महाराष्ट्र से ट्रैन में बिलासपुर और वहां से पैदल चलकर शहडोल पहुंचे तीन युवकों को 14 दिनों तक किया आइसोलेटेड

(अनिल तिवारी)
शहडोल। कोरोना को लेकर प्रशासन किसी भी तरह की लापरवाही बरतने को तैयार नहीं है,लॉक डाउन की घोषणा के बाद जिले की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं, यही नहीं बाहर से आ रहे लोगों पर बारीकी से निगरानी रखी जा रही है, मंगलवार की सुबह करीब 9:00 बजे तीन युवक हाथ में बैग लेकर शहडोल के गांधी चौराहे के समीप पहुंचे, जिसकी सूचना मिलने पर हंड्रेड डायल वहां पहुंच गई युवकों से जब उनके आने और जाने के संबंध में जानकारी ली गई तो पुलिस के होश उड़ गए।
तीनों युवक शहडोल के ग्रामीण क्षेत्र के रहने वाले थे और उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की आहट के बाद उन्हें महाराष्ट्र स्थित फैक्ट्री में काम करते थे वहां से छुट्टी दे दी गई। किसी तरह ट्रेन पकड़ कर दो दिन पहले महाराष्ट्र से बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे,लेकिन उसके बाद ट्रेनें रद्द होने और सड़क मार्ग पूरी तरह बंद होने के कारण तीनों युवक लगभग 2 दिन का पैदल सफर कर अपने वतन लौट रहे थे,बिलासपुर से शहडोल तक पैदल चलने के बाद आज सुबह ही तीनों युवक यहां पहुंचे थे,युवकों के नाम प्रदीप सिंह, रवि सिंह व अन्य बताए गए हैं,पुलिस ने उनके आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों की जांच करने के बाद उनके परिजनों से सेल फोन पर संपर्क किया और तीनों युवकों को जिला चिकित्सालय ले जाकर भर्ती कराया गया।
पैदल ही ले गए अस्पताल
कोरोना वायरस के संकट से घबराए पुलिसकर्मियों ने तीनों युवकों को पैदल ही ले जाना मुनासिब समझा, पुलिसकर्मी खुद हंड्रेड डायल में और कुछ पुलिसकर्मी पैदल ही उनसे एक मीटर की दूरी बनाकर पैदल ही जिला चिकित्सालय ले गए, जहां उनकी ओपीडी में पर्ची कटवाने के बाद चिकित्सकों ने उन्हें 14 दिन के लिए आइसोलेट कर दिया। यहां उनके पुराने संबंधी जांच भी शुरू कर दी गई है हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं है, कि युवकों को इस संबंध में कोई बीमारी है लेकिन एहतियात के तौर पर उन्हें 14 दिन के लिए वार्ड में भर्ती कर दिया गया है और इसकी सूचना उनके परिजनों को दे दी गई।