लापरवाह है छुलहा सचिव राजूराम जोशी, लेकिन जिंप सीईओं मेहरबान

सरपंच के बाद एसडीएम ने भी लिखा पत्र, लेकिन जिंप सीईओं मेहरबान
अनूपपुर। जनपद पंचायत अनूपपुर के ग्राम पंचायत छलहा के ग्रामीणजनों द्वारा दूरभाष पर सचिव राजूराम जोशी का 25 मार्च से लगातार मुख्यालय में अनुपरिथत रहने की शिकायत प्राप्त हुई है। उक्त के तारतम्य में खड़ पचायत अधिकारी जनपद पंचायत अनूपपुर को 09 अपै्रल को ग्राम पंचायत छुलहा का अकास्मिक भ्रमण करने हेतु निर्देशित किया गया, उक्त भ्रमण के दौरान खंड़ पंचायत अधिकारी द्वारा प्रधान प्रशासकीय समिति एवं अन्य ग्रानीणजनों की उपरिथिति में पंचनामा तैयार किया गया है, वैश्विक महामारी कोविड-19 कोरोना वायरस का प्रकोप संम्पूर्ण भारत में फैला है ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायत स्तर में, ग्राम पंचायत क्षेत्र की साफ सफाई एवं अन्य व्यवस्थायें सचिव को मुुख्यालय में उपस्थित नही हुए, किन्तु इस भीषण संकट में श्री जोशी की अनुपस्थिति के कारण पंचायत स्तर पर व्यवस्थित ढंग से ग्रामीणों को राशन वितरण, पंचायत क्षेत्र की साफ -सफाई का कार्य नही हो पा रहा है। श्री जोशी सचिव का उक्त कृत्य अपने कार्य के प्रति मनमानी,स्वेच्छाचारिता एवं अनुशासनहीनता की श्रेंणी में आता है, पत्र में उल्लेखित किया गया था। राजूराम जोशी सचिव के विरूद्ध पंचायतराज एनं ग्राम स्वराज अधिनियम के तहत निलबंन की कार्यवाही करते हुए तत्कालिक व्यवस्था में चन्द्रभान यादव ग्राम रोजगार सहायक ग्राम पंचायत छुलहा को अपने कार्य के साथ-साथ सचिवीय प्रभार दिया जाना प्रस्तावित है कि गया था।
जिपं सीईओ की मेहरबानी
एसडीएम कोतमा के द्वारा 9 अपै्रल को पत्र लिखिते हुए सचिव पर निलंबन पर की कार्यवाही करने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक जिला पंचायत सीईओं के द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही नही की गई। जाहिर सी बात है कि एसडीएम के पत्र को भी जिंप सीईओं के द्वारा महीनेभर से लटकाये हुए है, ऐसे में पंचायत की स्थिति क्या होगी यह तो वही बता सकते है। इसके साथ ही छुलहा सरपंच के द्वारा कई बार मौखिक शिकायत की गई है, लेकिन न तो सरपंच का सुना जा रहा है और नही जनपद सीईओ का और अब एसडीएम के लिखित पत्र पर भी कार्यवाही नही की गई।
यह है सचिव के कारनामें
सचिव राजूराज जोशी के द्वारा पंचायत न आकर एक ही फोटो व सिर्फ फोटो खीचने के लिए कभी कभार पंचायत चले आते है और उस फोटो को जनपद ग्रुप में डालकर वहां से रफुचक्र हो जाते है, यह कारनामा कई महीनों से जारी रहै, जिसके बाद सरपंच व ग्रामीणों ने इसकी जानकारी जनपद सीईओ को दी, सीईओ ने जांच करते हुए जानकारी जुटाई, जिसके बाद सचिव अपने पहुंच के बारे में लोगों से बताते फिरता रहा, फिर बात एसडीएम तक पहुंची जहां से जहां उन्होने सीईओ जिला पंचायत को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की थी।
इनका कहना है
मेरे ध्यान में है, व्यवस्था के कारण समय नही मिल पाया, मैं सोमवार को ही इस मामले में कार्यवाही करता हंू।
सरोधन सिंह, सीईओ जिला पंचायत