हत्या एवं बलात्कार के अपराधियों को मृत्यु दंड सहित आजीवन कारावास
31 आपराधिक प्रकरणों में 55 अपराधियों को सुनाई गई सजा
(Amit Dubey-8818814739)
शहडोल। मीडिया सेल प्रभारी नवीन कुमार वर्मा ए.डी.पी.ओ. ने बताया कि म.प्र. लोक अभियोजन के महानिदेशक-संचालक राजेन्द्र कुमार के मार्गदर्शन में जिला अभियोजन शहडोल द्वारा की सक्षम एव सशक्त पैरवी के परिणाम स्वरूप वर्ष 2018 में अभूतपूर्व सफलताएं प्राप्त की गई है। विगत वर्ष थाना कोतवाली के अपराध 255/17 में सत्र न्यायालय द्वारा आरोपी विनोद उर्फ राहुल चौहथा को हत्या एवं बलात्कार के जुर्म में मृत्यु दंड की सजा दी गई है। वर्ष 2018 में सत्र न्यायालय द्वारा निर्णित कुल 83 प्रकरणों में से 31 प्रकरणों में 55 आरोपियों को आजीवन कारावास से दंडित किया गया है। 06 प्रकरणों में 10 वर्ष या उससे अधिक के कारावास से दंडित किया गया है एवं शेष 2 प्रकरणों में 07 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया गया है। एन.डी.पी.एस अधिनियम के अंतर्गत भी विशेष न्यायालय द्वारा निर्णित 7 प्रकरणों में से 5 प्रकरणों में आरोपीगण को दोषी पाते हुए दंडित किया गया है।
जघन्य अपराधों में मिली सजा
म.प्र. लोक अभियोजन संचालनालय के अधीन जिला लोक अभियोजन द्वारा जिले में चिन्हित जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरणों में 100 प्रतिशत सजायाबी का लक्ष्य प्राप्त किया गया है। जघन्य सनसनीखेज प्रकरणों मे से 01 प्रकरण में न्यायालय द्वारा मृत्यु दंड 03 प्रकरणों में प्राकृतिक मृत्यु होने तक का आजीवन कारावास एवं 7 प्रकरणों में आजीवन कारावास और 02 प्रकरणों में 10 वर्ष का सश्रम कारावास का दंड दिया गया है। जघन्य सनसनीखेज प्रकरणों में नियमित कैडर के अभियोजन अधिकारी विश्वजीत पटेल जिला अभियोजन अधिकारी, अति. जिला लोक अभियोजन अधिकारी आर. के. चर्तुेवेदी एवं राजकुमार रावत द्वारा पेैरवी की गई है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अधीन लोकायुक्त रीवा द्वारा प्रस्तुत प्रकरणों में से 5 प्रकरणों निराकरण हुआ है सभी 05 प्रकरणो में आरोपीगण को दोषी पाते हुए दंडित किया गया है। इस प्रकार भ्रष्टाचार से संबंधित प्रकरणों में भी जिला लोक अभियोजन नियमित कैडर की अभियोजन अधिकारी श्रीमती कविता कैथवास को 100 प्रतिशत सजायाबी का लक्ष्य प्राप्त हुआ है।
लैंगिक अपराध में सुनाई सजा
लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अधीन 22 प्रकरणों में भी शहडोल जिला अभियोजन को अभूतपूर्व सफलताए प्राप्त हुई है। 01 प्रकरण 04 वर्शिया बालिका के साथ बलात्कार एवं हत्या के अपराध में आरोपी को मृत्यु दंड से, 1 प्रकरण में 04 वर्षीय बालिका के साथ बलात्कार के अपराध में आरोपी को प्राकृतिक मृत्यु तक के आजीवन कारावास से एवं बलात्कार के 02 प्रकरणों में आजीवन कारावास एवं 06 प्रकरणों मे 10 वर्ष के सश्रम कारावास के दंड से दंडित किया गया। बलात्कार के 01 अन्य प्रकरण में 7 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया गया है। लैंगिक हमला एवं लैंगिक उत्पीडऩ के शेष 11 प्रकरणों में भी आरोपीगण को दोषी पाते हुए न्यायालय द्वारा उन्हें दंडित किया गया है।
1467 प्रकरणों में आरोपी दण्डित
अधीनस्थ दंडाधिकारियों के न्यायालयों में भी जिला अभियोजन के सशक्त पैरवी के परिणाम स्वरूप वर्ष 2018 में पुलिस द्वारा प्रस्तुत भारतीय दंड विधान के प्रकरणों में से 456 प्रकरणों में तथा अन्य अधिनियमों के प्रकरणों में से 1648 प्रकरणों में एवं म.प्र. शासन के अन्य विभागों द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत किये गये प्रकरणों में से 1467 प्रकरणों में आरोपीगणों को दोषी पाते हुए दंडित किया गया है। विभाग द्वारा अभियोजन अधिकारियों का कार्य मूल्यांकन, प्रोसीक्यूसन परफारमेंस इवेल्युएसन सिस्टम प्रारंभ किया गया, जिसके आधार पर जिला में कार्यरत सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारियों द्वारा की गई, सशक्त पैरवी एवं उनके कार्य की गुणवत्ता का आंकलन किया जाकर जिले में पदस्थ तीन अभियोजन अधिकारियों को गोल्ड श्रेणी पर चिन्हित किया गया है। जिले के चिन्हित जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरणों, लैंगिक अपराधों से बालकों का सरंक्षण अधिनियम के अधीन प्रकरणों एवं लोकायुक्त द्वारा प्रस्तुत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रकरणों में प्रभारी उपसंचालक अभियोजन अधिकारी विश्वजीत पटेल के मार्गदर्शन में जिला लोक अभियोजन के नियमित कैडर द्वारा पैरवी की गई है।