18 साल रहे तकनीकी निरीक्षक, दो सालो से सेल्स की कमान

(Amit Dubey-8818814739)
शहडोल। सोहागपुर क्षेत्र में रोड सेल की मलाई अगर किसी ने चख ली तो, उसका दूसरे क्षेत्र में मन नहीं लगता, क्षेत्रीय विक्रय प्रबंधक प्रसन्नजीत बैनर्जी 18 सालों तक तकनीकी निरीक्षक के पद पर सोहागपुर क्षेत्र में तैनात रहे, फिर उनका तबादला दूसरी जगह हो गया, प्रमोशन पाने के बाद कोल व्यवसायियों और माफियाओं से अपने मधुर संबंध का फायदा उठाते हुए उन्होंने फिर से सोहागपुर क्षेत्र में क्षेत्रीय विक्रय प्रबंधक के पद पर जुगाड़ लगा लिया और खदानों में भी अपने मनमुताबिक तकनीकी निरीक्षकों की तैनातगी करवा दी, जिसमें अमलाई ओसीएम में तैनात तकनीकी निरीक्षक सी.एल. पटेल भी शामिल है, जिनका भी मोह सोहागपुर क्षेत्र से भंग नहीं हो रहा।
20 सालों से जमाई जड़
18 सालों तक तकनीकी निरीक्षक रहे सोहागपुर क्षेत्र में प्रसन्नजीत बैनर्जी ने जमकर रोड सेल में मलाई छानी, फिर जुगाड़ लगाकर दोबारा सेल्स अधिकारी के पद पर तैनात हो गये, बीते 2 साल के आस-पास से वह सेल्स अधिकारी के पद पर सोहागपुर क्षेत्र में पदस्थ हैं। इस दौरान ट्रांसपोर्टरों और डीओ होल्डरों से एरिया से लेकर खदान तक डीओ रिलीज करने के लिए जमकर रिश्वतखोरी की।
माफिया-व्यवसायियों से सांठ-गांठ
जानकारी के मुताबिक लंबे समय से रोड सेल में मलाईदार पदों पर रहने के चलते प्रसन्नजीत बैनर्जी की स्थानीय और बाहरी कोल माफियाओं के साथ ही कोल व्यवसायियों से सांठ-गांठ है, वेतन तो वह कोल प्रबंधन से लेकर रहे हैं, लेकिन चाकरी इन लोगों की कर रहे है, सोहागपुर क्षेत्र की खदानों से कोयला चोरी किसी से छुपी नहीं है, रोड सेल में अवैध वसूली रोजाना ही सामने आती है, एरिया मुख्यालय से लेकर खदान तक अपने मातहतों के माध्यम से कथित अधिकारी के द्वारा कंपनी को चूना लगाने का काम किया जा रहा है।
कॉल डिटेल से खुलेगा राज
जो आरोप शिकायतों के साथ ही बिलासपुर मुख्यालय सहित कोल इंडिया के दफ्तर पहुंचे हैं, अगर उनमें जो तथ्य हैं, उनकी जांच के साथ ही कथित अधिकारी के इस्तेमाल किये जाने वाले मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल की जांच अगर सतर्कता विभाग करा ले तो पूरा काला चि_ा ही सामने आ जायेगा। रोजाना कथित अधिकारी कम के अलावा कोल व्यवसायियों और माफियाओं से कई बार एक ही दिन में फोन से संपर्क साधता है।
प्रमोद का है सर पर हाथ
सूत्र बताते हैं कि सेल्स अधिकारी के ऊपर छत्तीसगढ़ के कोल व्यवसायी प्रमोद जैन का हाथ है ,अगर कोई शिकायत या जांच होती है तो प्रमोद जैन उस पूरे मामले को बिलासपुर और कलकत्ता स्तर पर निपटा देता है, उसकी एवज में प्रसन्नजीत को सोहागपुर में सेल्स अधिकारी के पद का तोहफा मिला हुआ है, इन दोनों के बीच भी लेन-देन सहित कई मामलों की चर्चाएं फोन पर होती रहती है, प्रमोद जैन का कालेज कालोनी स्थित गेस्ट हाऊस और प्रसन्नजीत का घर भी एक दम नजदीक है, संजय गांधी ताप विद्युत गृह परियोजना का कोयला अमलाई ओसीएम से सायडिंग न जाकर प्रमोद जैन की कोल वासरी भेजने में भी कथित अधिकारी का ही अहम योगदान है। बताया गया है कि प्रमोद जैन ने अपने उल्टे-सीधे कामों को कराने के लिए ही प्रसन्नजीत का तैनात करवा रखा है।
तबादले के साथ हो जांच
शिकायतकर्ता की इस मामले में बिलासपुर मुख्यालय के अधिकारियों से मांग हैं कि कोल वासरी के मामले और रोड सेल में हो रही धाधली की जांच तो कराई जाये, लेकिन उससे पहले कथित अधिकारी का तबादला सोहागपुर क्षेत्र से अन्यत्र किया जाये, ताकि जांच प्रभावित न हो सके। अगर ऐसा नहीं किया गया तो कथित अधिकारी की जड़े अंदर तक मजबूत हैं और वह जांच को प्रभावित कर सकता है, कालरी प्रबंधन को हुए नुकसान और घोटाले का खुलासा कथित अधिकारी के पदस्थ रहने के दौरान नहीं हो सकता।
इनका कहना है…
जब इस संबंध में प्रसन्नजीत बैनर्जी से उनके सेल फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
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इस संबंध में सोहागपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक से चर्चा की जायेगी, वैसे आप भी मिलकर सारे दस्तावेज और प्रमाण दे सकते हैं, हम अपने स्तर से अधिकारियों के माध्यम से जांच और कार्यवाही करवायेंगे।
बी. नरेन्द्र कुमार
जनसंपर्क अधिकारी
एसईसीएल, बिलासपुर

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