धुरेड़ी के दिन दहशतगर्दो ने की थी गंभीर मारपीट @ दसवें दिन जितेंद्र ने दम तोड़ा_ परिवार जनों ने अगरिया भाइयों की गिरफ्तारी को लेकर किया स्टेट हाईवे जाम

सोहागपुर थाने के सामने सड़क पर बैठे सैकड़ों नागरिक
(अनिल तिवारी)
शहडोल। धुरेड़ी के दिन महिलाओं और लड़कियों से शराब के नशे में दहशतगरदों ने जब क्षेत्र में दहशत फैलानी शुरू की तो, विरोध कर रहे जितेंद्र सिंह को ही बदमाशों ने घर में घुसकर गंभीर चोटें पहुंचाई, धुरेड़ी के दिन शाम 6:00 बजे के आसपास मुकेश अगरिया, पेंदर अगरिया, नारायण अगरिया, गीता अगरिया, बिल्ली अगरिया, के चारों पुत्र और खिलाड़ी अगरिया, पूनम चंद्र आगरिया, टीका अगरिया सहित 50 लोगों ने घर में घुसकर जिस जितेंद्र सिंह को गंभीर मारपीट कर सर पर घातक प्रहार किए थे, 10 दिनों तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद अंततः गुरुवार को जबलपुर के अस्पताल में इलाज के दौरान जितेंद्र की मौत हो गई, गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात उसके परिजन जितेंद्र के शव को शहडोल लेकर आए और उसके बाद लोगों को जैसे ही इस मामले की जानकारी लगी सब जितेंद्र के घर के आस-पास इकट्ठे होने लगे, अभी से कुछ देर पहले जितेंद्र के परिजनों और अन्य सैकड़ों नागरिकों ने मिलकर जितेंद्र के शव को सड़क पर रखकर आरोपियों के गिरफ्तारी की मांग की है, जिससे शहडोल रीवा मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है, वहीं खबर यह है कि कथित बदमाश फरार है हालांकि पुलिस ने उन्हें जल्दी पकड़ने का दावा किया है।
यह हुआ था धुरेड़ी के दिन
होली की शाम लगभग 50 लोग जो वारदात में शामिल थे,बृजेंद्र सिंह बघेल, जितेंद्र सिंह, जगजीवन सिंह, रेखा सिंह, सविता सिंह के साथ मारपीट की जिससे मृतक जितेंद्र के सिर की हड्डी और बाईं आंख पर गंभीर चोटें आई और पीठ में डंडे से वार किया, बृजेंद्र सिंह के सर पर वार करने से उसका सर फट गया, जिसमें 10 टांके लगे। डंडे से पीटा गया, दाहिने हाथ में तलवार से वार किया गया, जगजीवन सिंह के साथ भी गंभीर मारपीट की गई, रेखा सिंह एवं सुमिता सिंह ने बीच-बचाव किया तो उनके साथ भी मारपीट की, बड़ी मुश्किल से आसपास के मोहल्ले वालों में राकेश शुक्ला,अखिलेश मिश्रा, रानी, शिवा बैगा,सोनू के दखल से माहौल शांत हो सका।
किया था जबलपुर रेफर
घटना के बाद बृजेंद्र जितेंद्र को गंभीर चोट आने के कारण जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, लेकिन बाद में जीतेंद्र सिंह की हड्डी टूट जाने के कारण उसे मेडिकल कॉलेज जबलपुर रेफर किया गया था,जहां पर उसके सर का ऑपरेशन हुआ और वह वहां स्वास्थ्य लाभ ले रहा था बीते दिनों अचानक उसकी तबीयत खराब हुई है और गुरुवार की शाम उसकी मौत हो गई।
मृतक और अन्य पीड़ित बने थे आरोपी
इस पूरी घटना की शिकायत पीड़ितों के परिजनों ने पुलिस अधीक्षक को भी दी थी, आश्चर्य तो इस बात का है कि सोहागपुर पुलिस ने इस पूरी घटना पर जो मामला कायम किया वह मृतक और उसके साथ जिन लोगों के साथ यह घटना कारीत हुई थी, उसी के खिलाफ दबंगों की शिकायत पर धारा 294 323 506 बी 452 तथा 34 एसटी एक्ट के तहत किया गया था, आरोप तो यह है कि सोहागपुर पुलिस लगातार ऐसे बदमाशों को संरक्षण देती रही और उसी की संरक्षण का नतीजा रहा कि उन्होंने कानून को अपने हाथ में लेते हुए घर में घुसकर गंभीर मारपीट की और पुलिस ने पीड़ितों के खिलाफ अपराध की शिकायत पर अपराध दर्ज कर दबंगों की शिकायत पर अपराध किया था।
आरोपियों व पुलिस के खिलाफ कार्यवाही की मांग
अभी से कुछ घंटे पहले सोहागपुर थाने के समीप शहडोल रीवा स्टेट हाईवे पर बैठे लोगों ने आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी के साथ ही सोहागपुर थाने में पदस्थ और इस मामले की जांच कर रहे पुलिस कर्मियों के भी खिलाफ कार्यवाही की मांग की है, उनका आरोप है कि पुलिस के संरक्षण से ही इतनी बड़ी घटना कारित हुई,पुलिस ने जो कार्यवाही की थी उस पर नजर डाली जाए तो पुलिस की मिलीभगत और संरक्षण स्पष्ट नजर आता है आरोप तो यह भी है कि पुलिस ने ही आरोपियों को संरक्षण और खबर देकर फरार करने में मदद की।