पानी और शौचलय की समस्या से जूझ रहा कोतमा रेल्वे स्टेशन

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Ajay Namdev-7610528622

अनूपपुर। पूरे देश में शहर और गांव को ओडीएफ करने के अभियान के तहत घर-घर में शौचालय निर्माण कराया जा रहा है, पर कोतमा रेलवे स्टेशन में शौचालय के अभाव में यात्री और रेलकर्मी खुले में शौच को विवश हैं। प्रतिदिन हजारों की संख्या में यात्री कोतमा स्टेशन से यात्रा करतें है यात्रियों को शौचालय के अभाव में खुले में ही शौच करना पड़ता है। प्लेटफार्म में पुरुष महिला के लिए बना शौचालय बेकार होकर रह गया है और नये बने शौचलय में ताला लटकता रहता है। इससे स्वच्छ भारत अभियान की सफलता के आगे प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है। स्टेशन कार्यालय पुरानें जमाने का बना है, जिसमें अंदर शौचालय मूत्रालय की सुविधा नहीं है।

पानी की असुविधा
कोतमा स्टेशन में पीने के पानी के साथ पुरानें तथा नये बनें शौचालय मे पानी की असुविधा है। जिस कारण से यात्रियों को पीने के पानी के लिये भी दर-दर भटकना पड़ता है। शौचलय में पानी के न होने से बंद रखना पडता है। जब रेल्वे प्रशासन ही स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगा रहा है।
लटक रहा ताला
स्टेशन परिसर में नये निर्माणाधीन शौचालय मात्र शोपीस बन कर रहा गया है। न तो पानी की सुविधा है और न ही निर्माण के बाद शौचलय का इस्तेमाल किया जा रहा है। जब रेल्वे प्रशासन ने शौचलय की व्यवस्था की है तो शौचलय में ताला लटकाने का तात्पर्य क्या है।
महिलाओं की बढी परेशानी
रेल्वे परिसर मे शौचलय न होने से महिला यात्रीयों को काफी दिक्कतों का समना करना पड रहा है। महिलायें न चहते हुये भी खुले में शौच का मजबूर है। ऐसे में प्रशासन की नारी सशक्तिकरण और स्वच्छ भारत अभियान का सपना कभी पूरा नहीं हो पायेगा।

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