मोहबाला रेत खदान का एकल प्रमाण पत्र कटघरे में

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माइनिंग कॉर्पाेरेशन ने तलब की थी रिपोर्ट

भोपाल। प्रदेश के उमरिया जिले की बल्हौड़ पंचायत रेत खदान की अनापत्ति का मामला उलझते जा रहा है, बांधवगढ़ और खनिज विभाग एक-दूसरे पर पल्ला झाड़ते हुए जांच की बात कर रहे हैं, वहीं माईनिंग कॉर्पोरेशन ने कलेक्टर के एकल प्रमाण पत्र पर ही सवाल खड़े किये थे, वहीं बल्हौड़ में आपराधियों और माफियाओं ने कब्जा जमा लिया है। मानपुर तहसील के मोहबाला (बल्हौड़) खसरा क्रमांक-317/384 रकबा 20 हैक्टेयर रेत खदान में तत्कालीन कलेक्टर के द्वारा मध्यप्रदेश स्टेट माईनिंग कॉर्पोरेशन को भेजे गये एकल प्रमाण पत्र 18 मार्च 2016 पर विभाग के कार्यपालक संचालक डॉ.फटिंग राहुल हरिदास ने सवाल खड़ा करते हुए वस्तुस्थिति से अवगत कराने और खदान के संचालन के पूर्व राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड से अनापत्ति आवश्यक है अथवा नहीं, इसके संबंध में जवाब तलब किया था, लेकिन बाद में गये प्रतिवेदन में सारी जानकारियां घुमाकर भेज दी गई और सिया से अनापत्ति हासिल कर ली गई, जब इस मामले की शिकायत हुई तो जांच का कोरम पूरा करते हुए भोपाल से रिपोर्ट आने की बजाय संभाग और जिले से खदान की शुरूआत करवा दी गई, अब खदान पर अपराधियों और माफियाओं का कब्जा हो गया है।

यह थी बांधवगढ़ की रिपोर्ट
माईनिंग कॉर्पोरेशन द्वारा पत्र क्रमांक-787 दिनांक 28 अक्टूबर 2017 को जारी पत्र में उल्लेख किया गया था कि वन विभाग के नवीन प्रतिवेदन दिनांक 03 जून 2017 में मोहबाला रेत खदान की ईकोसेंसिटिव जोन से दूरी मात्र 1.72 किलो मीटर बताई गई है। अंतत: दोनों प्रतिवेदन में विरोधाभास है। बल्हौड़ रेत खदान के मामले में बांधवगढ़ के अधिकारियों की रिपोर्ट सही है या फिर कलेक्टर के द्वारा जारी किया गया एकल प्रमाण पत्र सही है। कुल मिलकर इस मामले में उच्च स्तरीय जांच से ही पर्दा उठ सकता है।
खड़े किये सवाल
माईनिंग कॉर्पोरेशन के कार्यपालक संचालक ने कलेक्टर उमरिया के द्वारा जारी किये गये एकल प्रमाण पत्र दिनांक 28 मार्च 2016 में उल्लेख किया गया था कि नेशनल पार्क/अभ्यारण से खदान की दूरी 05 किलो मीटर से अधिक तथा जैव विविधता क्षेत्र 10 किलो मीटर क्षेत्र के अंदर नहीं होना, उल्लेख किया गया था। इस संबंध में माईनिंग कॉर्पोरेशन ने कलेक्टर, खनिज अधिकारी और प्रभारी अधिकारी उप कार्यालय माईनिंग कॉर्पोरेशन कटनी से वांछित प्रतिवेदन मांगा था।
अपराधियों के कब्जे में खदान
पंचायतों के माध्यम से बनाई गई नई रेत खनन नीति के मुताबिक खदान के संचालन के लिये ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव अधिकृत है। बल्हौड़ में अपराधियों और माफियाओं ने कब्जा कर रखा है। बताया गया है कि फर्जी मार्कशीट गिरोह में शामिल, जेल जा चुके अपराधी बालेश्वर उर्फ मुन्नू द्विवेदी ने खदान में अपनी बादशाहत बना रखी है। सूत्र यह भी बताते हैं कि ब्यौहारी के न्यू बरौंधा में विस्थापितों के लिये आवंटित की गई भूमि पर भी कथित अपराधी जमीन की कालाबाजारी को अंजाम देता रहा है, वहीं उसके परिवार का प्रशांत द्विवेदी भी खदान में पूरी दखल रखता है। सूत्र बताते हैं कि मानपुर प्रभारी को बल्हौड़ की ओर ध्यान न देने के लिये पेटी से ऊपर का नजराना महीने में तय किया गया है।
वन्य प्राणी बोर्ड की अनापत्ति जरूरी या नहीं
माईनिंग कॉर्पोरेशन के द्वारा मोहबाला रेत खदान के संबंध में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बफर जोन/इकोसेंसिटिव की दूरी के संबंध में वास्तविक स्थिति की जांच कर अवगत कराये जाने तथा खदान के संचालन के पूर्व राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड की अनापत्ति लेना आवश्यक है या नहीं इस संबंध में भी कलेक्टर से जवाब तलब किया गया था, लेकिन 2018 में सिया के द्वारा खदान को जारी की गई पर्यावरणीय स्वीकृति में राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड की अनापत्ति लेने की छूट दे दी गई। सैक ने भी अपनी बैठकों में इसका जिक्र करना मुनासिब नहीं समझा।

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