चांदपुर पंचायत में ठेके पर विकास कार्य
भवन निर्माण में लगी भ्रष्टाचार की दीमक
(Amit Dubey-8818814739)
उमरिया। जिले की पाली जनपद पंचायत की ग्राम पंचायतों में विकास कार्य पर लूट तंत्र का खेल हावी है। कमीशन के खेल में जो निर्माण कार्य पंचायत के माध्यम से होना चाहिए, उसे ठेके पर देकर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया है। जिसकी गुणवत्ता की जांच कमिशन के खेल में ही दबी जा रही है। जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत चांदपुर खुलेआम गुणवत्ता विहीन भवन बनवाया जा रहा है, मजे की बात तो यह है कि इस पूरे खेल में सरपंच, सचिव, पंचायत इंस्पेक्टर सहित जनपद में बैठे जिम्मेदारों ने जिले के आलाधिकारियों को धोखे में रखा हुआ है।
खुलकर हुआ बंदरबांट
ग्राम पंचायत चांदपुर मे बीते वर्षो से पंचायत के जिम्मेदारो द्वारा सारे काम ठेका प्रथा से कराया जा रहा है जिससे गांव के ग्रामीण पलायन कर रहे हैं, वही जिस कदर पंचायती राज्य में शासन के पैसो का बंदरबांट किया जा रहा है। इसका जीता-जागता उदाहरण देखना है तो जनपद पंचायत बिरसिंहपुर पाली की ग्राम पंचायत चांदपुर में देखा जा सकता है, जहां पर सरपंच, रोजगार सहायक ने मिलकर विकास कार्यो के नाम पर लाखो रूपये की राशि डकार ली, लेकिन कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति कर मामले को दफन कर दिया गया, जिसके कारण भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद है। यहाँ भ्रष्टाचार की सारी हदे पार करते हुए सरपंच-रोजगार सहायक ने जो गुल खिलाये है, यदि उनकी सूक्ष्म जांच कराई जाये तो कई चैकाने वाले तत्थ्य खुलकर सामने आ सकते है।
लगी भ्रष्टाचार की दीमक
ग्राम पंचायत चांदपुर में विकास के नये आयाम तो गढ़े ही जा रहे है, सूत्र बताते हैं कि पंचायत में पदस्थ सचिव द्वारा उक्त कार्य तथाकथित भाजपा नेता को दे दिया गया है, लाखों के इस भवन को भ्रष्टाचार की दीमक ने जकड़ रखा है, जानकारों का कहना है कि रोजगार सहायक अशोक सिंह द्वारा पंचायत के इस भवन के लिए जो भी सामग्री खरीदी जा रही है, उसका सही तरीके से अगर मूल्यांकन किया जाये तो भ्रष्टाचार की एक अलग ही किताब खुलकर सामने आयेगी।
रेत की रॉयल्टी की हो जांच
ग्राम पंचायत चांदपुर पहले से ही अपने रोजगार सहायक अशोक सिंह के लिए चर्चाओं में रहा है, सूत्रों की माने तो पंचायत द्वारा यादव नामक कथित ठेकेदार को जो भवन बनाने के लिए दिया गया है, उसमें चोरी की रेत का इस्तेमाल किया जा रहा है, अगर पंचायत के भवन निर्माण में खरीदी गई रेत की रॉयल्टी पर्ची की मांग खनिज विभाग द्वारा कर ली जाये तो पंचायत सहित कथित वेण्डर जिसने इस कार्य के लिए सप्लाई की है, उसकी कलई खुलकर सामने आ सकती है, लेकिन सब जानने के बाद भी जनपद में बैठे जिम्मेदारों ने चुप्पी साध रखी है। सुधिजनों का कहना है कि उक्त मामले की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये, जिससे क्षेत्र में हो रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके ।