कागजों में दौड़ रहा जिंप सीईओ के एफआईआर का आदेश

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बड़ागांव के तात्कालीन सचिव रामकरण तिवारी नहीं सौंपे थे शासकीय अभिलेख

(अमित दुबे+8818814739)
करकेली। जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत बड़ागांव में पदस्थ रहे तात्कालीन सचिव रामकरण तिवारी ने पंचायत में पदस्थ हुए सचिव को शासकीय अभिलेख नहीं सौंपे थे, जब इस बात की रिपोर्ट खण्ड पंचायत अधिकारी के माध्यम से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के न्यायालय में ग्राम स्वराज अधिनियम के तहत पहुंची तो, उन्होंने इसे गंभीर मानते हुए जनपद सीईओ को आदेश जारी करते हुए खण्ड पंचायत अधिकारी को अधिकृत करते हुए तात्कालीन सचिव के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराकर 7 दिवस के भीतर कार्यालय को एफआईआर की कापी उपलब्ध कराने के आदेश जारी किये थे, लेकिन खण्ड पंचायत अधिकारी, जनपद सीईओ ने न्यायालय के आदेशों की भी धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
शासकीय अभिलेखों पर किया कब्जा
अपनी पदस्थापना के दौरान और वहां से हट जाने के बाद जब विभाग के द्वारा ग्राम पंचायत बड़ागांव में दूसरे पंचायत सचिव को पदस्थ कर दिया गया तो, उसके द्वारा तात्कालीन सचिव रामकरण तिवारी से कई बार शासकीय अभिलेखों की मांग की गई,लेकिन उसने देने से इंकार किया, यह पूरा मामला खण्ड पंचायत अधिकारी के माध्यम से जिला पंचायत पहुंचा, जहां पर जांच में यह पाया गया कि तात्कालीन सचिव ने शासकीय अभिलेखों को आदेश के बावजूद अपने कब्जे में रखा, जो कि ग्राम स्वराज अधिनियम की धाराओं का उल्लंघन है, जिसके तहत कार्यवाही के आदेश जारी किये गये थे।
एफआईआर के थे आदेश
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को आदेश जारी किया था कि वह खण्ड पंचायत अधिकारी व्ही. पी. वर्मा को अधिकृत करते हुए तात्कालीन सचिव रामकरण तिवारी के विरूद्ध पुलिस में एफआईआर दर्ज कराते हुए 7 दिवस के भीतर एफआईआर की प्रति जिंप कार्यालय को उपलब्ध कराना सुश्ििचत करेंगे।
कागजों में दौड़ रहा आदेश
अभी भी शासकीय अभिलेख रामकरण तिवारी के कब्जे में है, अगर दस्तावेजों से छेड़छाड़ हुई तो, इसका दोषी कौन होगा, वहीं आदेश मिलने के बाद एक माह का समय होने जा रहा है, लेकिन आदेश का पालन नहीं हो पाया है, केवल उक्त आदेश कागजी घोड़ों पर दौड़ाये जा रहे है, अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभागीय अधिकारी और कर्मचारी कितने गंभीर है, शासकीय अभिलेख ग्राम पंचायत में न होने से संचालित योजनाओं का क्या हाल होगा, इसके बारे में न तो खण्ड पंचायत अधिकारी ने कभी सोचा और न ही जनपद सीईओ ने।
इनका कहना है…
नौरोजाबाद थाने के आवाक-जावाक में मैनें 19 मार्च को एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन दे दिया है, उसके बाद मैं वहां पर नहीं गया। मुझे जानकारी नहीं है कि एफआईआर हुई है कि नहीं।
व्ही. पी. वर्मा
खण्ड पंचायत अधिकारी
जनपद पंचायत, करकेली
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खण्ड पंचायत अधिकारी ने आकर संपर्क नहीं किया है, आवाक-जावाक में भी किसी प्रकार की कोई सूचना नही हैं, प्रक्रिया का पालन करने के लिए सभी दस्तावेज लाकर प्रस्तुत करने होते हैं, जिसके बाद उपस्थित रहकर ही एफआईआर कायम होती है।
राकेश उइके
थाना प्रभारी, नौरोजाबाद

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