गुरु-शिष्य परम्परा को पुन: जीवित करने की ठानी: द्विवेदी

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(रामनारायण पाण्डेय+9993811045)
जयसिंहनगर। जन शिक्षा की व्यवस्था को लेकर शासन-प्रशासन द्वारा तरह-तरह की सुधार व्यवस्थाएं लागू की जा रही है व छात्राओं के भविष्य को उज्जवल बनाने की दिशा में अग्रसर हैं, वहीं जयसिंहनगर के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में एक सकारात्मक मिसाल पेश की है, सेवानिवृत्त हो चुके वरिष्ठ प्राचार्य परशुराम द्विवेदी जो कि अपने शिक्षण काल के दौरान एक सफल शिक्षा अंग्रेजी माध्यम में छात्राओं को देते रहे हैं, वह सेवानिवृत्त होने के पश्चात पुन: एक बार शिक्षण वर्ष 2019-20 में श्री द्विवेदी ने अंग्रेजी माध्यम में छात्राओं को दर्ज करने का कारण बिना किसी स्वार्थ के नि: शुल्क छात्राओं के हित में सेवा देने का निर्णय लिया।
बेहतर परिणाम मिलने का अनुमान
अंग्रेजी भाषा के जानकार प्राचार्य परशुराम द्विवेदी अपनी शिक्षा सेवा देते हुए 30 जून 2013 को सेवानिवृत्त हुए श्री द्विवेदी शिक्षा के द्वारा अपने शिक्षण काल के दौरान कितने ही छात्र-छात्राओं को एक सफल भविष्य की ओर प्रेरित करने व शिक्षा का सदुपयोग जीवन में सकारात्मक रूप से करने की ओर अग्रसर किया है, श्री द्विवेदी एक बार पुन: अपने बीते हुए काल में अनुभवों को लेकर जब एक बार पुन: विद्यालय की छात्राओंं में शिक्षा का प्रसार करने आए तो निश्चित ही कन्या विद्यालय को इस शिक्षण वर्ष में एक बेहतर परिणाम मिलने का अनुमान साकार होना निश्चित है। विदित हो कि श्री द्विवेदी ने सकारात्मक मिसाल की सकारात्मकता घटते हुए शिक्षा के स्तर में सुधार लाने व शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए पूरे देश को एक संदेश देने वाला होगा, परशुराम द्विवेदी की इस पहल से पुणे गुरु और शिष्य की मर्यादा बिना स्वार्थ जीवित होती दिखेगी।

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