तो क्या….सक्षम जन एक टाइम भोजन पर रहेंगे जिंदा_ लॉक डाउन के चौथे सप्ताह रेस्टोरेंट्स से घर पहुंच सेवा के आदेश ..!

(अमित दुबे)
करीबी को उपकृत कराने की जल्दी में sdm ने कर दी भूल
आर्थिक रूप से सक्षम,पर भोजन पकाने में अक्षम का कलेक्टर ने हवाला देकर जारी किया आदेश
पर क्या पका भोजन- फ़ास्ट फूड एक टाइम खाकर जिंदा रहेंगे बड़े लोग, समय दिया सिर्फ सुबह 9 से 12
अनूपपुर । 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और उसके बाद 24 मार्च से 14 अप्रैल तक लाक डाउन पार्ट one पूरा हो गया और उसके बाद 15 अप्रैल से 19 दिनों के लॉक डाउन की घोषणा देश के प्रधानमंत्री ने की। प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद अलग-अलग प्रांतों और वहां स्थित जिलों के दंड अधिकारियों द्वारा स्थानीय आवश्यकताओं व परिस्थितियों के अनुकूल आदेश जारी किए गए।
कलेक्टर अनूपपुर चंद्रमोहन ठाकुर द्वारा भी इस दौरान अपनी दूरदर्शिता का परिचय दिया गया, शायद कलेक्टर और प्रशासनिक अमले की सूझबूझ का नतीजा रहा कि छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित होने के बाद भी अभी तक जिले में एक भी करोना के मामला सामने नहीं आया । हालांकि अकेला अनूपपुर जिला मध्य प्रदेश में नहीं है, जहां इस तरह पॉजिटिव की संख्या 0 रही हो, पड़ोस के शहडोल ,उमरिया सहित मंडला, डिंडोरी , सीधी आदि जिले भी इस सूची में आते हैं ।
लॉक डाउन 2 के दौरान 24 मार्च से 3 मई के अंतराल में लॉक डाउन के तीसरे सप्ताह कलेक्टर कार्यालय अनूपपुर के द्वारा कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर के हवाले से यह आदेश जारी किया गया कि अब जिले में संचालित होटल,रेस्टोरेंट आदि पका हुआ भोजन निर्धारित 9 से 12 बजे के बीच सिर्फ 3 घंटों के अंदर लोगों के घरों तक पहुंचा सकते हैं।
अचरज इस बात का है कि लाक डाउन केे चौथे सप्ताह कलेक्टर कार्यालय द्वारा आदेश उस घटना के बाद जारी किया गया, जब देश की राजधानी दिल्ली में इसी तरह के पके हुए भोजन और फास्ट फूड आदि की बिक्री करने वाले पिज़्ज़ा ब्वॉय के कोरोना पॉजिटिव होने का मामला सामने आया। जिसके बाद दिल्ली की प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार हरकत में आ गई और उन्होंने उन समस्त लोगों को आइसोलेट व कोरन्टीन कराया। जिसमें 72 परिवार शामिल है यही नहीं उस पिज़्ज़ा ब्वॉय के साथ काम करने वाले लगभग 17 अन्य युवकों को भी क्वॉरेंटाइन किया गया।
कलेक्टर ने अपने आदेश में इस व्यवस्था को लागू करने के पीछे यह हवाला दिया कि जो सक्षम लोग खाना पका कर खाने में अक्षम है, उनकी आवश्यकता को देखते हुए, आदेश जारी किया जा रहा है,पर सवाल यह उठता है कि क्या ये आर्थिक रूप से सक्षम लोग सिर्फ सुबह 9 से 12 बजे के बीच खाना खाकर जिंदा रह जाएंगे, क्या ये दूसरे टाइम भूखे रहेंगे,….. नही….यह कलेक्टर भी जानते है, पर……… शायद एक को कार्यवाही से बचाने ने लिये जल्दबाजी में किये गए आदेश की यह सबसे बड़ी भूल है।
सवाल यह उठता है कि अचानक जब आसपास के अन्य जिलों में इस तरह के कोई आदेश जारी नहीं हुए, उस दौरान अचानक कलेक्टर कार्यालय को इस तरह के रेस्टोरेंट और होटल आदि के माध्यम से भोजन कि घर पहुंच सेवा के आदेश देने के की छूट देने की जरूरत कैसे महसूस की गई ।
