करोडों के भ्रष्टाचार की कलेक्टर ने करवाई थी प्राथमिकी दर्ज देवगवां में सचिव रहने के दौरान भ्रष्टाचार के कारण हुए थे बर्खास्त
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अनूपपुर। बर्खास्त सचिव राजकुमार शुक्ला इन दिनों जिले की राजनीति में काफी सक्रिय नजर आ रहे है, अनूपपुर से शहडोल और भोपाल तक राजकुमार शुक्ला अनूपपुर जनपद पंचायत के सदस्यों के हस्ताक्षरयुक्त पत्र बांट रहे है। इन पत्रों में कोतमा के कांग्रेस विधायक सुनील सराफ के ऊपर रिश्वत मांगने के आरोप लगाये गये है, हालांकि इस पत्र में दर्जनभर जनपद सदस्यों के हस्ताक्षर के अलावा कोई दूसरी सच्चाई नही है, जिससे इस बात की पुष्टि हो कि विधायक ने कब, कहां और कैसे रूपए मांगे थे, हमारी पडताल के दौरान यह बात जरूर सामने आई कि जनपद सदस्यों के हस्ताक्षर युक्त पत्र के पीछे बर्खास्त सचिव राजकुमार शुक्ला सक्रिय है, जिनके खिलाफ बीते माहों में खुद जिला प्रशासन अनूपपुर ने करोडो रूपए के घोटाले, फर्जी एकाउंट, फर्जी फर्म का मामला दर्ज किया था। भले ही इस करोडो के घोटाले में राजकुमार शुक्ला ने अनूपपुर विधायक बिसाहूलाल के चुनावों और कार्यक्रमों में ढेला भी खर्च न किया हो, लेकिन खुद को बचाने के फेर में उसने बिसाहूलाल के सामने इस पूरे घटनाक्रम के पीछे सुनील सराफ का हाथ होना दर्शाकर, नेता जी का हाथ अपने कंधे पर रखवा लिया गया और दोनो के बीच खिची रेखा को खाई में बनाने का प्रयास किया गया।
सीएम को दिया यह पत्र
अनूपपुर जनपद अध्यक्ष के साथ लगभग 15 अन्य जनपद सदस्यों ने भोपाल पहुंच कर मुख्यमंत्री के नाम कोतमा विधायक सुनील सराफ के खिलाफ मानसिक रूप से परेशान करने और कमीशन न देने पर नीचा दिखाने के आरोपोयुक्त पत्र सौपा है। मजे की बात तो यह है कि अपना उल्लू सीधा करने के लिए कथित नटवरलाल ने अनूपपुर विधायक बिसाहूलाल ङ्क्षसह को इस तरह मोहरा बनाया कि उसकी खबर कोतमा विधायक को अवश्य लगे। राजकुमार शुक्ला ने अन्य जनपद सदस्यों के साथ भोपाल स्थित बिसाहूलाल सिंह के आवास के बाहर खडे होकर छायाचित्र खिचवाये, जिससे प्रशासन में यह संकेत जाये कि यह सब बिसाहूलाल सिंह के मार्गदर्शन में हो रहा है।
…तो माफिया करेंगे जनप्रतिनिधियों की अगुवाई
अनूपपुर जनपद में वर्ष 2017-18 के दौरान जनपद पंचायत को मिली परफारर्मेंस ग्रांट की लगभग 1 करोड़ की राशि से लगभग 78 हैण्ड पंप गाड़े गये और प्रति हैण्डपंप 1 लाख 33 से 34 हजार रूपये की राशि का भुगतान पंचायत के माध्यम से किया गया। बर्खास्त सचिव राज कुमार शुक्ला जिसके ऊपर 36.94 लाख रूपये मनरेगा की राशि प्रभक्षण करने की आरआरसी कायम थी। , उसके द्वारा जनपद अनूपपुर में प्रभाव व जुगाड़ से उक्त सभी हैण्डपंप खुदवाये गये और लगभग 1 करोड़ की राशि अपने नाम से बिल लगाकर खाते में ली गई। पंचायत के छोटे से पद पर अपनी शुरूआत करने वाले राजकुमार एक दशक के दौरान नाम के ही नही बैंक बैलेंस से भी राजकुमार बनते जा रहे थे। भ्रष्टाचार कर कमाई गई अकूत संपत्ति के बल पर ही किसी नेता की चाटुकारिता और किसी नेता के खिलाफ बिगुल फूकने वाले भ्रष्टाचारी सचिव जनप्रतिनिधियों की अगुवाई करते नजर आ रहे है।
आप भी जानिए…कहां के है ये राजकुमार
यह बात समझ से परे है कि भाजपा सरकार के दौरान तत्कालीन भाजपा विधायक के सबसे करीबी और उन्ही के संरक्षण में कराडों का भ्रष्टाचार करने वाले के ऊपर अनूपपुर विधायक की कृपा क्यो बरस रही है, जबकि जिले के भालूमाडा थाने में ही राजकुमार शुक्ला के ऊपर करीब 18 अपराध दर्ज है। राजकुमार के ऊपर बीते वर्ष करोडो के भ्रष्टाचार का आपराधिक मामला कोई नया नही है, वर्ष 2007 में अपराध क्रमांक-22 में सबसे पहले राजकुमार के ऊपर भादवि की धारा 147, 294, 323 व 506 के तहत अपराध कायम हुआ था। यहां से इनका कालाचि_ा और आपराधिक रिकार्ड शुरू हुआ तो आगे थमा ही नही। 2008 में इनके खिलाफ 107, 116 की दो बार कार्यवाहियां की गई। 2009 में पुन: 294,323, 506, 34 के साथ ही एसटीएससी एक्ट भी कायम हुआ था। 2009 में ही इनके खिलाफ 107, 116 की कार्यवाहियां की गई। 2011 में एक बार 107, 116 की कार्यवाही हुई। 2012 में दो बार 107, 116 की कार्यवाही हुई वहीं 2012 में अपराध क्रमांक-93 भी दर्ज हुआ, जिसमें राजकुमार के खिलाफ भादवि की धारा 294, 323, 506 व 34 के तहत् अपराध कायम हुआ। पुलिस ने 2012 में 110 की कार्यवाही भी राजकुमार शुक्ला के खिलाफ प्रस्तावित की। वर्ष 2014 में राजकुमार शुक्ला के खिलाफ धोखाधडी का मामला कायम हुआ, पुलिस ने भादवि की धारा 420, 409, 467, 468, 471, 120बी के तहत् अपराध कायम हुआ, इसी वर्ष इस्तगासा क्रमंाक-11/14 के तहत् दोबारा 110 की कार्यवाही की गई। वर्ष 2017 में पुन: इस्तगासा क्रमंाक-42/17 के तहत् तीसरी बार 110 की कार्यवाही की गई। 2019 में चौथी बार इस्तगासा क्रमंाक-21/2019 के तहत् चौथी बार 110 की कार्यवाही की गई। इसी वर्ष के अंत में भालूमाडा पुलिस ने प्रशासन की शिकायत पर 29 अक्टूबर को अपराध क्रमांक-393 अंतर्गत धारा 409 के तहत् मामला कायम हुआ था, फिर भी ईमानदार है राजकुमार।