तड़के सुबह तेज रफ्तार से आता ट्रेलर घर में जा घुसा ,एक गंभीर

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(

सुधीर यादव#9407070722)

शहडोल! कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत नरसरा डिपो के समीप एक घर में सुबह तड़के 4:00 बजे एक ट्रेलर जा घुसा जहां एक घर के पिता और पुत्र घायल हुए है जहा पुत्र को गंभीर चोट आई है वही पिता बाल बाल बचे!

 

यह है मामला

ग्रीन सिटी होते हुए नरसरा डिपो के पास आज सुबह एक ट्रेलर तड़के 4:00 बजे मोड पर तेज गति से आते हुए एक घर में जा घुसा हादसा इतना तेज रहा कि घर में सोए हुए एक 20 वर्षी युवक  कृष्णा यादव पिता संतोष यादव गंभीर रूप से घायल हो गया है जिसे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है वहीं बाहर सो रहे उसके पिता संतोष यादव को भी चोटे आई हुई है!

 

ड्राइवर और खलासी भागे

सुबह जब लोग अपने घरों पर सो रहे थे तभी एक ट्रक के धड़ाम से घर में घुसने की आवाज बगल में दुर्गा पंडाल में सोए लोगों को लगी जैसे ही वह समझ पाते की ट्रक चालक एवं खलासी गाड़ी के दोनों तरफ के गेट लॉक करके भाग गए गाड़ी खाली रही गाड़ी क्रमांक एमपी 65 एम 9077 है  बताया जा रहा है की ट्रेलर गाड़ी अनूपपुर से शहडोल कोयला लोड करने आ रही थी कि अचानक यह हादसा हो गया!

 

सुबह होते ही लोगों की लगी जमघट

हादसे की जैसे ही खबर आज पड़ोस में लगने लगी वैसे ही लोग घरों के पास इकट्ठा शुरू होने लगे वही आते जाते राहगीर भी इस घटना को देखने लगे स्थानीय लोगों ने इस तेज गति वाले वाहनों को रोक लगाने की बात कही है वही इस हैवी ट्रैकों का प्रवेश भी बस्ती के अंदर से रोकने की मांग की है!

 

जहां जरूरत है वहां नहीं है कंट्रोल

जिला मुख्यालय में हैवी वाहनों का जमावड़ा दिनभर देखा जा सकता है लेकिन ज्यादातर हैवी वाहन चाहे ट्रेलर हो या ट्रक हो हाइवा या पिकअप हो उनकी रफ्तार रात में तेज हो जाती है चाहे वह रेत से भरी डगी हो या फिर कबाड़ से भरा ट्रक इन पर पाबंदी देख सुनकर लगाई जाती है जबकि यातायात विभाग को रात में भी इन पर चौकसी बढ़ानी चाहिए लेकिन इन हादसों को देखकर ऐसा मालूम होता है कि रात में इन अवैध वाहनों की रफ्तार तेज करने की मूक सहमति पुलिस विभाग ने दे रखी हो.!चाहे वह मुख्यालय के गांधी चौक हो शेर चौक हो बुढार चौक हो या फिर जय स्तंभ चौक इन मुख्यालय में रात के समय पुलिस की चौकसी नियमित तौर पर नहीं देखी जा सकती है ऐसी स्थिति में अवैध कार्य करने वाले के हौसले आए दिन बढ़ते चले जाते हैं और जो इस तरह के हादसे को अंजाम देते हैं तो यह कहना मुनासिब होगा कि जहां कंट्रोल करने की जरूरत है वहां कंट्रोल नहीं किया जाता  बल्कि दिनभर दो पहिया वाहनों की जांच पड़ताल में खानापूर्ति करते विभाग अपनी पीठ खुद ही थपथपाता है!

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