कोटेदार के आगे बौने हुए जिम्मेदार

एक ही परिवार को दे दी गई कई शासकीय उचित मूल्य की दुकानें
(विपिन शिवहरे+91 79871 71060)
उमरिया। प्रदेश में सरकार तो बदल गई है, लेकिन शासकीय कार्यकाल में कोई बदलाव नहीं हुआ है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सरकार गरीब लोगों को सस्ते मूल्य पर अनाज उपलब्ध करा रही है। सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना पर शासकीय कर्मचारियों ही पलीता लगा रहे हैं। इससे लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिले के बिरसिंहपुर पाली की शासकीय उचित मूल्य की दुकान हमेशा से ही अपने कारनामों के कारण सुर्खियों में रही है, जानकारों की माने तो शासकीय नियमों के अनुसार एक ही परिवार को १ से ज्यादा उचित मूल्य की दुकान संचालन के लिए नही दी जा सकती, लेकिन यह खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
यह है मामला
जिले की जनपद पंचायत बिरसिंहपुर पाली के ग्राम तिमनी और घुनघुटी की शासकीय उचित मूल्य का संचालन तो हो रहा है, लेकिन यहां खुलेआम भ्रष्टाचार किया जा रहा है, कोटेदार की मिली भगत से रिश्तेदारों के कार्ड बनवाकर खाद्यान्न भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है। मजे बात तो यह है कि गरीबों के लाईन में लगने के बाद भी राशन में खुलेआम कटौती कथित कोटेदार द्वारा की जा रही।
खुलेआम कालाबाजारी
जनपद पंचायत अंतर्गत घुनघुटी, बरहाई और तिमनी में कथित कोटेदार द्वारा खुलेआम गरीबों के राशन की कालाबाजारी की जा रही है, कोटेदार के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि अब वह किराना दुकानों पर भी शासकीय उचित मूल्य की दुकान से सप्लाई करने से नहीं चूक रहा है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी जनपद में बैठे जिम्मेदारों को नहीं है, लेकिन चंद चांदी के सिक्कों के आगे विभाग के जिम्मेदारों ने कोटेदार के आगे घुटने टेक दिये हैं। जानकारों का कहना है कि जब खाद्यान्न आता है, उसके २-३ दिन बाद अगर उक्त उचित मूल्य की दुकानों की जांच की जाये या कार्डो से मिलान करवाया जाये तो कथित नटवरलाल के कारनामें खुल कर सामने आ सकते हैं। मामले में कितनी सत्यता है, यह तो जांच के बाद ही खुलासा हो सकता है।