…तो क्या पूर्व मंत्री के परिवार के लिए लागू नहीं होते पयारी उपार्जन केंद्र में धान खरीदी के नियम ?

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धान की धांधली,

क्या विभाग ने पूर्व मंत्री के परिवार के लिए बनाई अलग से गाइडलाइन ?

अनूपपुर/ रामभुवन गौतम। अनूपपुर जिले में सामान्य किसान और पूर्व मंत्री के परिवार के लिए धान खरीदी के लिए उपार्जन केदो में अलग से नियम बनाए गए हैं। जहां किसानों को धन उपार्जन केंद्र पयारी में धन उपजन केंद्र के नियम अनुसार केंद्र में ही बोरियां दी जाती हैं और बारदाना में भरने के पूर्व धान की जांच और उसका वजन तोला जाता है, धान में नमी की जांच करवाई जाती है, लेकिन पूर्व मंत्री अनूपपुर के लिए धान उपार्जन केंद्र के नियम बिल्कुल विपरीत है। पूर्व मंत्री के आंगन से धान की बोरियों को उठाकर धर्म कांटा में तौल कर डायरेक्ट उपार्जन केंद्र के गोदाम में रखा जा रहा है। जो कि नियमों के विपरीत है। वहीं विभाग उक्त मामले में पर्दा डालने का प्रयास कर रहा है जहां पंचनामा में पूर्व मंत्री के पुत्रों का नाम का जिक्र न कर मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। धान की कालाबाजारी की जानकारी मिलने पर कार्यवाही करने आए अधिकारियों द्वारा पंचनामा में उक्त मामलों का जिक्र नहीं किया गया है।

पूर्व मंत्री के लिए बदले गए उपार्जन के नियम

धान उपार्जन समिति पयारी के प्रबंधक और उनके कर्मचारियों अधिकारियों के मिली भगत से ट्रैक्टर में बिना धान उपार्जन के नियमों के पालन किए बगैर ही धान डायरेक्ट उपार्जन केंद्र में जमा कराया जा रहा था जबकि नियम के अनुसार किसान रजिस्ट्रेशन का स्टॉल बुक करने के बाद किसान उपार्जन केंद्र में वरदाना लिया जाता है वही गाड़ी इंटर करने से पहले गेट पास और टोकन पर्ची भी दी जाती है लेकिन यह नियम मंत्रियों के लिए पयारी धान उपार्जन केंद्र में लागू नहीं हुए, वहीं इसके बाद किसानों को घंटों इंतजार करने के बाद बोरियां दी जाती हैं और धान को झाला कराया जाता है किंतु पूर्व मंत्री की धान होने के कारण उनके घर से धान आने पर ना तो उनके धान का झाला किया गया और ना ही धान की नमी की जांच की गई, वहीं अवैध तरीके से धान लाने वाले ट्रैक्टर को भी धान उपार्जन केंद्र से धान अनलोड करने के बाद भगा दिया गया, और पंचनामे में उक्त मामले का जिक्र भी नहीं किया गया।

नियमों की विपरीत चल रही धान खरीदी

अनूपपुर कलेक्टर ने भले ही कड़ाई से धान उपार्जन केंद्रों को नियमों का पालन करने का आदेश दिया लेकिन कलेक्टर के आदेश पर उपार्जन केंद्र अमल नहीं कर पा रहे हैं। अपने पूर्व मंत्री के मोह के लालच में उपजन केंद्र के द्वारा लगातार अनिमितता की जा रही हैं, और मंत्रियों के धान को बिना जांच के और नियम विपरीत खरीदा जा रहा है। वहीं वर्तमान स्थिति में जांच में पाया गया की 2212 बोरी की धान का अंतर खरीदी केंद्र में आया है जिसकी जांच की जा रही है। वहीं धान खरीदी केंद्र से सर्वेयर दिनभर गायब रहे, बिना सर्वेयर के ही केंद्र धान खरीदी कर रहे हैं, जिससे प्रशासन को बड़ी हानि खेलने पड़ सकती है।

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