पूर्व खनिज मंत्री का कारनामा@ कायदों को मुट्ठी में रख किया धंधा

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एनजीटी पर भारी रहे सत्ता के कर्णधार
नदी में उतरते हैं बड़े वाहन, रौंद दी डिया की शर्तें

भोपाल। भाजपा शासनकाल में खनिज मंत्री रहे राजेन्द्र शुक्ला शहडोल जिले के प्रभारी मंत्री भी थे, उनकी कम्पनी को फायदा पहुंचाने के लिये तत्कालीन नौकरशाहों ने एनजीटी की रोक के बावजूद ओपन कास्ट मैनुयल/सैमीमेकेनाईज्ड पद्धति से जयङ्क्षसहनगर तहसील के ग्राम पतेरा टोला के खसरा क्रमांक 139/102 रकबा 4.950 हेक्टर में 25 हजार घन मीटर रेत निकालने की अनुमति डैक की अनुशंसा पर डिया के द्वारा 31 मार्च 2018 को जारी की गई थी। रेत की खदान भैयालाल इंफाटे्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स तिरूपति बिल्डकॉन ज्वाइंट वैन्चर को पीएचई वाटर टैंक पडऱा रोड रीवा में शासकीय निर्माण कार्य के लिये दी गई थी। अनुमति जारी होने के बाद मानसून सीजन के पहले दो मैनुयल टीपी बुक भी जारी की गई थी। पूर्व मंत्री के रसूख के चलते मानसून सीजन के पहले तक क्षमता से अधिक रेत का खनन किया गया, शासकीय कार्य के अलावा बाजार में भी रेत को बेचा गया, बीते कुछ दिनों से ईटीपी के माध्यम से फिर से रेत का परिवहन शुरू कर दिया गया है। बड़े वाहनों को नदी में उतारा जाता है और विशालकाय मशीनों के माध्यम से रेत का खनन किया जा रहा है, लेकिन रसूख के आगे प्रशासनिक और खनिज विभाग ने मौन धारण कर रखा है।

कठघरे में अनुमति
पतेरा टोला में लेडार नदी में पूर्व मंत्री की कम्पनी को नियमों और कायदों को ताक पर रखकर अनुमति जारी की गई थी, जिसके लिये बनाये गया माइनिंग प्लान किन नियमों और प्रावधानों के तहत ओपन कास्ट मैनुयल/सेमीमेकेनाईज्ड पद्धति से रेत के खनन के लिये तैयार किया गया और संचनालय भौमिकी तथा खनिकर्म क्षेत्रीय कार्यालय रीवा द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी गई। प्रदेश में किसी भी नदी पर मशीनों के माध्यम से रेत के खनन की अनुमति अभी तक जारी नहीं हुई है, लेकिन पूर्व मंत्री के रसूख के चलते पूरे नियम को ही तोड़ दिया गया। डैक और डिया में बैठे अधिकारियों ने उस पर अपनी मोहर भी लगा दी, एनजीटी ने मशीनों के माध्यम से रेत के खनन पर रोक लगाई है, लेकिन उसके बाद भी पतेरा टोला खदान पर उसका कोई असर नहीं दिखा।
मात्रा से अधिक खनन
डिया ने 25 हजार घन मीटर रेत निकालने की अनुमति जारी की थी, खदान की शुरूआत होने पर खनिज विभाग द्वारा दो मैनुयल टीपी बुक भी जारी की थी, उस दौरान भी पतेरा टोला से जमकर रेत का खनन किया गया। बीते कुछ दिनों पूर्व शुरू हुई पतेरा टोला खदान में रोजाना सैकड़ा भर के आसपास वाहन रेत लेने के लिये पहुंच रहे हैं, निर्धारित मात्रा से अधिक रेत का खनन पहले ही किया जा चुका है, अब ऑनलाइन ईटीपी के माध्यम से रेत का परिवहन किया जा रहा है, जबकि निर्धारित मात्रा समाप्त हो चुकी है, फिर भी रसूख के चलते अधिकारी पतेरा टोला रेत खदान की ओर देखने की हिमाकत तक नहीं कर रहे हैं।

विशालकाय मशीन से खनन
पतेरा टोला में रेत का खनन विशालकाय मशीन के माध्यम से किया जा रहा है, ओपन कास्ट मैनुयल/सेमीमेकेनाईज्ड पद्धति में बड़ी मशीनों का प्रयोग रेत के खनन के लिये माइनिंग प्लान के अनुसार नहीं किया जा सकता, रेत खनन के लिये माइनिंग प्लान के अनुसार दो एक्सावेटर जिसकी बकेट की क्षमता 0.65 होनी चाहिए और दो जेसीबी मशीन के साथ तीन डम्फर का प्रयोग किया जा सकता है। रेत निकालने की पद्धति में पर्यावरण स्वीकृति की शर्तों के तहत राज्य सरकार के नियम के तहत 0.6 मीटर गहराई से ही रेत निकाली जा सकती है, लेकिन पटेरा टोला में विशालकाय पोकलेन मशीन से नदी के प्राकृतिक स्वरूप से साथ छेड़छाड़ की जा रही है।
बड़े वाहन उतरते हैं नदी में
रेत परिवहन के लिये पतेरा टोला में बड़े वाहनों को सीधे नदी में उतारा जा रहा है, यहां तक की 18 चके के वाहनों को नदी से पोकलेन मशीन के माध्यम से लोड़ किया जा रहा है, हाइवा सहित अन्य बड़े वाहन भी नदी में सीधे प्रवेश करते हैं, जबकि उच्च न्यायालय और एनजीटी ने बड़े वाहनों को नदी में उतराने पर प्रतिबंध लगाया गया है, बावजूद इसके पतेरा टोला में न्यायालय के आदेशों की खुली धज्जियां उड़ाई जा रही है। माइनिंग प्लान के मुताबिक नदी से रेत के परिवहन के लिये 20 फिट के डम्फर का ही प्रयोग किया जा सकता है। इतना ही नहीं 25 हजार घन मीटर रेत निकालने के लिये 05 ट्रक जिसकी क्षमता 14 मीटर का उल्लेख किया गया है। बावजूद इसके सैकड़ा भर वाहन से रेत खुले तौर पर चोरी की जा रही है।
बाजार में बिक रही रेत
शासकीय निर्माण कार्य के लिये स्वीकृत की गई अस्थायी लीज की आड़ में बाजार में रेत को बेचा जा रहा है, रोजाना सैकड़ा भर से अधिक वाहन नदी में रेत लेने के लिये पहुंचते हैं, बिजहा और करकी के पास लालपुर रेत खदान की पर्ची भी वाहन चालकों को दी जाती है, जानकारी के मुताबिक साढ़े सात हजार रुपये रॉयल्टी के साथ रेत भी पतेरा टोला से धड़ल्ले से बेची जा रही है, सुबह से लेकर शाम तक रेत का खनन और परिवहन जारी रहता है, वहीं शाम ढलते ही वाहनों की संख्या और भी बढ़ जाती है। सुबह तक रेत का खनन और परिवहन पतेरा टोला में धड़ल्ले से किया जा रहा है।


इनका कहना है
अगर ऐसा हो रहा है, खनिज निरीक्षक को भेजा कर जांच कराई जायेगी, नियमों के खिलाफ खदान संचालित हो रही है तो कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी।
सुश्री फरहत जहां
खनिज अधिकारी, शहडोल

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