दरअसल बीते दिनों अनूपपुर मुख्यालय में यह मामला सामने आया कि जब पूरे जिले के रेस्टोरेंट फास्ट फूड सेंटर व होटलें कलेक्टर व देश के प्रधानमंत्री के एक आदेश पर पूरी तरह से लाक डाउन थे, व बंद किए गए थे, जाहिर है कि इन प्रतिष्ठानों के बंद होने के बाद उन सैकड़ों प्रतिष्ठानों के संचालकों और वहां कार्य करने वाले हजारों कर्मचारियों को रोजी रोटी का संकट सामने आकर खड़ा हो गया होगा। बावजूद उसके कोरोना संकट से निपटने और चल रही इस जंग में उन्होंने अपना भरपूर सहयोग दिया व अपने प्रतिष्ठान अब तक बंद रखे, जबकि जिले में एकमात्र राज कैटर्स जिसे स्थानीय कांग्रेसी समर्थक राज बहोर सोनी द्वारा संचालित किया जाता रहा है, उसे जिला प्रशासन द्वारा पूरे समय फास्ट फूड कि घर पहुंच सेवा की छूट दी गई थी। मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्र में पूरे लाक डाउन के समय उसका उल्लंघन करते हुए कथित केटर्स द्वारा पनीर चिल्ली, मंचूरियन, पावभाजी जैसे करीब डेढ़ से दो दर्जन व्यंजन फोन पर आर्डर लेकर घर पहुंचाए जा रहे थे, अचरज तो इस बात का है कि जहां इस दौरान दिहारी मजदूरों, ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले निवासियों, निराश्रितों के सामने पेट भरने की समस्या खड़ी हुई है।छत्तीसगढ़ और अन्य जिलों से पलायन कर यहाँ से गुजर रहे मजदूरों को भोजन कराने की समस्या से जिला प्रशासन पहले ही जूझ रहा है, ऐसी स्थिति में रेस्टोरेंट, होटल संचालक को जिला प्रशासन द्वारा खासकर अनूपपुर अनुविभागीय अधिकारी कमलेश पुरी द्वारा दी गई छूट मीडिया की सुर्खियां बन गई, यह मामला सामने आने के बाद अगले ही दिन कलेक्टर कार्यालय से जिले के समस्त संचालकों को होटल , रेस्टोरेंट आदि से भोजन के नाम पर पका हुआ पदार्थ घर पहुंचाने के आदेश दे दिए गए यह अपने आप में संदेहास्पद है।
यह है पहला आदेश
अनूपपुर ज़िले के समस्त निवासियों को नमस्कार…
कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव हेतु आपके द्वारा अब तक प्रदान किया सहयोग सराहनीय है।
आपको बताना चाहता हूँ कि लॉकडाउन की अवधि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए एवं शासन के निर्देशानुसार अब 3 मई तक कर दी गयी है।
♦️ सभी राशन/किराना/फल/सब्जी विक्रेता मात्र घर-घर होम डिलीवरी के माध्यम से सामग्री पहुँचा सकेंगे। सभी दुकानें पूर्णतः बंद रहेंगी । नगरपालिका एवं ग्राम पंचायत होम डिलीवरी हेतु विक्रेताओं के मोबाइल नम्बर ग्राहकों तक पहुंचाना सुनिश्चित करेंगी।
♦️ दूध विक्रेताओं को प्रातः 06.00 बजे से 09.00 बजे तक घर-घर जाकर दूध वितरण करने की अनुमति रहेगी ।
♦️ आटा चक्की पर ग्राहकों को प्रातः 09 बजे से 12 बजे दोपहर के बीच आने की अनुमति रहेगी । आटा चक्की पर कार्य पूरे दिन चल सकेगा।
♦️ बैंक, बीमा कार्यालय एवं ए.टी.एम भारत सरकार के निर्देशानुसार खुले रहेंगे । बैंकों के कियोस्क संचालक 01 मीटर की दूरी का पालन ग्राहकों से सुनिश्चित करायेगें ग्राहक सेवाएं 12 बजे दोपहर तक ही प्रदाय की जा सकेगी।
