किसानों ने एनएच-43 को घंटों किया जाम

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कालरी प्रबंधन के खिलाफ फूटा आक्रोश

(Amit Dubey-8818814739)
शहडोल। कालरी प्रबंधन से परेशान ग्रामीण किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक -43 को ग्राम बटुरा बिछिया के पास सोमवार को बन्द कर आने वाले दिनों में बड़े आंदोलन का संकेत दे दिया है। पिछले 5 साल से रामपुर बेलिया के किसानों की जमीन की खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसके कारण किसानों को तरह-तरह की समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है। कालरी प्रबंधन ने गांव की जमीन दो भागो में बांट दिया। प्रथम भाग का मुआवजा वितरण 80 प्रतिशत किया जा चुका है। अब उन किसानों को नौकरी से वंचित रखा गया है, जबकि दूसरे भाग का मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है।
3 घंटे जाम रहा हाइवे
ग्रामीण जन बार-बार कालरी अधिकारियों और जिला प्रशासन के समक्ष अपनी समस्या रखते रहे, लेकिन उनकी समस्या के समाधान की कोशिश नहीं की गई, जिसके कारण आंदोलन की स्थिति निर्मित हुई। सोमवार की दोपहर 11 बजे से बटुरा के समीप नेशनल हाइवे को लगभग तीन घंटे बन्द कर अपना आक्रोश व्यक्त किया। धरना प्रारम्भ के पूर्व शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। प्रशासनिक सूझबूझ से आंदोलन लिखित समझौते के बाद समाप्त किया गया।
एसडीएम ने लगाई कालरी प्रबंधन को फटकार
आंदोलन का नेतृत्व करने वाले प्रमुख लोगों में भूपेश भूषण, आनंद त्रिपाठी, आदित्य त्रिपाठी, राजकमल मिश्रा, जुगल किशोर, ओमप्रकाश द्विवेदी, दीपू विश्वकर्मा, रामलखन नापित, जनपद सदस्य, स्थानीय सरपंच, उप सरपंच तथा पंचगण उपस्थिति रहे। वही प्रशासन की ओर से एसडीएम रमेश सिंह, तहसीलदार बुढ़ार विकास जैन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण भूरिया पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाइश देते हुए आंदोलन समाप्त कराया। वहीं ग्रामीणों का कहना था कि अगर उनकी मांगों पर जल्द ही अमल नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जायेगा। वही कालरी अधिकारियों को एसडीएम ने फटकार लगा कर समय सीमा में कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया।

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