मूल्यांकन के बिना ही निकाल लिए 10 लाख

कमीशन देकर मदमस्त हुए सरपंच-सचिव
इधर खमरौध में इंजीनियर ने रिजेक्ट कर दी बाऊंड्रीवाल
(अमित दुबे+8818814739)
शहडोल। बुढ़ार जनपद के जिम्मेदारों पंच परमेश्वर योजना के अंतर्गत निर्धारित राशि के अनुपात से अधिक संख्या में बाऊंड्रीवाल का निर्माण कार्य स्वीकृत करने और इस मामले में सीईओ और एसडीओ पर कमीशनखोरी के आरोप लगे हैं, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री को इसकी शिकायत होने के बाद जिला पंचायत ने जांच के आदेश तो दे दिये हैं, लेकिन यह जांच कछुआ गति से ही चल रही है, यही नहीं आरोप यह भी है कि जांच अधिकारियों द्वारा सीईओ और एसडीओ के द्वारा 5 प्रतिशत कमीशन लेकर बांटे गये कार्याे के बिन्दु को जांच में नहीं रखा गया है। इधर जनपद के ग्राम पंचायत झिरिया में बाऊंड्रीवाल निर्माण से जुड़ा एक और मामला सामने आया है, आरोप हैं कि सीईओ और एसडीओ को कमीशन देने के बाद हर्ष सिंह नामक ठेकेदार और पंचायत के सचिव तथा सरपंच पति इतने बेखौफ हो गये कि उन्हें नियमों की भी चिंता नहीं रही। इंजीनियर पुष्पांजलि तिवारी द्वारा निरीक्षण के बाद गुणवत्ता को लेकर नोटिस जारी किया गया और इंजीनियर के बिना मूल्यांकन के ही सरपंच-सचिव ने कथित ठेकेदार के नाम पर 10 लाख से अधिक राशि का आहरण पंचायत खाते से कर लिया। हालाकि जनपद के सीईओ राज कुमार पाण्डेय ने इस संदर्भ में कहा कि जानकारी के बाद कार्यवाही के लिए जिला पंचायत पत्र भेजा है, लेकिन अभी तक ऊपर से कोई कार्यवाही नहीं की गई।
सीईओ सोते रहे, कर लिया आहरण
ग्राम पंचायत झिरिया में 320 मीटर बाऊंड्रीवाल के निर्माण के लिए 14 लाख 61 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की गई थी, पंचायत के द्वारा हर्ष सिंह नामक ठेकेदार को ऑफ रिकार्ड काम दे दिया गया, यही नहीं इंजीनियर के बिना मूल्यांकन के ही लगभग 2 माह पहले 8 लाख रूपये की राशि का आहरण कर दिया गया था, मामले की शिकायत दर्जन भर ग्रामीणों ने कमीशन शहडोल और जनपद सीईओ को 23 दिसम्बर 2019 को की थी, लेकिन जनपद से लेकर संभाग के मुखिया तक ने इसमें कोई कार्यवाही नहीं की। बकौल जनपद सीईओ राज कुमार पाण्डेय ने बताया कि कुछ सप्ताह पहले ही 2 लाख 11 हजार रूपये निकालने की जानकारी लगी, जिसके बाद मैनें इतनी राशि की वसूली और कार्यवाही के लिए वरिष्ठ कार्यालय को पत्र भेजा है। अचरज तो इस बात का है कि जनपद सीईओ ने वसूली के लिए सिर्फ 2 लाख 11 हजार रूपये की राशि का उल्लेख किया, जबकि 23 दिसम्बर को ही इस राशि से पहले ही बिना मूल्यांकन के निकाले गये लगभग 8 लाख रूपये की राशि की शिकायत उन्हें दी गई थी।
4 माह बाद जागे अधिकारी
जैतपुर विधानसभा से कांग्रेस के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी और बुढ़ार जनपद के अध्यक्ष ललन सिंह द्वारा 17 सितम्बर को जनपद पंचायत बुढ़ार के सीईओ को बाऊंड्रीवाल निर्माण में बरती जा रही अनियमितता और नियमों से परे हटकर दी गई तकनीकी स्वीकृति की शिकायत की गई थी, इसकी प्रति कांग्रेस नेता ने जिला पंचायत सीईओ को भी दी थी, लेकिन 4 माहों तक कांग्रेस के बड़े नेता की शिकायत अधिकारियों ने शायद रद्दी की टोकरी में डाल दी थी। इधर बीते पखवाड़े पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री के शहडोल आगमन पर युवक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अनुज मिश्रा द्वारा 8 मार्च 2019 को जारी अपर मुख्य सचिव के आदेशों का हवाला देते हुए पुराने बिन्दुओं की शिकायत मंत्री को दी गई, जिसके बाद जिला प्रशासन नींद से जागा और समिति बनाकर उसे जांच दे दी, लेकिन यह जांच किस तरह हो रही है, यह तो जिम्मेदार या फिर खुदा ही जाने।
इन पंचायतों के निर्माण कटघरे में
बुढ़ार जनपद अंतर्गत लगभग 21 पंचायतों में बाऊंड्रीवाल ठेकेदारों से 5 प्रतिशत लेकर तकनीकी स्वीकृति देने के आरोप सीईओ राजकुमार पाण्डेय और एसडीओ प्रशांत लगरखा पर लगे हैं, जिनमें ग्राम पंचायत कुडेली में 6 लाख 64 हजार, केशवाही में 4 लाख 99 हजार, शाहपुर में 6 लाख 63 हजार, केशवाही में 3 लाख 92 हजार, शिधली में 7 लाख 46 हजार, सेमहरिया में 9 लाख 4 हजार के अलावा बचरवार में 11 लाख 29 हजार के साथ ही चाका, खमरौध, झिरिया में हुए निर्माण कार्य हर्ष प्रताप सिंह नामक ठेकेदार को दिये गये। वहीं ग्राम पंचायत चौकडिय़ा में 6 लाख 64 हजार, कदमहा में 4 लाख 94 हजार व सकरा में सनी तिवारी को कार्य सीधे जनपद द्वारा दे दिया गया। इनके अलावा रमना कन्हेर, कुम्हेडिन, कदौड़ी, बलभद्रपुर, बिरूहली में राजेश सिंह को ठेका तो कमता में रामप्रसन्न और बरगवां 18 में संजय सिंह को ठेके दिये जाने की खबर है।
इनका कहना है…
झिरिया में काम ठीक न होने के कारण मैनें नोटिस दिया था, मूल्यांकन अभी तक नहीं किया, राशि सरपंच-सचिव ने मिलकर निकाली, इसकी जानकारी मुझे नहीं है।
पुष्पांजलि तिवारी
इंजीनियर, जनपद बुढ़ार
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बिना मूल्यांकन राशि के आहरण की शिकायत मिली थी, हमने वसूली व कार्यवाही के लिए पत्र लिखा है, लेकिन पूर्व में निकाले गये 8 लाख की जानकारी नहीं थी। बाद में निकले 2 लाख 11 हजार का ही उल्लेख हमने पत्र में किया है।
राज कुमार पाण्डेय
सीईओ
जनपद पंचायत बुढ़ार