बुढार के व्यापारियों ने की वन वे मार्ग की मांग , अन्यथा बेनूर हो जाएगी दिपावली
बुढार । ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र के बढ़ते व्यापार और आसपास के अंचल का इकलौता व्यापारिक केंद्र होने के कारण दीपावली के समय यहां ग्राहकों की भारी भीड़ हो जाती है, बीते दो से तीन दशकों से कोयलांचल सहित अनूपपुर और शहडोल के बीच का एकमात्र व्यापारिक केंद्र रहे बुढार के व्यापारियों की दिवाली इस बार फीकी होती नजर आ रही है , व्यापारी संघ के अध्यक्ष ने इस संदर्भ में बताया कि नगर के प्रमुख अमलाई चौक से कोतमा , रोड सिंधी बाजार, रेलवे मार्केट, मेन रोड और अंदर के पूरे बाजार आने के लिए यहां दो से तीन रास्ते ही हैं, जिसमें से पहला रास्ता रेलवे ब्रिज के पास से होकर अंदर आता है, तो दूसरा रास्ता अमलाई चौक और फिर तीसरा रास्ता आगे के श्रजा श्री गार्डन से आगे से होकर अंदर आता है, बीते वर्षों में यहां आने वाले खरीददारों द्वारा सभी मार्गों से आने और जाने की प्रक्रिया की जाती थी, जिससे यहां लंबे समय तक जाम लगा रहता था, जाम की इसी समस्या के कारण बीते कुछ वर्षों से ग्राहकों ने इधर आने की जगह मुख्य मार्ग और कालेज जाने वाले मार्ग पर खुले प्रतिष्ठानों पर जाना पसंद करने लगे थे, इसी कारण व्यापारी संघ द्वारा दो दिन पहले ही थाना प्रभारी बुढ़ार से मुलाकात कर उनसे बुढार मार्केट के अंदर आने वाले लोहिया/अमलाई चौक से अंदर के मार्ग को एकाकी मार्ग करने का प्रस्ताव और लिखित आवेदन किया गया था, लेकिन इस पर अमल न होने के कारण धनतेरस की बाजार पूरी तरह फीकी ही रही। व्यापारी संघ के अध्यक्ष ने बताया कि धनतेरस के दिन शुक्रवार होने के बाद भी पूरे व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान खोल कर रखे थे, लेकिन दोपहर के बाद से ही अमलाई चौक पर पुलिस द्वारा बैरिकेड लगाकर चार पहिया वाहनों को अंदर आने से मना कर दिया गया , जबकि इस चौक से कोतमा रोड और सिनेमा रोड , मेन मार्केट, रेलवे मार्केट की दुकानें 500 से 700 मीटर की दूरी पर स्थित है, इस कारण उपभोक्ता पिछले वर्षों की तुलना में 5 से 10% थी इन बाजारों में आये।
व्यापारी संघ के अध्यक्ष ने संवेदनशील थाना प्रभारी सहित कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से शनिवार और रविवार को त्योहार को देखते हुए वन-वे मार्ग की व्यवस्था की जाए, अपना सुझाव रखते हुए बताया कि चौक से बाजार की और आने वाले मार्ग को खोल कर रखा जाए तथा वापसी में इन सभी वाहनों को तालाब और नेहरू पार्क से वापस आने की जगह हरे माधव कालोनी वाले मार्ग से बाहर होते हुए निकाले जाने की व्यवस्था की जाए, जिससे व्यापारियों की दिवाली भी सुनी नहीं रहेगी और अनावश्यक जाम की परेशानी से भी बचा जा सकेगा।