डॉ. रीना गौतम को कमिश्नर ने किया निलंबित
चिकित्सकीय सेवा भाव के प्रति पूर्ण लापरवाही के आरोप
(Amit Dubey-8818814739)
शहडोल। कमिश्नर आर.बी. प्रजापति ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के नियम-09 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए डॉ. रीना गौतम चिकित्सक जिला चिकित्सालय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में डॉ. गौतम का मुख्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय अनूपपुर नियत किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
यह है मामला
प्रसूता श्रीमती सुधा गुप्ता निवासी ग्राम खैरहा को प्रसूति हेतु जननी एक्सप्रेस के माध्यम से 22 अक्टूबर 2019 को रात्रि 12.00 बजे जिला चिकित्सालय शहडोल में भर्ती कराया गया था। प्रसूता को सीवियर पेन होने व नार्मल डिलीवरी न हो पाने की स्थिति में डॉ. रीना गौतम को फोन पर 8.30 बजे सुबह सूचित किया गया था। डॉ. रीना गौतम को चिकित्सालय में उपस्थित होकर प्रसूता के डिलीवरी का परीक्षण कर तात्कालिक कार्यवाही की जानी चाहिए थी एवं यदि गंभीर स्थिति थी तो वरिष्ठ चिकित्सक को तत्काल अवगत कराया जाकर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित किया जाना चाहिए था। किन्तु डॉ. गौतम द्वारा वस्तुस्थिति को गंभीरता से न लेते हुए अपने कार्य पर प्रात: 9.10 बजे उपस्थित होकर अन्य वार्डो में भ्रमण पर चली गई। अंतत: प्रसूता की असामयिक मृत्यु हो गई।
बच सकती थी जान
डॉ0 गौतम का यह कार्य चिकित्सकीय कार्य व्यवहार व सेवा भाव के प्रति पूर्ण लापरवाही परिलक्षित करता है। साथ ही प्रसूता की रात्रि 1.15 बजे दर्दनाक हालत एवं असहनीय थी तथा डिलीवरी की स्थिति बहुत की क्रिटीकल थी। यदि डॉ. गौतम द्वारा प्रसूता का विधिवत सही उपचार करने एवं कराने का गंभीरता से कार्य किया जाता और अपने कर्तव्य का सॉवधानीपूर्वक निर्वहन करती तो प्रसूता की जान बचाई जा सकती थी। डॉ. गौतम का उक्त कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत एवं दण्डनीय होने के कारण कलेक्टर के द्वारा प्रेषित पत्र 25 अक्टूबर के प्रस्ताव अनुसार उक्त कार्यवाही की गई है।