क्रेशर सील के बाद भी बिजली बिल हो रहा है जमा, मामला ग्राम पंचायत लपटी में संचालित अवैध क्रेशर

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Ajay Namdev-7610528622

अनूपपुर। मुख्यालय पुष्पराजगढ़ में ये नई बात नही है कि अवैध क्रेशर या अवैध पत्थर खदानो भरमार देखने को जगह-जगह मिल जाती है। ऐसा ही मामला कल रात में लपटी ग्राम पंचायत में एक अधेड़ महिला की मौत हो गयी जो अवैध पत्थर खदान से पत्थर निकलते वक्त पति तो बच गया परन्तु मलबे में दबने के कारण पत्नी शकुन्तला बाई की मौत हो गयी कहा जाता है कि ये अवैध पत्थर गरीबी के कारण अपना पेट भरने के लिए शुभाष मित्तल और विजय मित्तल जैसे खनिज माफियाओं के यहां पहुंचाया जा रहा था।
बिजली भुगतान हो रहा
ताली ग्राम में लगा क्रेशर शाकम्भरी स्टोन क्रेशर जो खनिज माफिया विजय मित्तल की है जिसकी प्रशासनिक अनुमति 31.03.2017 को समाप्त हो चुकी है, परंतु छत्तीसगढ़ के खनिज माफिया अपनी प्रशासनिक सेटिंग बनाकर लगातार क्रेशर चला रहा है जिसका जीता जगता सबूत बिजली का बिल है जो हर महीने बकायदा 130,000 (एक लाख तीस हजार रुपये)के हिसाब से लगातार जमा भी कराये जाते हैं। खनिज माफियों का अगर बात किया जाये तो वो इतना बड़ी राशि सिर्फ बिजली बिल में देते हैं तो ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनकी महीने की आमदनी लाखो के बजाय करोड़ो में होता होगा इसलिए ये किसी की भी जान लेना इनके लिए मामूली सी बात है।
क्रेशर फारेस्ट जोन के अंदर
पुष्पराजगढ़ की भोली भाली आदिवाशी जनता चन्द पैसों के लालच में अपनी जमीन बेचकर इन खनिज माफियो के पास उन्ही के पास आज पत्थर बेचने का कार्य कर रहे है ये इतने चलाक हैं कि उनको चन्द पैसो में नौकरी देने के नाम पर जमीन हड़प कर अपनी क्रेशर लगाकर लगातार यहां के अदिवाशियो का शोषण कर रहे हैं, जो प्रशासन के कानों तक लगातार मीडिया के माध्यम से पहुंचता रहा है परंतु प्रशासन आज तक खमोश है जिसका नतीजा किसी को अपनी जान देकर चुकाना पड़ता है इन खनिज माफियों के क्रेशर फारेस्ट जोन में होने के वावजूद आज तक इन्हें क्यों नही हटाया गया आम जनता के भलाई में फारेस्ट विभाग को टांग अड़ाते सबने देखा होगा परन्तु जहां कमीशन का खेल चल रहा हो वंहा भला कैसे फारेस्ट विभाग कार्यवाही कर सकता है।

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