पाण्डेय जी पर नहीं चल रही जीरो टालरेंस नीति

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अपना कार्य छोड़ तीन पदों की बढ़ा रहे शोभा

जिला शिक्षा अधिकारी ने नियम विरूद्ध दिया प्रभार

शहडोल। भ्रष्टाचार को लेकर हमारी जीरो टालरेंस की नीति है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट बैठक से पहले मंत्रियों से कही थी। सरकार ने मई माह में उच्च शिक्षा विभाग में पदस्थ विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी संजय जैन को अनुकंपा नियुक्ति के मामले में पैसे मांगने पर जांच उपरांत बर्खास्त किया था, मुख्यमंत्री ने कहा था कि सरकार भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी। मेरे बड़े स्पष्ट निर्देश हैं कि ऐसे मामलों में बिना किसी विलंब के कठोरतम कार्रवाई की जाए, बीते माहों में विधानसभा होना है, संभाग का शिक्षा विभाग एक अलग ही कीर्तिमान गढ़ रहा है, लेकिन जिले से लेकर राजधानी तक के नौकरशाह गंभीर मामलों में भी चुप्पी साधे हुए है, इससे मुख्यमंत्री की मंशा फलीभूत होती नजर नहीं आ रही है।
शिक्षा विभाग जैसा आदर्श विभाग भी अब भ्रष्टाचार के दोषों से मुक्त नहीं है, धन लोभियों ने यहां भी घुसपैठ कर विभाग को कलुषित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, रमसा के परियोजना समन्वयक पर गंभीर आरोप लगने के बाद उन्हें पोषित करने के मामले में जिले से लेकर राजधानी तक के नौकरशाह कटघरे में हैं, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री की जीरो टालरेंस की नीति का भी शिक्षा विभाग में धुआं निकल रहा है। वरिष्ठ अध्यापक अरविंद पाण्डेय की कार्य कुशलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बच्चों को पढ़ाने के लिए इनकी नियुक्ति शासन द्वारा की गई थी, लेकिन वर्तमान में बच्चों को पढ़ाने की जगह तीन-तीन प्रभार लेकर पूरे विभाग को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है।

अरविंद पाण्डेय की पकड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्तमान में जिले में उनके नाम का सिक्का चल रहा है, श्री पाण्डेय लेखापाल, एपीसी रमसा सहित अतिरिक्त परियोजना समन्वयक का प्रभार सम्हाले हुए है, 5 अक्टूबर 2016 को जिला स्तरीय कार्यालय में सहायक परियोजना समन्वयक के पद के लिए 2 वर्ष के लिए सशर्त प्रतिनियुक्ति दी गई थी, प्रतिनियुक्ति अवधि में म.प्र. शासन के नियम एवं शर्तें लागू की गई थी, लेकिन शिक्षा का पाठ पढ़ाने वाला विभाग 7 साल बाद भी अरविंद पाण्डेय पर इतना मेहरबान है कि उन्हें वापस बच्चों को पढ़ाने भेजना भूल गया या फिर बीते माहों में लगे गंभीर आरोपों के चलते उन्हें शिक्षा के मंदिर में भेजना नहीं चाहता, यह नौकरशाह ही जाने।

18 अक्टूबर 2019 को जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी शहडोल के रिक्त पद की प्रतिपूर्ति होने तक के लिए अरविंद कुमार पाण्डेय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शिक्षक एवं सहायक जिला परियोजना समन्वयक को अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी शहडोल के दायित्व के लिए प्रभारी नियुक्त कर दिया, मजे की बात तो यह है कि जिला शिक्षा अधिकारी से जिले की मुखिया कितना खुश हैं, यह विभाग के अधिकारी स्वयं जानते है, लेकिन अरविंद कुमार पाण्डेय पर बीते माहों में लगे गंभीर आरोपों के बावजूद तीन-तीन पदों से नवाज कर रखना और उन्हें मूल कर्तव्यों पर वापस न भेजने के चलते पूरा विभाग और जिम्मेदारों पर उंगली उठने लगी है।

प्रताड़ित महिला के नाम से अप्रैल माह में आयुक्त लोक शिक्षण म.प्र. शासन भोपाल से एपीसी अरविंद पाण्डेय पर गंभीर आरोप लगे थे, शिकायत के बाद 03 मई 2023 को अपर संचालक राजीव सिंह तोमर ने इसकी जांच अरविंद पाण्डेय को नियम विरूद्ध सहित अधिकार से हटकर प्रभार देने वाले जिला शिक्षा अधिकारी को जांच सौंपी, शिकायत में फरियादी ने यौन शोषण/दुष्कर्म का जबरजस्ती वीडियो बनाने, वीडियो के आधार पर ब्लैकमेल कर आए दिन पैसा ऐंठने जैसे गंभीर आरोप लगाये थे, हालाकि जांच जिन्हें मिली उन्होंने जांच में क्या मिला, यह तो वही जाने, लेकिन अगर शिकायत गलत थी तो, शिकायतकर्ता पर यौन शोषण/दुष्कर्म का जबरजस्ती वीडियो बनाने, वीडियो के आधार पर ब्लैकमेल कर आए दिन पैसा ऐंठने जैसे गंभीर आरोप लगाने पर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए थी, हालाकि शिकायत के बाद पहले तो अरविंद पाण्डेय को नवाजे गये पदों से मुक्त कर मूल पदस्थापना पर भेजना चाहिए था, जिससे जांच प्रभावित न हो सके, चर्चा है कि अरविंद का सत्ताधारी दल के नेताओं सहित राजधानी में बैठे अधिकारियों से इतनी अच्छी सेटिंग है कि भ्रष्टाचार के आरोप सहित गंभीर आरोप लगने के बावजूद उसे हिला पाना संभव होता दिखाई नहीं दे रहा है। पूर्व में जिले की कलेक्टर रही श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव वर्तमान में शिक्षा विभाग में प्रमुख सचिव है, लोगों को आस है कि वह जरूर इस मामले में संज्ञा लेकर कुछ कर सकती है।

 

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