बेवा ने कलेक्टर से कहा, साहब 10 साल पहले मेरी मौत हो चुकी है
(शुभम तिवारी+91 78793 08359)
शहडोल । मंगलवार की सुबह करीब 12 बजे कलेक्टर की जनसुनवाई में 5 मार्च 2007 को सरकारी दस्तावेजों में मर चुकी 51 वर्षीय वृद्धा ने पहुंचकर अपने जीवित होने का पंचनामा देते हुए खुद को जिंदा घोषित करने की कलेक्टर से मांग की, जनसुनवाई में कलेक्टर कार्यालय में दर्जनों आवेदनकर्ता पहुंचे थे, लेकिन जब कथित महिला ने अपनी आपबीती सुनाई तो वहां खड़े तमाम कर्मचारी, आवेदनकर्ता और मीडियाकर्मी स्तब्ध रह गये, वृद्ध महिला ने खुद को जिंदा घोषित करने के साथ ही पेंशन और राशन दिलाये जाने की भी कलेक्टर से मांग की ताकि वह अपना पेट भर सके।
यह है पूरा मामला
जिले के बुढ़ार जनपद अंतर्गत ग्राम भमला की रहने वाली बेवा धनमत बाई पठारी के पति दधिबल पठारी की मौत अर्सा पहले हो चुकी है, इसके बाद बेवा धनपत बाई का नाम विधवा पेंशन सूची में दर्ज हो गया और उसे तत् समय के अनुसार 300 रूपये प्रतिमाह पेंशन मिलने लगी, साथ ही उसे 5 किलोग्राम अनाज भी मिलता था, जिसे लेने के बाद वह गांव में ही थोड़ी बहुत मेहनत मजदूरी कर अपना पेट पाल लेती थी, इधर दिसम्बर 2017 के बाद पेंशन मिलना बंद हो गई और अक्टूबर 2018 के बाद राशन मिलना भी बंद हो गया, जब धनमत बाई ने इनके पीछे के कारणों का पता लगाया तो, पता चला कि सरकारी रिकार्ड में उसकी मौत हो चुकी है। जिस कारण उसे शासन की ये सुविधाएं मिलना बंद हो गई है।
रोजगार सहायक कटघरे में
पीडि़त वृद्धा ने दी गई शिकायत में गांव के रोजगार सहायक पर आरोप लगाये कि उसके द्वारा समग्र परिवार आईडी में मुझे मृत घोषित कर दिया गया है, जिस कारण मुझे पेंशन और राशन नहीं मिल रहा है, धनमत बाई ने बताया कि उसने इसके लिए रोजगार सहायक विवेक तिवारी से चर्चा की और दोबारा नाम जोडऩे को कहा, लेकिन उसके द्वारा मेरी गुजारिश को अनसुना कर दिया गया, जिस कारण मुझे अपने जिंदा होने का पंचनामा बनवा कर कलेक्टर के समक्ष आना पड़ा।