राजस्व निरीक्षक ने तय किये “NOC” के दाम @ शिकायत के बाद जिम्मेदारों ने मुंदी आँखे

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.फुटपाथ सहित राजस्व की भूमि पर अतिक्रमण की छूट

संभागीय मुख्यालय में होने वाले हर निर्माण कार्य की अनुमति के लिए दस्तावेज भले ही न हो, यदि आपके पास गांधी की व्यवस्था है तो, राजस्व निरीक्षक घर बैठे निर्माण की हरीझण्डी दे रहे हैं, इसके अलावा शहर के फुटपाथ पर लगने वाले ठेलों व अस्थाई दुकानों से भी राजस्व निरीक्षक राजमणि शर्मा सीधे वसूली कर रहे हैं।
शहडोल । बीते करीब डेढ़ दशक से राजस्व निरीक्षक का कार्य देख रहे राजमणि शर्मा की अवैध वसूली से ठेला व्यापारी सहित अस्थाई दुकाने संचालित कर परिवार का पेट भरने वाले मध्यमवर्गीय परिवार के लोग खासे परेशान हैं। इस बीते डेढ़ दशक के दौरान भले ही नपा के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की कुर्सी पर चेहरे बदल गये हो, लेकिन राजस्व महकमा देख रहे विभाग का मुखिया एक ही रहा है। सरकार द्वारा कर्मचारियों की सेवा अवधि दो वर्ष बढ़ाने के बाद राजस्व निरीक्षक राजमणि शर्मा के लिए यह आदेश किसी तोहफे से कम नहीं रहा। बीते लंबे अंतराल के दौरान राजमणि के खिलाफ दर्जनों शिकायतें आईं, लेकिन हर शिकायत पर राजमणि का मैनेजमेंट भारी पड़ा।
लेते हैं मासिक नजराना
राजस्व निरीक्षक ने शहर के फुटपाथ पर लगने वाली दर्जनों दुकानों से मासिक किराया बांध रखा है, वसूली का आलम यह है कि कई अस्थाई दुकानों में विद्युत मण्डल के मीटर नपा द्वारा दिये गये अनापत्ति प्रमाण पत्र के बाद लगाये गये हैं, शहडोल वन वृत्त कार्यालय के ठीक बाहर फुटपाथ पर अस्थाई दुकान को अनापत्ति देना तो, महज एक बानगी ही है, नपा में राजमणि के इशारों पर अनापत्ति प्रमाण पत्र देने का बड़ा सिंडीकेट चल रहा है।
अवैध निर्माण आय का बड़ा जरिया
नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न वार्डाे में ग्राम तथा नगर निवेश की बिना अनुमति और नपा के राजस्व की बिना अनुमति के निर्माण कार्य हो रहे हैं, आरोप हैं कि कथित राजस्व निरीक्षक द्वारा अवैध वसूली कर शहर में अवैध अतिक्रमण को बढ़ावा दिया जा रहा है। जो राजस्व नपा के खाते में जमा होना चाहिए, उससे राजस्व निरीक्षक अपनी जेबे भर रहे हैं।
वर्तमान में भी यही हाल
वर्तमान में भी संभागीय मुख्यालय में नपा सीमा के अंतर्गत जो निर्माण कार्य चल रहे हैं, संभागायुक्त और कलेक्टर समस्त निर्माण कार्याे की अगर किसी अन्य एजेंसी से जांच करवा लें तो, आधे से अधिक निर्माण कार्याे में राजमणि शर्मा के द्वारा नियम विरूद्ध संरक्षण देने की पुष्टि खुद-ब-खुद हो जायेगी, यही नहीं बीते एक वर्ष के दौरान बने भवनों की जांच की जाये तो, आधे से भी अधिक भवनों में वाटरहॉर्वेस्ंिटग टैंक सहित निर्माण से पूर्व पूरी की जाने वाली अधिकांश आवश्यकताएं आज भी अधूरी मिलेंगी। यही नहीं इन सबके पीछे संरक्षण देने व अनापत्ति देने में सिर्फ राजमणि शर्मा का नाम ही शामिल नजर आयेगा।
छोटे दुकानदार बने निशाना
आरोप हैं कि राजमणि शर्मा की वसूली की सूची में शहर के धन्नासेठों की अवैध रूप से तनी बहुमंजिला इमारतों का नाम तो है ही, इनकी वसूली से निचले स्तर के हाथ ठेला व्यापारी और अस्थाई दुकानदार भी नहीं बचे हैं। सड़क के किनारे महज पन्नी तानकर दुकान बिना राजमणि शर्मा को भेंट चढाएं संभव नहीं है। राजस्व निरीक्षक मातहतों के माध्यम से पूरे मुख्यालय में बीट निर्धारण कर निर्माण और छोटे व्यापारियों के दुकानों की सूची मंगाकर खुद उनसे वसूली कर रहे है और जिम्मेदार स्वच्छ प्रशासन का दावा कर रहे हैं।
इनका कहना है…
शिकायतकर्ता को मेरे पास भेजिए, तत्काल कार्यवाही की जायेगी।
अजय श्रीवास्तव
सीएमओ, नगर पालिका शहडोल
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राजमणि की मनमानी की शिकायत मिली है, नोटिस देकर जवाब मांगा जायेगा।
उर्मिला कटारे
अध्यक्ष, नपा शहडोल

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