क्या योजनाओं में बीएमओ ने किया भ्रष्टाचार?
जांच में जयसिंहनगर से बाहर आ सकता है भ्रष्टाचार का जिन्न बाहर
(Amit Dubey+8818814739)
शहडोल। जिले के जयसिंहनगर में ब्लाक मेडिकल ऑफिसर इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं, जहां उनकी तीन वर्ष से अधिक एक ही स्थान पर पदस्थापना को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अपात्रों को आवास देने की खबर सुर्खियां बटोर रही है, लेकिन जिले में बैठे जिम्मेदारों वर्षाे से आवास की मांग कर रहे पात्र हितग्राहियों को न्याय नहीं दिला पा रहे हैं, सूत्र बताते है कि जिले सहित संभाग में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों ने दूसरे विभाग के व्यक्ति को आवास दिलाने में जितनी फुर्ती दिखाई, शायद पात्र हितग्राहियों को आवास दिलाने में इतनी जेहमत उठाते तो शायद उनके व ब्लाक में बैठे अधिकारी पर सवाल नहीं उठते।
इधर भी डालनी होगी नजर
सूत्रों का कहना है कि जब से बीएमओ राजेश तिवारी की पदस्थापना जयसिंहनगर में हुई है, तब से उनके कार्यकाल पर प्रश्न चिन्ह उठ रहे हैं, सूत्रों का कहना है कि खण्ड चिकित्सा अधिकारी के प्रभार के 2 वर्ष बाद ही राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की विभिन्न योजानाओं की राशि का शासन के नियम विरूद्ध खर्च किया गया है, वहीं वर्ष 2012-13 में आशा सहयोगी चयन में भी नियम विरूद्ध अपात्र आशा सहयोगी की भर्ती करने हेतु ब्लाक स्तर पर चयन सूची बनाई गई, चयन सूची बनने के पूर्व कार्यक्षेत्र निर्धारण की कोई बैठक नहीं की गई। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में भी अपात्र आशाओं का चयन सूची में मोटी रकम लेकर आशा सहयोगी बना दिया गया।
कैद है बोतल में भ्रष्टाचार का जिन्न
खबर है कि 2012 -13 में आशा संवेदन का आयोजन हुआ, जिसमें लाखों रूपये की राशि नियम विरूद्ध खर्च की गई, सूत्रों का कहना है कि पल्स पोलियो वर्ष 2013 एवं 2014 में शासन की मोबिलिटी सपोर्ट के वाहन होते हुए भी फर्जी तौर पर प्राइवेट वाहन किराये से लगाए गए एवं उनका भुगतान किया गया। जानकारों का कहना है कि जिले सहित संभाग में बैठे अधिकारी अगर चिकित्सालय में भर्ती होने वाले मरीजों एवं प्रसूताओं को भोजन प्रक्रिया की जांच करें तो भ्रष्टाचार का जिन्न बाहर आ सकता है, सूत्रों का कहना है कि ब्लाक में बैठे अधिकारी द्वारा मनमाने रेट पर खाद्य सामग्री मंगाई जाती है, जिसकी पुष्टि इनके बिलों को देखकर स्वयं हो जायेगी।
जनरेटर के बिलों की हो जांच
सूत्रों का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जयसिंहनगर के जनरेटर का फर्जी तौर पर बिल बनाकर वर्ष में हजारों रूपये का आहरण किया जा रहा है, जिसकी न तो कोई लॉग बुक संधारित है और न ही कोई रिकार्ड संधारित है, अगर इस मामले की निष्पक्ष रूप से जांच हो जाये तो सच्चाई खुद ब खुद सामने आ सकती है। मामले में कितनी सत्यता है यह तो जांच का विषय है।