बिछड़े हुए 3 परिवार लोक अदालत में हुए एक @ रंग लाई आयोजकों की पहल

बुढ़ार । लोक अदालत की पहल पर फिर मिले तीन परिवार ……मामूली सी बातों पर मनमुटाव और पति-पत्नी जैसे नाजुक रिश्तो में आपसी खींचतान के दर्जनों मामले रोजाना जिले के विभिन्न थाना और वहां से होते हुए परिवार परामर्श केंद्रों तथा न्यायालय में पहुंचते हैं शनिवार को अपर सत्र न्यायालय बुढार प्रांगण में आयोजित लोक अदालत में ऐसे ही कई मामले विचाराधीन थे जिनमें से 3 मामलों में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीमान संगम सिंह की समझाइश पर वर्षों से अलग रह रहे 3 परिवार की रहो एक हो गए लगभग 17 वर्ष पूर्व नान भाई तथा जिया लाल का विवाह हुआ था विवाह के 3 साल बाद दोनों में मनमुटाव रहने लगा तथा दोनों अलग हो गए इसी प्रकार से फूलबाई चौधरी तथा संतोष चौधरी का विवाह 8 वर्ष पूर्व हुआ था इनके बीच भी पुत्री पैदा होने के बाद झगड़े होने लगे और मामला न्यायालय पहुंचा इसी प्रकार उर्वशी केवट तथा हीरा केवट का विवाह 2015 में हुआ था परंतु साल भर बाद ही इनमें आपस में झगड़े होने लगे बीते लंबे अरसे से या मामले लंबित थे लेकिन शनिवार के दिन ने तीनों जिंदगी को वापस एक कर दिया माननीय न्यायाधीश की समझाई पर समझाइश पर तीनों जोड़ों ने गिले-शिकवे दूर कर लोक अदालत में यह एक दूसरे को माला पहनाकर दोबारा साथ जीने की मरने की कसमें खाई लोक अदालत में माननीय न्यायधीश की बातों से प्रभावित होकर तीनों जोड़ों ने एक दूसरे को माला पहनाकर फिर से दांपत्य जीवन शुरू करने की कसम खाई सर्वोच्च न्यायालय प्रांगण जिसका गवाह बना उक्त अवसर पर अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमान आर प्रजापति अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती किरण कोल अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री गौतम सिंह मरकाम उपस्थित रहे