कांग्रेस को हराने से कोई भी रणनीतिकार नहीं रोक पायेगा ?

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लोकसभा प्रभारी की पादुकाएं कांग्रेस भवन में चोरी

(Amit Dubey-8818814739)
शहडोल। जिले की कांग्रेस ने विधानसभा, लोकसभा से लेकर निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत के चुनाव में हार के कीर्तिमान बनाये हैं, हार का सिलसिला घटने की बजाय लगातार बढ़ता जा रहा है, पहले जिले की तीन में से एक सीट कांग्रेस के पास थी, लेकिन अब वह सीट भी कांग्रेस ने खो दी, जिले के सभी 6 निकायों में भाजपा के अध्यक्ष काबिज हैं, पंचायतों में भी यही हाल है, ऐसी स्थिति के बावजूद बीते माह तीनों सीट गवां चुकी कांग्रेस और उसके पदाधिकारी हार के कारणों का पता लगाने और आपसी गुटबाजी भूलने की बजाय उसे और बढ़ाने में लगे हैं। यही स्थिति रही तो चार माह बाद होने वाले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को हराने से कोई भी रणनीतिकार नहीं रोक पायेगा।
क्या एक हो पायेंगे कांग्रेसी
विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मतदाताओं ने बिना कोई खास मेहनत किये ही झोली भरकर वोट दिये, जनता कांग्रेस के प्रत्याशियों को विधानसभा भेजना चाहती थी, लेकिन गुटबाजी में डूबे कांग्रेसी जनता का विश्वास हासिल नहीं कर पाये और तीनों सीटें खोनी पड़ी, सोमवार को 15 सालों बाद कांग्रेस के प्रभारी मंत्री का जिले में आगमन हुआ, यहां भी आपसी गुटबाजी खुलकर दिखी, कांग्रेस भवन में आजाद गुट तो चौपाटी के समीप सुभाष-रवीन्द्र गुट और गोरतरा में जकरिया-यूसुफ गुट ने स्वागत किया। सभी कांग्रेसी यदि एक जगह होकर प्रभारी मंत्री का स्वागत करते तो यह एैतिहासिक होता।
जिलाध्यक्ष की ही शिकायत
पार्टी का अंदरूनी कलह और अनुशासन इस बात से ही उजागर होता है कि मंगलवार को संसदीय क्षेत्र के चुनाव प्रभारी के शहडोल आगमन के दौरान प्रदेश सचिव राम कुमार नापित ने उन्हें कांग्रेस के जिलाध्यक्ष की ही शिकायत सौंप दी, शिकायत में आरोप लगाया गया कि सोमवार को प्रभारी मंत्री के आगमन के दौरान आजाद बहादुर ने पूर्व यूंका अध्यक्ष हनुमान मिश्रा के साथ धक्का-मुक्की की, इस मामले में सोमवार को हुई घटना और उसका वीडियों वॉयरल होने के बाद ही यदि कांग्रेस जिलाध्यक्ष या उनके कोई खास इस घटना के लिए ऑफ रिकार्ड ही पार्टी के लोगों के साथ बैठ लेते और मनमुटाव आगे नहीं बढ़ता, तो यह अच्छा संदेश जाता।
…और कांग्रेस भवन में चोरी
मंगलवार को लोकसभा के चुनाव प्रभारी ने कांग्रेस भवन में कार्यकर्ताओं की बैठक ली और भविष्य की रणनीति के संदर्भ में चर्चा की, चर्चा का क्या अर्क निकला, यह तो आने वाला समय बतायेगा, लेकिन इस दौरान जिलाध्यक्ष की शिकायत और बाद में प्रभारी की पादुकाएं कांग्रेस भवन से चोरी हो जाने का मामला सरगर्म रहा। हालाकि कांग्रेस पदाधिकारियों ने तत्काल ही प्रभारी को दूसरी पादुकाएं मुहैया करा दी, लेकिन सोमवार और मंगलवार को मुख्यालय में आये प्रभारी मंत्री और लोकसभा चुनाव प्रभारी के सामने खण्डित हो चुके संगठन को खुद कांग्रेसियों ने सामने खड़ा कर दिया।

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