उमेश नामदेव मुर्दाबाद….के लगे नारे..परिजनों का भड़का आक्रोश, प्रसूता सुधा के बाद पुत्र की मौत

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परिजनों से मिलने पहुंचे एसडीएम और प्रशासनिक अमला, डॉक्टरो पर हो हत्या का मामला दर्ज

(सुधीर शर्मा-9754669649)


शहडोल। साहब मेरा बेटा लौटा दो, जिला अस्पताल को कितना पैसा चाहिए, मेरे बच्चे और पत्नी सुधा के मौत के बाद अब किसी की मौत अस्पताल में नही होना चाहिए यह कहकर पीड़ित पिता प्रभात गुप्ता फूटकर रोने लगा, इस बीच परिजनों ने एसडीएम धर्मेन्द्र मिश्रा की उपस्थिति में सिविल सर्जन डॉ. उमेश नामदेव के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे, परिजनों ने एक स्वर होकर जिम्मेदार डॉक्टरों के विरुद्ध जांच कराकर उनके लायसेंस रद्द करने की मांग की है, वही उमेश नामदेव के खिलाफ हत्या का अपराध पंजीबद्ध हो साथ ही इस पूरे मामले निष्पक्ष जांच कराई जाए।

मामले में लीपापोतीजिले के खैरहा गांव की रहने वाली सुधा गुप्ता की प्रसव पीड़ा में जिला अस्पताल में मौत हो गई थी, घटना के ठीक दो दिन बाद नवजात ने भी डॉक्टरों की लापरवाही से दम तोड़ दिया। इस पूरे मामले में परिजनों ने उमेश नामदेव पर लीपापोती का आरोप लगाया है। एसडीएम धर्मेन्द्र मिश्रा सोमवार की सुबह परिजनों से मिलने खैरहा पहुंचे थे, उन्होंने इस दुख की घड़ी को सहने की ईश्वर से प्रार्थना की और पूरे घटना क्रम की उच्च स्तरीय जांच कराने की बात कही है। परिजनों ने लिखित आवेदन सौपते हुए डॉक्टरों के कार्यशैली पर जमकर सवालिया निशान उठाया गया, परिजनों का आरोप है कि जिन डॉक्टरो की ड्यूटी अस्पताल प्रशासन द्वारा लागया गया था, उन्होंने हंगामे के भय से जानबूझ कर नवजात के मृत होने की बात छुपाई, पल्ला झाड़ने के लिए साजिश पूर्वक जिला अस्पताल से नवजात को रेफर किया गया।

डॉक्टरो ने बच्चे को बताया मृतपरिजनों ने बताया कि डॉ. उमेश नामदेव इस मामले में किनारा करने के लिए बच्चे को अस्पताल से बाहर भेज दिया गया, लेकिन जब बच्चे को उमरिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया तो डॉक्टरो ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद भी परिजनों को संतोष नही हुआ वे जबलपुर के लिए निकल पड़े, रास्ते मे कटनी में भी डॉक्टर नवजात को मृत ही बताया, इसके बाद भी परिजनो ने हिम्मत नही हारे और वे जबलपुर के तीन अस्पतालों में बच्चे की जांच करवाई, जहां पर डॉक्टरो ने उसे लगभग 48 घंटे पहले मृत होने की बात कही। यही नही परिजनों का कहना है कि मेडिकल कालेज जबलपुर के डॉक्टरों ने उमेश नामदेव के कहने पर बच्चे के जांच संबंधी दसतावेज नही दिये।

ये रहे मौजूदकेशरवानी वैश्य नगर सभा अध्यक्ष लक्ष्मण गुप्ता के अगुवाई में एसडीएम के अलावा तहसीलदार बुढ़ार बालकृष्ण मिश्रा, एसडीओपी धनपुरी भरत दुबे, थाना प्रभारी खैरहा योगेंद्र सिंह परिहार, आरआई राजकुमार टांडिया, क्षेत्रिय जनपद सदस्य अंजय सिंह, मंडल अध्यक्ष दीपक शर्मा, समाजसेवी जितेंद्र सोनी, अनिल गुप्ता, सरपंच गणेश रौतेल, उपसरपंच गंगा कचेर, प्रधान आरक्षक ज्ञानेंद्र सिंह, आरक्षक गणेश पांडेय, शाऊल मोरिष, विजय महरा कर अलावा सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

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