कभी भी काल बनकर टूट सकते है जर्जर भवन

नगर पंचायत प्रशासन की संवेदनहीनता, सिर पर मंडरा रहा खतरा

(Amit Dubey-8818814739)
बुढ़ार। शहर के जर्जर भवन इन दिनों गिरने के कगार पर है, कोयलांचल की ट्रांसपोर्ट नगरी में जर्जर भवन के खिलाफ कभी स्थानीय निकाय में अधिनियम का पालन करते हुए न तो ऐसे भवनों को चिन्हित किया और न ही उन्हें गिराने संबंधी कोई कार्यवाही ही करा पा रही है। दशकों पुराने भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए है जिन पर नगर पंचायत व अन्य जिम्मेदारो की नजर नही पड़ रही है, समय रहते यदि इन गंभीर समस्या की ओर ध्यान नही दिया गया तो आने वाले समय में बड़े हादसे का अंदेशा बना हुआ है। वहीं परिस्थिति के कारण कुछ रहवासी अपने पुराने मकान को खाली करने की स्थिति में नही, लेकिन दूसरी ओर हादसे से इंकार भी नही किया जा सकता। आने वाले समय में यदि अचानक भवन धरासायी होते है तो इसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर इंजीनियरो की होगी।
यहां मडरा रहा खतरा
नगर के मुख्य बाजार में कई ऐसे भवन है जो काल बनकर टूट सकते है। रेलवे मार्केट, पुरानी बस्ती, टाकीज रोड के अलावा नगर पंचायत क्षेत्र के कई ऐसे वार्ड व बस्ती है जहां पर सैकड़ो साल पुराने भवन भी है, नगर पंचायत प्रशासन द्वारा आज तलक न कोई हिदायत भवन मालिको दी गई और न ही किसी भी प्रकार की कार्रवाई सामने आई है जिसके कारण सभी बेफिक्र होकर जर्जर भवन पर ही डेरा जमाए हुए है।
इसलिए भी दिक्कत
नियमों की माने तो भवन हटवाने के लिए भवन मालिक को नोटिस दिया जाता है जो आज तक नही दी गई। भवन मालिक उचित संसाधन नहीं होने या भवन गिराने के दौरान दुर्घटना के डर से मौन रहता है। पुराने भवनों में कई अवैध कब्जे हो जाते हैं। पुरानी किराए पर दी गई दुकानें व आवासीय उपयोग करने वाले इन्हें छोडना नहीं चाहते। विवाद से बचने सीधी कार्रवाई की बजाय नोटिस देकर जिम्मेदारी पूरी कर ली जाती है। समय गुजर जाता है। बारिश के दौरान अधिक जर्जर या अधिक शिकायत वाले भवनों को गिराकर कार्रवाई दिखा दी जाती है।

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