता का स्तर

शहडोल तथा संभाग के चारों ओर घिरे प्रदेश के अन्य जिलों में बीते 2 से 3 वर्षाे से पत्रकारिता की आड़ में अनपढ़ों व नौसिखियों की बाढ़ सी आई हुई है, जो दीपक केवट की तरह ही समाचार पत्रों के शीर्षक का सत्यापन करवाकर, आरएनआई के लिए एक अंक प्रकाशित करवा कर, भोपाल या अन्य जिलो में प्रकाशित समाचार पत्रों के संभागीय व जिला ब्यूरो बनकर पीडीएफ फाईलें वॉटसएप पर शेयर कर पत्रकार बने हुए हैं, इस क्रम में वॉटसएप और फेसबुक के ऐसे पत्रकार भी शामिल हैं, जिन्हें न तो पत्रकारिता का क, ख, ग आता है और न ही उनके पास किसी समाचार-पत्र को आकार देने की समझ ही है। इतना ही नहीं अपंजीकृत ब्लॉग और पोर्टल की संख्या भी संभाग में सैकड़ा भर से अधिक हो चुकी है, जिन्होंने पत्रकारिता को पलीता तो लगाया ही, साथ ही समाज और प्रशासन के लिए भी सिरदर्द बने हुए है, जिन पर समय रहते कार्यवाही की दरकार है।

जनसंपर्क विभाग की भूमिका संदिग्ध

शहडोल स्थित जनसंपर्क के संभागीय कार्यालय के समझ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विभाग द्वारा मीडिया के लिए बनाये गये वॉटसएप के पीआरओ ग्रुपों में दीपक केवट और इस जैसे दर्जनों फर्जी पत्रकारों के नाम शामिल किये हैं, जहां से इन्हें पीत पत्रकारिता करने का बल मिलता है। जबकि जनसंपर्क विभाग को इस बात का ख्याल करना चाहिए कि जिले में जो व्यक्ति पत्रकारिता कर रहे हैं, वास्तव में उनके पास समाचार पत्र या अधिकृत न्यूज पोर्टल व चैनल है या नहीं।

इनका कहना है..

शिकायत आपसे प्राप्त हुई है, मामले की जांच कर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।
रत्नांबर शुक्ला
कोतवाली प्रभारी, शहडोल
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इस संदर्भ में कोतवाली प्रभारी को निर्देश दिये जा रहे हैं, जल्द ही जांच और कार्यवाही की जायेगी।
मुकेश वैश्य
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, शहडोल
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इस संदर्भ में आप थाने सहित एसडीएम को शिकायत दे दीजिए, कार्यवाही अवश्य की जायेगी।
डॉ. सतेन्द्र सिंह
कलेक्टर, शहडोल

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