क्या भोले के लिए खुले थे रेत भण्डारण?

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…तो क्या 30 अगस्त के बाद पंचायतों के लिए खुले थे रेत भण्डारण

जांच के बाद दर्ज हो सकता है आपराधिक प्रकरण

(Amit Dubey-8818814739)

शहडोल। मानसून सत्र में रेत उत्खनन पर एनजीटी की रोक लगी है, केवल डंप रेत के परिवहन की ही अनुमति थी। इन दिनों केवल में रेत भंडारण से रेत बेचने की अनुमति थी, लेकिन मप्र शासन की 30 अगस्त से नई रेत नीति लागू होने के बाद जिले में संभाग के भंडारण निरस्त कर दिए गए हैं। खबर के अनुसार सितम्बर माह के 20 तारीख तक संभवत: रेत का उत्खनन तो दूर परिवहन की भी अनुमति किसी के पास नहीं थी। लेकिन संभाग की पंचायतों में इन दिनों लगाये गये रेत के बिलों की तरफ जिम्मेदारों ने कभी संज्ञान ही नहीं लिया, मजे की बात तो यह है कि जनपद में बैठे जिम्मेदारों ने भी इस ओर से आंखे मूंद ली।
कहां से हुई आपूर्ति
संभाग के अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ जनपद की बहपुर और भमरहा पंचायत में सप्लायरों द्वारा लगाये गये रेत के बिल पंचायत सहित जिम्मेदारोंं को खटघरे में खड़ा कर रहे हैं, जानकारों का कहना है कि अगर रेत भण्डारण बंद थे तो उक्त सप्लायरों द्वारा आखिर इतनी तादात में रेत कहां से लाई जा रही थी। वहीं जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली इसलिए भी कटघरे में हैं, क्योंकि क्या विभाग द्वारा कभी इनसे रॉयल्टी नहीं मांगी जाती।
पुलिस भी कटघरे में
जहां एक ओर पंचायत में लगे बिलों पर सवाल खड़े हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अगर जब से रेत भण्डारण बंद हुए हैं, उसके बाद भी अगर उक्त पंचायतों ने रेत खरीदी है तो स्थानीय पुलिस भी कटघरे में नजर आती है, क्योंकि जब पूरे प्रदेश में रेत भण्डारण बंद थे तो आखिर इन क्षेत्रों में रेत की आपूर्ति कर रहे वाहनों की जांच जिम्मेदारों ने क्यों नहीं की।
खनिज विभाग भी जिम्मेदार
प्रदेश में लगभग भण्डारणों पर ताला लगने के बाद अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ जनपद की पंचायतों में रेत के लगे रहे बिल और हो रही आपूर्ति कहीं न कहीं खनिज विभाग को भी कटघरे में खड़ा करती है, पुष्पराजगढ़ अंचल में रेत की आपूर्ति लगभग अनूपपुर जिले से होती है, रेत भण्डारण बंद होने के बाद अगर पंचायत द्वारा लगाये गये बिल और रेत की खरीदी इन्हीं भण्डारण बंद होने के दौरान खरीदी तो आखिर रेत जिला मुख्यालय से होती हुई पुष्पराजगढ़ जनपद पहुंच गई, तो क्या जिम्मेदार जिला मुख्यालय में आंखे बंद कर रेत का परिवहन संरक्षण में होने दिया।
जनपद क्यों नहीं मांगता रॉयल्टी
जहां एक ओर जनपद पंचायत में बैठे जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारियों का ढिढ़ोरा खुलेआम पीटते हैं, सूत्रों की माने तों ग्राम पंचायत बरटोला ग्राम पंचायत बसनिहा की मेसर्स जय भोले ट्रेडर्स द्वारा इन पंचायतों में लगाये गये बिलों की जांच अगर की जाये, साथ ही इनसे लगाये बिलों में की गई रेत सप्लाई की पूरी रॉयल्टी की जांच की जाये तो पंचायत के सचिव सहित उक्त फर्म के संचालक के विरूद्ध भी फर्जी बिल लगाने के फेर में आपराधिक प्रकरण दर्ज हो सकता है।

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