♦️ 15 अप्रैल से रबी उपार्जन का कार्य प्रारंभ होने जा रहा है। उपार्जन केंद्रो पर सिर्फ़ वे ही किसान अपनी उपज लेकर आवे जिनको खाद्य विभाग द्वारा उनके मोबाइल पर SMS भेजा गया है। SMS के अलावा उपार्जन हेतु किसानो को पृथक से कोई e-pass जारी नहीं किया जाएगा।
♦️ अनूपपुर जिले में इंदौर/दिल्ली/ मुंबई/भोपाल एवं देश के अन्य कोरोना हॉटस्पॉट केंद्रो से आये सभी व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें संस्थागत आइसोलेशन केंन्द्र में ले जाया जाएगा। सभी नागरिक स्वप्रेरणा से अपनी जानकारी, सम्बंधित नज़दीकी थाने, चिकित्सालय, नगरपालिका, ग्रामपंचायत, तहसीलदार अथवा एसडीएम कार्यालय में जाकर दें।उल्लंघन पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के तहत वैधानिक कार्यवाही की जायेगी ।
? आपको यह अवगत कराना चाहूँगा कि अनूपपुर ज़िले में लगभग 7 लाख व्यक्तियों की प्रारम्भिक स्वास्थ्य जाँच की गयी है। इस कार्य हेतु स्वास्थ्य विभाग का दल प्रशंसा का पात्र है। दल द्वारा खाँसी सर्दी बुखार एवं सिर दर्द के प्रकरणों को दर्ज कर निगरानी की जा रही है। स्वास्थ्य जाँच क़े द्वितीय चरण के निर्देश दिए गए हैं।
? अनूपपुर ज़िले में अब तक 29 संदिग्ध व्यक्तियों का परीक्षण किया जा चुका है। तथा अभी तक ज़िले में कोई भी कोरोना पॉज़िटिव प्रकरण नही है।
आशा करता हूँ कोरोना से लड़ाई में आप सभी का सहयोग शासन प्रशासन को प्राप्त होगा।
धन्यवाद
कलेक्टर एवं ज़िला दंडाधिकारी
अनूपपुर
इस खबर के बाद जागा प्रशासन
लॉक डाउन में फास्ट फूड खाना है,तो अनूपपुर फोन लगाइये @ जानकारी के बाद भी एसडीएम ने मुंदी आंख
http://halehulchal.com/लॉक-डाउन-में-फास्ट-फूड-खान/
तो ये है, कोरोना अलर्ट
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यह है 17 अप्रैल का नया आदेश
होम डिलीवरी के माध्यम से पका हुआ भोजन विक्रय कर सकते हैं होटल रेस्टोरेंट
खाद्य सामग्री बनाने और डिलीवरी में सोशल डिस्टेंसिंग नॉर्म का कड़ाई से करना होगा पालन
अनूपपुर : अप्रैल 17, 2020
कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने ऐसे लोग जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं, किंतु विभिन्न समस्याओं के चलते हुए स्वयं भोजन पका नही सकते, ऐसी समस्याओं पर संज्ञान लेते हेतु भोजनालय, होटल, रेस्टोरेंट, केटरर्स आदि को अनुमति सीमा (प्रातः 9 से दोपहर 12 बजे) में पके हुए खाद्य पदार्थों की होम डिलीवरी की अनुमति दी है। इस दौरान उक्त सभी को खाद्य सामग्री के निर्माण एवं होमडिलीवरी में सोशल डिस्टेंसिंग मानकों का अनिवार्यतः पालन करना होगा। साथ ही खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता पर भी आपके द्वारा विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी स्थिति में होटल, रेस्टोरेंट, भोजनालय आदि किसी परिसर में आमजनो को भोजन सर्व नहीं करेंगे, यह सुविधा सिर्फ़ होम डिलीवरी हेतु दी गयी है। होम डिलीवरी सुविधा प्रारम्भ करने से पूर्व सम्बंधित होटल, भोजनालय, रेस्टोरेंट संचालक को सम्बंधित अनुविभागीय कार्यालय में यह सूचना देनी होगी कि उनके द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग मानको का कड़ाई से पालन किए जाने की व्यवस्था पूर्ण कर ली गयी है, तद्उपरांत ही वे होम डिलीवरी सेवा चालू कर सकेंगे।