शासकीय महाविद्यालय में आयोजित रक्तदान शिविर में युवाओं ने किया रक्तदान, 52 यूनिट रक्त का हुआ संग्रह

Ajay Namdev- 7610528622

अनूपपुर। मनुष्य की संस्कृति अलग हो सकती है खान पान अलग हो सकता वेश भूषा रंग क़द काठी अलग हो सकती है पर फिर भी सभी मूल रूप से एक हैं। इसी एकता को निरूपित करता है रक्त। रक्त मनुष्य के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। शायद इसीलिए रक्त का दान महादान है। इस दान से कई बार हम एक ऐसे मानव की मदद करते हैं जिसे हम नही जानते या जान नही पाते पर यह जीवनदायक सहारा विषम परिस्थितियों में कई जाने बचाने में मददगार होता है कई परिवारों की ख़ुशियों की वजह होता है। इस बात को समझ सोमवार को शासकीय महाविद्यालय कोतमा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोतमा की ओर से आयोजित रक्तदान शिविर में युवाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। रक्तदान की शुरुआत जागरूक छात्र कीर्ति राज जैन व छात्रा सुरभि जैन द्वारा की गयी। जिसे देख कर छात्र और छात्राओं का मनोबल बढ़ा और वे सब भी आगे आए।

शिविर में लगभग 52 यूनिट रक्त का दान किया गया जिसमें 32 युवक एवं 20 युवतियाँ थी। शिविर में छात्रों की भागीदारी से प्रभावित हो अन्य रक्तदाता जो महाविद्यालय में अध्ययन नही कर रहे हैं उन्होंने भी रक्तदान का पुनीत कार्य किया। रक्तदान शिविर के दौरान महाविद्यालय के पूर्व छात्र वर्तमान में अध्ययन छात्र इन सभी लोगों ने आवश्यक सहयोग प्रदान किया। रक्तदान के उपरांत समस्त रक्त दाताओं को प्रशस्ति पत्र एवं फल का वितरण किया गया। शिविर की शुरुआत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोतमा के बीएमओ डॉक्टर दीवान एवं महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य रूप प्रो.बी लकड़ा द्वारा की गई।
इस दौरान डॉ दीवान एवं सहायक प्राध्यापक वाणिज्य डॉ विवेक पटेल ने छात्रों को रक्तदान का महत्व बताकर जनहितकारी कार्य के लिए प्रेरित किया। डॉ दीवान ने बताया कि एक स्वस्थ मनुष्य लगभग 3 माह में एक बार रक्तदान कर सकता है दान किया हुआ रक्त शरीर 1 से 2 दिन में पुनः बना लेता है। रक्तदान महादान, रक्तदान जीवनदान।