वाणिज्य विभाग ने खोले खाते तो सपत्निक कटघरे में नजर आयेंगे अभियंता !

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6 माह पहले बंद की दुकान, अभी भी ले रहे फर्जी बिलों पर भुगतान

पत्नी के नाम पर उपयंत्री द्वारा खोली गई दुकान का ताला बीते 6 महीनों से नहीं खुला है, खुद संचालक के अनुसार फर्म उक्त स्थान से बंद हो गई है, लेकिन पंचायतों में फर्जी बिल लगाकर भुगतान लिया जा रहा है। आरोप हैं कि अधिनियम से परे हटकर फर्म बनाने और बिल में गलत पता दर्शाते हुए पंचायतों में दबाव बनाकर सप्लाई की जा रही है।

शहडोल। संभागीय मुख्यालय के पटेल नगर, वार्ड नंबर 12 में जनपद पंचायत सोहागपुर में पदस्थ उपयंत्री मनोज शुक्ला द्वारा अपनी पत्नी के नाम पर फर्म खोली गई थी, जनपद में ही पदस्थ पीसीओ के यहां किराये से भवन लेकर खोली गई दुकान लगभग 5 से 6 माह पहले बंद भी कर दी गई और हवा में संचालित फर्म के नाम पर पंचायतों से लाखों के भुगतान दबाव बनाकर लिए जा रहे हैं। हालाकि शनिवार को इस संदर्भ में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शहडोल ने अपने वक्तव्य में मामले की जांच और कार्यवाही की बातें कहीं थी, लेकिन मौके पर दुकान ही न होना और बीती 5 और 9 फरवरी तक ग्राम पंचायत पड़मनिया खुर्द में पटेल नगर के फर्जी पते के बिल लगाकर भुगतान उठाने का नया मामला सामने आया है।
अब धोखाधड़ी का खुला चि_ा
उपयंत्री मनोज शुक्ला द्वारा पंचायतों में पत्नी के नाम पर बताई जा रही ड्रीम हाऊस हार्डवेयर एण्ड इंटीरियर नामक फर्म जिसका पता पटेल नगर वार्ड नंबर 12 दर्शाया गया है, हकीकत में उक्त स्थान पर वर्तमान ही नहीं लगभग 4 से 6 महीने के दौरान कोई फर्म है ही नहीं, यह जरूर है कि उक्त नाम की फर्म 6 माह से पहले की अवधि में यहां संचालित जरूर थी, लेकिन यहां से फर्म दूसरी जगह ले जाने के बाद भी सेवा एवं वस्तुकर कार्यालय में पता बदलवाया नहीं गया और शासन को धोखे में रखते हुए वर्तमान तक पुराने पते के बिलों पर भुगतान लिया जा रहा है।
बेच रहे ईंट और छड़ भी
जनपद की दर्जन भर से अधिक पंचायतों में मनोज शुक्ला अपनी पत्नी के नाम पर बनाई गई फर्म के माध्यम से जिन बिलो पर भुगतान ले रहे हैं, उनमें ईंट से लेकर रेत, छड़ और मिक्चर मशीन का किराया और ऐसे ही अन्य लाखों के भुगतान शामिल हैं, जांच का विषय यह है कि उक्त फर्म के द्वारा ईंट का निर्माण कहां और किसकी अनुमति पर कराया जा रहा है, यदि अन्य क्रय कर ईंट विक्रय की गई है तो, उसके जीएसटी वाले पक्के बिलों पर सीधे भुगतान क्यों नहीं किया गया। यही स्थिति मिक्चर मशीन और अन्य दर्जन भर से अधिक प्रकार के भुगतानों का हाल है। आरोप हैं कि खुद काम ठेके पर लेकर अपने फर्म के नाम पर लाखों का आहरण कर फिर स्वत: भुगतान किये जा रहे हैं।

…तो रेत चोरी भी करवा रहे उपयंत्री
पड़मनिया खुर्द सहित कठौतिया और अन्य पंचायतों में होने वाले निर्माण कार्याे में मनोज शुक्ला की फर्म द्वारा रेत तक बेचने का दावा करते हुए उसके भुगतान खुद के खातो में लिये गये हैं, जबकि यह स्पष्ट है कि रेत क्रय करते समय उसकी ईटीपी भुगतान किये जाने वाले पत्रक के साथ संलग्न होनी चाहिए, लेकिन पंचायत और जनपद स्तर पर ऐसा नहीं किया गया, महज फर्जी कागज के टुकड़े को आधार बनाकर लाखों के भुगतान हो गये और निर्माण में उपयोग की गई रेत स्थानीय नदी व नालों से चोरी कर न्यून दरों पर क्रय कर ली गई। आरोप यह भी हैं कि न तो ड्रीम हाउस हार्डवेयर एण्ड इंटीरियर के पास रेत के भुगतान पत्रकों के तिथियों पर क्रय की गई रेत की ईटीपी उपलब्ध है और न ही पंचायतों के पास ही ईटीपी का कोई रिकार्ड है, जो इन आरोपों को स्पष्ट करते हैं कि निर्माण कार्याे के लिए कथित फर्म द्वारा बेची गई रेत चोरी करके लाई गई थी।

पंचायतों को बना दिया गोदाम
उपयंत्री मनोज शुक्ला द्वारा पड़मनिया खुर्द सहित अन्य कई पंचायतों में स्थित सरकारी भवनों का उपयोग निजी रूप से अपनी फर्म के गोदाम के रूप में लिया जा रहा है, बकौल बरूका सरपंच डोमानी बैगा ने बताया कि साहब सीमेंट की ट्रक भेज देते हैं, उसे पंचायत में रखवा लिया जाता है, जैसे-जैसे सीमेंट खपती है, हम भुगतान करते जाते हैं। अकेले बरूका या पड़मनियाखुर्द ऐसी पंचायत नहीं जहां उपयंत्री ने हवा में संचालित अपनी दुकान के गोदाम बना रखे हैं।
इनका कहना है…
फर्म कई माह पहले पटेल नगर से बंद कर दी है, फर्म का पता हम सेवा एवं वस्तुकर कार्यालय से सुधरवा लेंगे।
मनोज शुक्ला
उपयंत्री, जनपद सोहागपुर

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