कच्चे हिसाब में बिक रही राजश्री, करोड़ों की कर चोरी कर रहे कारोबारी

शहडोल सहित अनूपपुर और उमरिया जिले में प्रतिदिन लाखों की खपत
आयकर सहित वस्तु एवं सेवाकर विभाग की चुप्पी
(शम्भू यादव @9826550631)
जीएसटी लागू होने के बाद भी संभाग के तीनों जिलों में प्रतिदिन लाखों रूपये का राजश्री गुटखा कच्चे में खप रहा है, बीते माहों में भोपाल सहित दिल्ली के कारखानों व कार्यालयों में छापे तो पड़े थे, लेकिन इसके बाद भी जिले में चोरी-छुपे राजश्री गुटखे का कच्चे हिसाब में लाखों का कारोबार हो रहा है। आयकर सहित वस्तु एवं सेवाकर विभाग या तो इनसे मिले हैं या अपने कर्तव्यों से विमुख हो चुके हैं।
शहडोल । संभागीय मुख्यालय सहित पड़ोस के अनूपपुर और उमरिया जिलों के प्रमुख कस्बों में बैठे राजश्री गुटखे के कारोबारी शासन को प्रतिदिन लाखों की चपत लगा रहे हैं, हर दिन संभाग के तीनों जिलों में बिकने वाले गुटखे का एक बड़ा हिस्सा बिना जीएसटी चुकाये ही बेचा जा रहा है। जिसमें जीएसटी सहित गुटखे से होने वाली आय की भी चोरी की जा रही है। इससे क्षेत्र में मुनाफाखोरी जैसे व्यापार को भी बल मिल रहा है, आयकर सहित जीएसटी की चोरी पर निगरानी रखने के लिए शहडोल सहित उमरिया में भी कार्यालय शासन द्वारा बनाये गये हैं, लेकिन खुलेआम कच्चे हिसाब में लाखों का कारोबार हो रहा है। आरोप हैं कि वस्तु एवं सेवाकर विभाग के साथ ही आयकर विभाग के जिम्मेदार ऐसे कारोबारियों के संपर्क में रहकर उन्हें आर्थिक लाभ के फेर में कर चोरी करने की खुली छूट दिये हुए है।
दिखावे का कारोबार जीएसटी में
जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर देश में लागू होने से पहले केन्द्र सरकार ने इसके कई फायदे गिनाए थे। उसमें एक लाभ यह भी था की जीएसटी लागू होने के बाद ग्राहकों को कच्चे बिल से मुक्ति मिल जाएगा। हर दुकानदार ग्राहक को पक्का बिल देगा। लेकिन जीएसटी लागू होने के दो वर्ष बीत जाने के बाद भी पक्के बिल की अवधारणा शहडोल संभाग में लागू नहीं हो सकी। जिले में आज भी 80 फीसदी व्यापार कच्चे बिल पर दौड़ रहा है वह भी बिना रोक टोक के। परचून की दुकान हो या गारमेंट की, कपड़े की दुकान हो या इलेक्ट्रिक का सामान, होटल हो या रेस्टेरेंट। जिले में प्रतिदिन करोड़ों का कारोबार करने वाले हार्ड वेयर ,बालू गिट्टी एवं सरिया के कारोबारी भी उपभोक्ताओं को कच्चा बिल थमाकर हर माह सरकार को लाखों रुपए टैक्स का चुना लगा रहे हैं।
बनती हैं दो खाता बही
राजश्री के कारोबार से जुड़े व्यापारी इन दिनों दो-दो खाता बहियों का संचालन कर रहे हैं, ऐसा नहीं है कि इनके द्वारा जीएसटी और आयकर आदि नहीं चुकाये जा रहे हैं, फर्क सिर्फ इतना है कि जो राजश्री पक्के बिलो में कर चुकाकर आ रही है, उसे आगे भी उसी सिस्टम से बढ़ाया जाता है, जिसके लिए बनाई गई खाता-बही सामने रहती है, दूसरी खाता-बही कच्चे की होती हैं, जिसमें व्यापारियों के नाम भी गोपनीय कोड के नाम से अंकित किये जाते हैं। चूंकि गोदाम में रखा स्टॉक और परिवहन के माध्यम से जा रही हर खेप की जांच नहीं होती, इसका फायदा व्यापारी खुलेआम उठा रहे हैं।
उमरिया से बिजुरी तक फैला नेटवर्क
वस्तु एवं सेवाकर विभाग सहित आयकर विभाग के अधिकारियों से राजश्री गुटखे के भोपाल और अन्य स्थानों पर स्थित कारखानों में छापे और बड़े पैमाने पर समूह बनाकर की गई कर चोरी का मामला छुपा नहीं है, यही नहीं इन विभागों के अधिकारियों की नजर से संभाग भर में फैले गुटखे के कारोबारियों का नेटवर्क भी परे नहीं है। बावजूद इसके तीनों जिलो में फैले गुटखे के नेटवर्क और उसके पीछे चल रहे करोड़ों के कच्चे और पक्के के खेल से इन्होंने आंखे क्यों मूंदी है, यह समझ से परे है, आरोप है कि शहडोल मुख्यालय के मुकेश नामक कारोबारी द्वारा सक्षम ट्रेडर्स नामक फर्म, उमरिया में शंकर रंगलानी, जयसिंहनगर में स्नेह किराना, बुढ़ार में कृति ट्रेडर्स और अनूपपुर जिले के कोतमा में दीपक राजानी के अलावा बिजुरी में सुनील जैन के साथ ही अनूपपुर व जैतहरी में भी इस कारोबार के बड़े ठीहे हैं, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि यहां अगर दोनों ही विभागों के अधिकारी ईमानदारी से दस्तावेज खंगाले तो, बड़ी गड़बडिय़ा सामने आ सकती है।
भोपाल में यह हुआ, शहडोल में शून्य रहे विभाग
राजश्री पान-मसाला कंपनी द्वारा पिछले 9 महीने में एक हजार करोड़ रुपए से अधिक की टैक्स चोरी की है। यह खुलासा जांच एजेंसियों की अब तक की जांच में सामने आया है। टैक्स चोरी का यह आंकड़ा एक हजार करोड़ रुपए अधिक होने की आशंका है। टैक्स चोरी के लिए कंपनी ने अपने रिकॉर्ड में पिछले 9 महीने में 127 करोड़ पाउच की पैकिंग करने का दावा किया है, लेकिन जांच में सामने आया है कि इस दौरान फैक्टरी में 450 करोड़ पाउच पैक किए गए हैं। टैक्स चोरी के इस मामले में ईओडब्ल्यू गुटखा किंग शिवकांत चौरसिया और कमलकांत चौरसिया समेत अन्य संचालकों को जांच के दायरे में लिया था, लेकिन इतने बड़े मामले के सुर्खियों में आने के बाद भी शहडोल संभाग की जिम्मेदारी सम्हाले दोनों विभाग तब से अब तक मौन है।