गौरेला में अजीत जोगी को प्रदेश भर के दिग्गज देंगे अंतिम विदाई @ आई जी बिलासपुर सहित vip का लगा मेला

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रायपुर ।छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री *अजीत प्रमोद कुमार जोगी* के निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार आज गौरेला के पावर हाउस के पास स्थित कब्रिस्तान में किया जाएगा, जिसकी तैयारियां प्रशासन के द्वारा की जा रही है.. जोगी निवास सहित हेलीपैड मैदान में पुलिस के द्वारा बैरिकेट्स लगाए गए हैं, अजीत जोगी के अंत्येष्टि में कई वीवीआईपी शामिल होंगे जिसके लिए स्थानीय प्रशासन तैयारियां एवं सुरक्षा को लेकर मुस्तैद है ताकि भीड़ को नियंत्रित भी किया जा सके । वही बिलासपुर आईजी दीपांशु काबरा व्यवस्था को लेकर मोर्चा संभाले हुए हैं और देर रात से ही गौरेला में उपस्थित हैं ।

प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री और मरवाही के लाडले अजीत जोगी के निधन की खबर शुक्रवार को फैली,जिसके ठीक तुरंत बाद यह दुखद खबर पूरे प्रदेश में भी सोशल मीडिया से पहुंची। मरवाही के साथ ही जोगी समर्थकों के चेहरे गमजदा हो गये है। सैकड़ो चेहरों पर मायूसी छा गई है।


यह खबर जब मरवाही पहुंची जहाँ उन्होंने बचपन गुजारा, प्रारंभिक शिक्षा ली और वहीं से विधायक बनकर मुख्यमंत्री बने, उस क्षेत्र की जनता के लिए एक गहरा सदमा देने वाली थी,

छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री व जेसीसी-जे सुप्रीमो अजीत जोगी का 74 साल की उम्र में आज दोपहर 3.30 बजे निधन हो गया है. जोगी को हार्ट अटैक आने के बाद श्री नारायणा अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां 20 दिन तक चले इलाज के बाद आज शुक्रवार को फिर कार्डियक अरेस्ट आने से उनकी मौत हो गई है. अस्पताल प्रबंधन ने जोगी के निधन की पुष्टि कर दी है।

9 मई को अजीत जोगी को हार्ट अटैक आने के बाद देवेंद्र नगर स्थित श्री नारायणा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिस समय उन्हें हार्ट अटैक आया, तब वो गंगा इमली खा रहे थे. इमली का बीज उनके गले में फंस गया था,अजीत जोगी शुरु से अस्पताल में कोमा में थे और वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था।

अजीत जोगी का जन्म 29 अप्रैल 1946 में बिलासपुर के पेड्रा में हुआ था. उनका पूरा नाम अजीत प्रमोद कुमार जोगी है. उन्होंने भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके कुछ दिन रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में अध्यापन का काम किया. जोगी 1968 में UPSC में सफल
हुए और IPS बने थे. दो साल बाद ही वे ।AS बन गए. वो
रायपुर, शहडोल और इंदौर में 14 साल तक कलेक्टर रहे हैं.

मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सुझाव
पर राजनीति में आए. 1 नवंबर 2000 को जब छत्तीसगढ़
राज्य बना, तब जोगी छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री बने.
मुख्यमंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल 9 नवंबर 2000 से
6 दिसंबर 2003 तक था. महासमुंद लोकसभा सीट से वो
पहली बार सांसद का चुनाव जीते थे, 2004 से 2009 तक
वे सांसद रहे.रायपुर में कलेक्टर थे, उस समय राजीव गांधी के संपर्क में आ गए. जब राजीव गांधी रायपुर रुकते थे तो एयरपोर्ट पर जोगी खुद उनकी मुलाकात करने के लिए पहुंच जाते थे. बताया जाता है कि इस खातिरदारी ने उन्हीं राजनीतिक की टिकट दिला दी. उन्होंने काफी संघर्ष के बाद यह मुकाम हासिल किया था. जोगी काफी लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी में रहे, उसके बाद 2016 में कांग्रेस पार्टी छोड़कर उन्होंने 2018 में अपनी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसी-जे) नाम से अलग पार्टी बना ली थी।

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