जिला मुख्यालय में अतिथि शिक्षकों ने भरी हुंकार
हम तो सडक पर आए है, तुमको भी सडक पर लांएगें
रैली निकालकर सौपा ज्ञापन, पुलिस हिरासत में पहुंचे अतिथि शिक्षक
अनूपपुर। शिक्षक दिवस के अवसर पर अतिथि शिक्षकों के द्वारा काला दिवस मनाते हुए जिला मुख्यालय में शनिवार को जिलेभर से पहुंचे अतिथि शिक्षकों ने सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए शोषण के आरोप लगाये, इंदिरा तिराहा से रैली निकाल कर कलेक्टट कार्यालय में मुख्यमंत्री के नाम अपर कलेक्टर अमन मिश्रा को ज्ञापन सौपा, अतिथि शिक्षकों ने ज्ञापन के माध्यम उपचुनाव के पहले नियमितीकरण और लॉकडाउन अवधि का मानदेय की मांग की है। 15 वर्षो से भाजपा सरकार द्वारा उन्हे मजदूरो से भी कम मानदेय देकर कार्य कराया, पिछले चुनाव में भी अतिथि शिक्षकों को नकार दिया गया था, जिसके कारण भाजपा की सरकार गिर गई थी, अगर उपचुनाव में भी प्रदेश सरकार के द्वारा उपेक्षित किया गया तो अतिथि शिक्षक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी करेगी।
नारे को किया बुलंद
जिलेभर से मुख्यालय में पहुंचे अतिथि शिक्षकों ने नारे के माध्यम से सरकार को चेतना कि हम तो ‘सडक पर आए है, तुम्हें भी सडक पर लांएगें’ जैसे नारो के माध्यम से अपनी आवाज को बुलंद किया। गौरतलब हो कि सैकडों की संख्या में रैली में पहुंचे अतिथि शिक्षकों ने मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री तक संदेश पहुंचाया है, उन्होने कहा कि अगर इस बार भी अतिथियों की उपेक्षा की गई तो नारे को कहीकत में बदलने की ताकत रखते है।
पुलिस हिरासत में पहुंचे अतिथि
कोतवाली पुलिस ने कई अतिथि शिक्षकों को हिरासत में भी लिया, जहां कई घंटेे लिखा-पढी होने के बाद उन्हे छोडा गया, पुलिस हिरासत में अतिथि शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष विपन तिवारी, रावेन्द्र उपाध्याय, प्रभात नामदेव, दिलीप कुमार, राहुल मिश्रा, लोकनाथ कोल, पारस कुमार द्विवेदी, संजय कुमार साहू, रामनरेश राठौर, गोगुलदास प्रजापति, हेमंत कुमार, अमित कुमार तिवारी, कोमल नामदेव, राम सिंह, प्रदीप कुमार सोनी, संदीप पांडेय, नंदकुमार, हंसलाल, उमा सोनी, कविता प्रजापति, अनामिका गुप्ता, सुनीता गुप्ता, सविता राठौर, सुमनलता धुर्वे, सावित्री राठौर, प्रणेश पटेल को पुलिस ने हिरासत में लिया था।
12 माह को मिले मानदेय
अतिथि शिक्षकों ने ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया कि उन्हे 12 माह को मानदेय दिया जाये, तांकि वह अपने परिवार व स्वयं का भरण पोषण कर सके, 15 वर्षो से उन्हे मजदूरो से भी कम मानदेय मिलता है, इतना ही नही अतिथि शिक्षकों ने कहा कि 6 माह से एक रूपए न तो सरकार द्वारा सहायता दी गई और न ही लॉकडाउन के द्वारा किसी भी प्रकार की सुविधा, उनका पूरा परिवार भूखे मरने की कगार पर आ चुका है। ज्ञापन के माध्यम से अतिथि शिक्षकों ने कोरोनाकाल का मानदेय व अतिरिक्त सहायता की भी मांग की है। जिलेभर से मुख्यालय की रैली में पहुंचे अतिथि शिक्षकों ने एक स्वर में उपचुनाव से पहले नियमितीकरण की मांग की है।
भीख मांगकर किया सफर
जिलेभर से मुख्यालय में ज्ञापन देने पहुंचे अतिथि शिक्षकों के पास किराया न होने की वजह से इंदिरा चौक में आने-जाने वालो से भीख मांग कर आवागमन किया, कुछेक राहगीरो ने अतिथि शिक्षकों की झोली में किराये का पैसा डालकर उन्हे सांत्वना प्रदान की, गौरतलब हो कि पुष्पराजगढ से 40 किलोमीटर दूर व कोतमा से 20 किलोमीटर दूर ग्रामों से भी मुख्यालय तक अतिथि शिक्षक पहुंचे थे, जिनके पास किराये के भी पैसे नही थे, लेकिन हक की लडाई के लिए अपनी आवाज बुलंद करने पहुंचे थे।