संबल योजना का लाभ पाने भटक रहा आदिवासी परिवार

Ajay Namdev-7610528622

आदिवासी परिवार ने कलेक्टर से लगाई न्याय की गुहार
जमुना। अनूपपुर जिले के आदिवासियों के उत्थान के लिए सरकार नित नए योजनाएं लाकर उनके जीवन में खुशहाली लाने का भरपूर प्रयास कर रही है, लेकिन इसके ठीक विपरीत सरकारी तंत्र की लापरवाही व हिटलर शाही रवैया से योजनाओं को पलीता लगाया जा रहा है और उसका लाभ आदिवासी परिवार को नहीं मिल रहा है। ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत सकोला का सामने आया है जिसकी शिकायत कलेक्टर अनूपपुर से की गई है। शिकायतकर्ता कमल प्रसाद कोल पिता मायाराम कोल निवासी ग्राम पंचायत सकोला भर्राटोला ने कलेक्टर अनूपपुर को पत्र लिखकर बताया कि उसकी पत्नी श्रीमती लक्ष्मी कोल उम्र 28 वर्ष की मृत्यु 22 सितंबर 2018 को आकस्मिक रूप से हो गई है वह और उसकी पत्नी मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना 2018 के तहत मध्यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल का पंजीकृत धारक है जिसका पंजीयन क्रमांक 135/308, 594 है वह पत्नी की मृत्यु पर उक्त योजना के तहत मृत्यु दिनांक के 13 दिन के बाद ही ग्राम पंचायत सकोला में राहत राशि प्राप्त करने के लिए आवेदन मय दस्तावेज के प्रस्तुत कर दिया था, लेकिन ग्राम पंचायत सकोला सचिव के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। न ही राहत राशि दिलाया गया है जिसे दिलाये जाना अति आवश्यक है उसके घर की माली स्थिति काफी दयनीय है। शिकायतकर्ता कमल प्रसाद कोल ने कलेक्टर अनूपपुर को पत्र लिखकर मांग किया है कि प्रार्थी को शीघ्र ही राहत राशि दिलाए जाने की कृपा की जाए। साथ ही दोषी सचिव व अन्य के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए ताकि शासन की योजनाओं का लाभ से कोई भी वंचित न रहे।
इनका कहना है-
कमल प्रसाद कोल ने आवेदन दिया था और मैं उस आवेदन को लेकर जनपद गई थी तो वहां पर मुझे यह बोला गया कि अभी चुनाव आचार संहिता लगा हुआ है, इसलिए उनका फार्म जमा नहीं हो पाया उसके बाद में शादी में चली गई थी। उस समय राम खेलावन साहू सचिव के चार्ज में थे और अब जब मैं फार्म लेकर जनपद में जमा करने के लिए गई हूं तो कम्प्यूटर स्वीकार नहीं कर रहा है जिसकी जानकारी मैंने सीईओ साहब को भी दे दिया है उन्होंने कहा है कि पोर्टल अगर आवेदन स्वीकार करेगा तो भुगतान हो जाएगा।
साधना अहिरवार
सचिव, ग्राम पंचायत सकोला
90 दिन से अधिक का प्रकरण हो गया होगा रही बात चुनाव आचार संहिता की तो उस समय सभी पोल्टर बंद रहता है हम श्रम विभाग को पत्र लिखकर के उसे पैसा दिलाने का प्रयास करेंगे और जिस समय का प्रकरण है उस समय तो मैं यहां नहीं आया था
अरुण कुमार भारद्वाज
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जपं. बदरा