अनूपपुर यातायात व्यवस्था पटरी से उतरी

विभाग पर लग रहे अवैध वसूली के आरोप
(अजय नामदेव/ अमित दुबे+7000656045)
अनूपपुर। मुख्यालय में प्रतिदिन यातायात की अव्यवस्था के चलते परेशान हो रहे है, शंकर मंदिर चौक सहित मुख्य बाजार में जाम की स्थिति देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि शहर की प्रमुख सड़क पर नो-इन्ट्री जैसा प्रतिबंध लागू भी है या नहीं। स्थानीय लोग सड़क दुर्घटना में घायल हों या असमय काल के गाल में समा जाएँ, यातायात व्यवस्था के नाम पर छाती पीटें परन्तु वाहनों से वसूली के नाम पर अवैध कमाई करने वाले यातायात पुलिस के जवानों पर इसका कोई असर नहीं। जाड़ा, गर्मी, बरसात में यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए कथित मुस्तैदी से ड्यूटी करने वाले ये जवान हजारों रूपए प्रतिदिन न कमाएँ तो इनका वर्दी पहनना ही बेमानी कहा जाएगा। वर्दी के प्रति ये कितने वफादार हैं इन्हें देखकर हर कोई आसानी से जान सकता है।
100 या 200 में सौदा
खबर है कि यातायात विभाग का ऑफ लाईन वसूली अभियान एक बार फिर से शुरू हो गया है और विभागीय कर्मी ही बिना रसीद दिये वाहन चालकों से सरेआम वसूली करते हुए विभाग को चूना लगा रहे है। सूत्रों की माने तो वाहनों की चेकिंग करने वाले खाकीवर्दीधारी जवान के द्वारा बकायदा वाहन चालकों को 100 या 200 रूपये की रकम लेकर बिना रसीद दिये छोड़ा जा रहा था। रसीद की मांग करने पर उन्हें और अधिक जुर्माना लगाने की धमकी भी दी जा रही थी। जिसके कारण पूरे चेकिंग के दौरान कई लोगों से यातायात कर्मी की बहसा-बहसी भी हुई मगर लोगों के विरोध के बावजूद इस यातायात का खुलेआम वसूली अभियान कम जेब भरो अभियान चलता रहा। सवाल यह उठता है कि जब चेकिंग के नाम पर विभाग के ही कर्मचारी वसूली करके विभाग को ही चुना लगा रहे तो ऐसे में पुलिस का ही औचित्य क्या रह जाता है। सूत्रों का कहना है कि यह सब कुछ साहब के आदेश पर यातायात कर्मी कर रहे है।
अवैध वसूली के लिए बनाए नए पॉइंट
यातायात के जिम्मेदार यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित रूप से संचालित करने में कोई नहीं रहती, यातायात विभाग जहां-तहां शहर में खड़े होने के साथ-साथ बल्करों से सेटिंग में लगा रहता है, वैसे तो मुख्यालय में उगलियों में गिनती हो जाये, केवल इतने ही चौराहे हैं, उसके बाद भी कभी किसी चौराहे पर आपको यातायात विभाग का कर्मचारी नहीं दिखेगा, सूत्रों की माने तो यातायात विभाग के जिम्मेदार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की आम जनता कितनी परेशान हो रही है, साथ ही उनकी कार्य कुशलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज तक पुलिस विभाग द्वारा लगाये गये कैमरों के अलावा किसी भी प्रकार की चौराहों पर यातायात पुलिस की व्यवस्था नहीं की गई।