कारोबारी सुरेश अग्रवाल की मौत, पत्नी और बेटी की हालत गंभीर
(अनिल साहू-+91 70009 73175)
चंदिया। थाना क्षेत्र अंतर्गत गढ़ी इलाके में कारोबारी सुरेश अग्रवाल, पत्नी और बेटी पर देर रात अज्ञात आरोपी ने तलवार से जानलेवा हमला कर दिया। इस घटना में कारोबारी सुरेश अग्रवाल की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। वहीं पत्नी संगीता का गंभीर हालत में इलाज चल रहा है। 15 साल की बेटी कशिश भी इस हमले में गंभीर रुप से घायल हुई हैं। शुरुआती जांच में पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक ये हमला देर रात किया गया है और हमलावर बहुत जल्दी मौके से फरार हो गए।
आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग
परिवार पर उस वक्त तलवार से हमला किया है, जब वो घऱ में सो रहे थे। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंचीं थी और घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस फिलहाल घटना के संबंध में कुछ भी बताने से परहेज कर रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद पुलिस अधीक्षक असीत यादव मौके पर पहुंचे थे। घटना के बाद से ही पूरा शहर में दहशत हो गई है,वहीं घटना के बाद मौके पर पहुंची लोगों ने आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। इस हमले में किसी एक आरोपी ने घटना को अंजाम दिया है या कुछ और सहआरोपी भी घटना में शामिल थे, ये अभी साफ नहीं हो पाया है। सूत्र बताते हैं कि वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर मौके से भागने की हड़बड़ाहट में हमले में इस्तेमाल की गई तलवार मौके पर ही छोड़ दिया।
सिर पर भी तलवार से कई वार
पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी ने घर में घुसकर सबसे पहले परिवार के मुखिया सुरेश पर तलवार से कई वार किए। बीच-बचाव के लिए आई पत्नी संगीता को भी हमलावर ने नहीं छोड़ा और उनके सिर पर भी तलवार से कई वार किए। इसके बाद हमलावर ने 15 साल की बेटी कशिश को भी नहीं छोड़ा और जान लेने की नीयत से उसपर भी हमला किया। वो किसी तरह बचकर बाहर भागी और स्थानीय लोगों को इस घटना की जानकारी दी। इसके बाद मौके पर लोग पहुंचे, लेकिन तब तक हमलावर भाग गया था।
घऱ के सामान को नहीं लगाया हाथ
वारदात को अंजाम देने को लेकर संजय यादव का नाम सामने आ रहा है, जो घर पर अक्सर दूध दिया करता था। हालांकि आरोपी को लेकर पुलिस ने अभी तक कुछ साफ तौर पर नहीं बताया है। पुलिस के मुताबिक जिस निर्ममता से नकाबपोश हमलावरों ने परिवार पर तलवार से वार किए हैं, उससे ये साफ हो गया कि वारदात का मकसद लूट नहीं था। क्योंकि हमलावरों ने घऱ के सामान को हाथ तक नहीं लगाया है।