नशीली दवाओं से युवा हो रहे बर्बाद

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(अनिल तिवारी)
शहडोल। नशीली दवाओं पर प्रतिबंध के बावजूद भी नगर के कई ठीहों पर नशीली दवा खुलेआम बेची जा रही हैं। जहां इस सूखे नशे के सेवन से युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो रहा है, वहीं नशे के माफियाओं की चांदी हो रही है। नगर में युवक कोरेक्स, प्रॉक्सीवॉन, डॅायजीपाम, व नशीले इंजेक्शनों का प्रयोग कर अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं। वहीं उनके परिजन भी बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित है। आलम यह है कि कुछ युवक नशीली दवा खरीदने के लिए अनुचित कार्य भी कर रहे हैं। क्षेत्र में चोरी आदि की घटनाओं में भी बढ़ोत्तरी हुई है। चौराहों व मुख्य मार्गो से गुजरने वाली महिलाओं को भी नशेड़ी युवकों की छींटाकशी का सामना करना पड़ता है। विरोध करने पर झगड़ा करने से भी गुरेज नहीं करते। अगर शीघ्र सख्त कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई तो युवा अपने जीवन को अंधकारमय बना लेंगे। दवाओं की आड़ में नशे के धंधेबाज जिला मुख्यालय में पहले भी पकड़े जा चुके हैं, लेकिन उन पर प्रभावी कार्रवाई नहीं होने से प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री पर रोक नहीं लग सकी। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) ने दवा प्रतिष्ठानों की जांच के लिए कभी सघन अभियान नहीं चलाया। संभागीय मुख्यालय में कल्याणपुर में दुर्गा मंदिर के सामने, खैर माता मंदिर के आस-पास,मीट मार्केट के पीछे, घरौला मोहल्ला, सोहागपुर में भूसा तिराहा के आस-पास नशीली दवाओं के सप्लायर आम नागरिकों की तरह बैठे रहते हैं और कोड वर्ड में बात करने पर नशीली दवाएं उपलब्ध कराते है, सोहागपुर सहित कोतवाली पुलिस की चुनावी व्यस्तता का फायदा नशे के कारोबारियो को जमकर मिल रहा है।

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