जिला प्रशासन की लापरवाही उजागर @ सैनिटाइजर के अभाव में जिला अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों ने किया खुद को पृथक

(अनिल तिवारी)
शहडोल । एक तरफ जहां पूरा देश और विश्व कोरोना संकट से जूझ रहा है, वही मरीजों के लिए दिन-रात अपनी सेवाएं देने वाले आपातकालीन स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य कर्मियों ने खुद को कोरोना संकट के डर से अस्पताल के अंदर ही कार्यों से पृथक कर लिया है,
शर्म की बात तो यह है कि स्वास्थ्य कर्मियों को सैनिटाइजर जैसी व्यवस्था तक जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग मिलकर मुहैया नहीं करा पा रहे हैं, अभी से कुछ देर पहले संभागीय मुख्यालय में स्थित कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय के लगभग आधा सैकड़ा स्वास्थ्य कर्मी जिसमें नर्स, कंपाउंडर,चिकित्सक से लेकर अन्य पदाधिकारी शामिल है, सभी ने मिलकर खुद को आइसोलेट कर लिया है।
पूरे मामले की खबर स्वास्थ विभाग द्वारा कलेक्टर तक पहुंची है,जिसके बाद कलेक्टर डॉ सत्येंद्र सिंह ने जल्द ही सैनिटाइजर उपलब्ध कराने की बातें कही है, फिलहाल इस बात को लेकर जिला चिकित्सालय में सभी स्वास्थ्य कर्मी एकजुट होकर खुद को कोरोना संकट के कारण कार्यों से किनारे किए हुए हैं।
सवाल यह उठता है कि जब स्वास्थ्य कर्मियों को सैनिटाइजर जैसी मामूली व्यवस्थाएं स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन मिलकर उपलब्ध नहीं करा पाएगा, तो ऐसी स्थिति में यहां भर्ती मरीजों और लगातार सर्दी और खांसी के आ रहे मरीजों को स्वास्थ्य कर्मी कैसे सुविधा उपलब्ध करा पाएंगे। सच तो यह है कि स्वास्थ्य कर्मियों को खुद के स्वार्थ की भी चिंता है, यह बात जायज भी है, क्योंकि सैनिटाइजर जैसी व्यवस्था न होने के कारण वे खुद को वायरस से कैसे दूर रख सकेंगे, फिलहाल जिला प्रशासन ने जल्द ही उपलब्ध कराने की बातें कहि हैं।
जिला चिकित्सालय के स्टोर में नहीं है मास्क कर सैनिटाइजर
चिकित्सालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो जिला प्रशासन के द्वारा जिला चिकित्सालय के स्टॉक में रखे गए समस्त मास्क और सैनिटाइजर कलेक्टर कमिश्नर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय के निर्देशों के बाद विभिन्न क्षेत्रों में शासकीय अधिकारियों कर्मचारियों को बांट दिए गए। जिस कारण यहां आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए उपलब्ध नहीं है, फिलहाल जिला चिकित्सालय के स्टोर हाउस कर्मियों की मास्क लेने के लिए भीड़ लगी हुई है, लेकिन अभी वहां कोई भी मास्क को उपलब्ध ना होने की बातें कही गई हैं।