………. फिर सक्रिय हुआ सिंकू कबाडी

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Ajay Namdev-7610528622
वर्षो पहले दर्जनों बार कोतवाली का दर्शन कर चुके सिंकू फिर बना अवैध कारोबारी

मुख्यालय स्थित मढिया मंदिर के आगे वर्षो से रद्दी का काम करने वाला सिंकू वैसे तो कई बार थाने तक पहुंच चुका था और कार्यवाही भी हो हुई है। जिसके बाद सिंकू में कई वर्षो तक सुधार देखने को मिला था, लेकिन अब वहीं सिंकू फिर से रद्दी के नाम पर अवैध कबाड का कारोबार शुरू कर दिया है। पहले सडक पर ही सारे वस्तुओं को इकट्ठा करता था और कबाड का ठीहा संचालित करता था, लेकिन अब घर के अंदर गुप्त शाखा में सिंकू का कारोबार चलने लगा है।


अनूपपुर। वर्षों से नगर की सडक पर ठीहा बनाकर संचालित कर रहे अवैध कबाड़ के करोबार से कुछ ही सालों में एक रंक राजा की श्रेणी में आ गया, जो कि शुरुआत में रद्दी का काम करके अपने व्यापार को लाईन दी। उसके बाद उसी रद्दी की आड़ में अवैध कबाड़ के कारोबार के क्षेत्र का बादशाह हो गया। चोरी का माल भी सिंकू के यहां बडे आराम से बेधडक बिकता है। ऐसे में पुलिस-प्रशासन की खामोशी से आम लोगों के बीच कई सवाल उठते लगे है। अवैध कबाड़ के इस काले करोबार पर आखिर कार्रवाई क्यूं नहीं होती। सवाल और भी कई हैं, बस ये देखना है कि आम जनमानस की चिंता को पुलिस-प्रशासन संज्ञान में लेकर कब तक कार्रवाई करती है और अगर कार्रवाई नहीं होती है तो बेशक समझ में आ जायेगा कि कबाड़ के इस सरगना के व्यवसाय का कुछ हिस्सा पुलिस-प्रशासन के पास भी जाता है, जिसकी वजह से पुलिस सब कुछ मूकदर्शक बनी देखती रहती है।


अंदर बना लिया विशाल गोदाम

सडक व सडक के किनारे पर रद्दी का व्यापार करने वाला सिंकू अब आधुनिक कार्यप्रणाली से कबाड का कारोबार करने लगा है, सिंकू के द्वारा अब घर के पीछे विशाल मैदान को अपना ठीहा बना लिया है और यह ठीहा हर किसी के नजर से दूर रहे इसलिए आदमी की दुगनी उचाई का गेट भी बनवा रखा है। आम आदमी तो क्या पुलिस को भी बाहर से सिंकू की करतूतो का पता नही चल पायेगा। इसलिए अब सिंकू अवैध कारोबार को और चौडा करता जा रहा है।


गला रहा कीमती वस्तु
जिला मुख्यालय में इन दिनो कबाड के व्यापार पुलिस के शह पर जोरो पर है। जिला मुख्यालय मे स्थित सिंकू कबाडी कलपूर्जो, कबाड़ आदि की बदतस्तुर चोरी कर लाया जाता है। देखा जाये तो अनूपपुर में पुलिस के नाक के निचे कबाड़ का गोरख धंधा पिछले कई वर्षो से चल रहा है। ऐसा नहीं है कि पुलिस को इस बात कि जानकारी नही है। बंड़े-बड़े ट्रक और गाडिय़ों में हर तीसरे और चौथें दिन कबाड़ से भरी गाडी जाती है। आये दिन लोह की सामग्री व बेशकिमती मशीनी उपकरण की चोरी करवाया जाता है तथा दिन दहाड़े ही गाड़ी में लोड कर अन्य स्थानों के लिए निकल जाते है।


चोरी की वस्तुओं का लगाता ठिकानें
सिंकू के द्वारा इन दिनों चोरी के सामान का ठिकाना लगाने का काम धड़ल्ले के साथ किया जा रहा है। पुलिस के आंखों के नीचे कबाड़ी द्वारा दुकानों की आड़ में इस गोरखधंधे का संचालन किया जाता है। कहने के लिए तो दुकान पुरानी कबाड़ खरीदने व बेचने का दुकान बताया जाता है, पर दुकान के अंदर मेन धंधा चलता है। इन कबाड़ दुकान में भारी मशीनो के पार्ट और तांबे, सिल्वर के तार के साथ अन्य समानों को डिस्मेंटल करनें का कार्य किया जाता है।


चचाई में भाईजान का ठीहा
एमपीईबी की भूमि पर वर्षो से कबाड का कारोबार करने वाले भाईजान अब जडे जमा चुके है। चचाई थाना अन्तर्गत काफी लम्बे अर्से से पुलिस के नाक के नीचे भाईजान कबाडी अपना करोबार चला रहा है जो कि चचाई थाना के एक दम नजदीक है व बीच बजार में इनका कारोबार आबाद है। जानकारी के अनुसार यहां से बाहर कबाड सप्लाई होता है, इनके ठीहे में चोरी की सामग्रियां ज्यादा रहती है, आखिर थाने के नजदीक होने के बाद भी चचाई पुलिस की नजर क्यों नही पडी। यहां चचाई पुलिस भी संदेह के घेरे में आती है, जहां कई बार सूचना के बाद भी भाईजान कबाडी के उपर कोई कार्यवाही नही हो रही है और इनके हौसले कार्यवाही न होने से बुलंद है। जबकि पिछले वर्षो में इनका रिकार्ड देखा जाये तो कबाड से लदी गाडी और इनके ठीहे से माल भी जब्त हो चुका है, लेकिन नये थाना प्रभारी ने इन्हे फिर से अभयदान दे दिया है और भाईजान फिर अपने कारोबार को पुरानी तर्ज पर शुरू कर दिये है।

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