कहीं ग्रीन वैली लूट न ले जिंदगी भर की जमा पूंजी!

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30 जुलाई की डिप्टी कलेक्टर की रिपोर्ट रद्दी में
पोण्डानाला स्थित सांई प्रभा में आज भी जारी है अतिक्रमण

(Amit Dubey-8818814739)
शहडोल। मुख्यालय के विभिन्न हिस्सों पर नजूल की भूमि पर अतिक्रमण और प्राकृतिक धरोहरों को दफन करने का खेल-खुलेआम खेला जा रहा है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि नपा और तहसील सहित एसडीएम कार्यालय के जिम्मेदार इसमें अतिक्रमणकारियों के साथ मिलकर उन्हें छूट दे रहे हैं, मजे की बात तो यह है कि मुख्यालय में दो अलग-अलग अतिक्रमणों के मामले में एक में तहसीलदार ने गांधी चौक स्थित चंद्रलोक वस्त्रालय के संचालक को 90 हजार रूपये का जुर्माना सहित निर्माणाधीन भवन ढहाने के आदेश दिये, लेकिन अपने वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा पोण्डानाला स्थित सांई प्रभा कालोनाईजर के मामले में भेजे गये जांच व कार्यवाही के दस्तावेजों में तहसीलदार ने चुप्पी साध रखी है।
स्थगन के बाद भी निर्माण
सूत्रों का कहना है कि पोण्डा नाला स्थित भू-खण्ड में सांई प्रभा नामक फर्म पर पहले से ही स्थगन आदेश जारी है, इसके बाद भी अनावेदक द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा है, इस शिकायत पर राजस्व निरीक्षक द्वारा प्रतिवेदन के बाद भी निर्माण कार्य होना अपनी रिपोर्ट में दर्शाया है, अनावेदक न्यायालयीन प्रक्रिया में अनुपस्थित रहा, जिसकी वजह से 5 अप्रैल 2019 को उनके विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की गई। अनावेदक द्वारा कोई भी ऐसा दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया, जिससे वह सिद्ध हो सके कि प्रश्नाधीन आराजी उसके भू-स्वामित्व की है।
सांई प्रभा को खुली छूट
पोण्डा नाला स्थित भू-खण्ड में सांई प्रभा नामक फर्म द्वारा प्राकृतिक नाले को दफन कर उसके स्वरूप को बदल दिया गया, बीती 25 जुलाई को डिप्टी कलेक्टर सुश्री पूजा तिवारी ने मौके पर पहुंचकर जांच की और अपने विभागीय प्रतिवेदन क्रमांक 3904 तहसीलदार को भेजा, पत्र में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया कि ग्राम फतेहपुर एवं नरसरहा सीमा के मध्य स्थित नाला जो खसरा क्रमांक 58 एवं 84 शासकीय आराजी भूमि में स्थित है, उक्त नाले में सत्यप्रकाश पिता दधिवल प्रकाश मिश्रा व अन्य द्वारा अतिक्रमण किया गया है। अत: मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के अधीन प्रकरण दर्ज कर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करें। डिप्टी कलेक्टर कार्यालय से उक्त पत्र जारी होने के लगभग दो माह बाद भी तहसीलदार की कार्यवाही नहीं दिखी।

संकट में अस्तित्व
सोहागपुर तहसील में कई ऐसे कर्मचारी तैनात हैं, सूत्रों का कहना है कि जिनकी कृपा पर पोण्डा नाले का अस्तित्व संकट में है, जिले में माफियाओं से लेकर राजनेताओं तक पैठ बनाने वाले तहसील के कर्मचारियों पर अधिकारी भी हाथ डालने से डरते नजर आ रहे हैं, खबर है कि कथित माफिया द्वारा स्थानीय नेताओं से सांठ-गांठ कर कथित लोगों द्वारा इन्हें चुप कराकर रखा हुआ है, ऐसा नहीं है कि यह सब खेल चोरी छुपे हो रहा है, भू-माफियाओं द्वारा खुलेआम प्रशासन को चुनौती देते हुए उक्त निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
शासन को लगाई चपत
अवैध रूप से बनाई गई इन कालोनियों में मकानों की बिक्री के लिए भू-माफियाओं द्वारा खरीददारों को तरह-तरह के लालच, प्रलोभन और स्कीमें दी जा रही हैं,सूत्रों का कहना है कि लेकिन सुविधाएं कुछ भी नहीं, सिंहपुर रोड के पास निर्माणाधीन कॉलोनी के पास पानी की निकासी के लिए शासकीय नाला था, सूत्रों का कहना है कि भूमाफियाओं द्वारा प्रशासन से सांठगांठ कर पूरे नाले के स्वरूप को ही बदल दिया गया, भूमाफियाओं द्वारा इस बेशकीमती जमीन पर कब्जा कर शासन को लाखों रुपए की चपत लगाई जा रही है।

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