तस्करों की भेंट चढ़ा करोड़ो का चंदन वृक्ष,कभी हजारों पेड़ थे अब गिनती के बचे

बुढ़ार विकास खण्ड के ग्राम हथगला का मामला
( सुरेश मिश्रा)
शहडोल। जिले में चंदन चोर गिरोह के चलते अब ये पेड़ दुर्लभ हो गए हैं। हर बार पुलिस मामले को कायम कर आरोपियों की तलाश की बात कहकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देती है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में चन्दन के पेड़ जिले से नदारद हो जायेंगे
संभागीय मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर बुढ़ार- जैतपुर मार्ग में स्थित ग्राम हथगला में शासकीय राजस्व भूमि में स्थित हजारो चंदन के पेड़ तस्करों की भेंट चढ़ चुके है ।लगभग 25 से 30 एकड़ शासकीय भूमि पर प्राकृतिक रूप से उगे इन हजारो पेड़ों पर तस्करों ने ऐसी कुल्हाड़ी चलाई कि अब इनकी संख्या सैकड़ो में बची है । अपनी प्राकृतिक सुगंध और धार्मिक महत्त्वा के कारन चन्दन कि लकड़ी की डिमांड बहुत ज्यादा है और इसके पेड़ हरसमय तस्करों की नजर में रहते हैं। अगर अब भी इन चंदन तस्करों पर लगाम नही लगाई गई तो शायद वह दिन दूर नही जब यहां से इन बेशकीमती पेड़ो का नामो निशान तक खत्म हो जाएगा ।
२० एकड़ में था चन्दन का बगीचा
जानकारी के अनुसार आज से लगभग तीन दशक पूर्व ग्राम हथगला स्थित शासकीय राजस्व भूमि में प्राकृतिक रूप से चंदन के वृक्ष उगना शुरू हुए थे ,धीरे धीरे इनका दायरा लगभग 20 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैल गया ।शुरूवात में जब यह छोटे पौधे के रूप में थे तो किसी को इस बेशकीमती पौधों का ज्ञान नही था ।लेकिन जैसे जैसे पौधों ने पेड़ का रूप लिया तो तस्करों की आंखे इस पर गड़ गयी । खुले हुए शासकीय भूमि में हजारों की संख्या में मौजूद इन वृक्षो को देख मानो उनकी लाटरी लग गयी हो ।इसके बाद धीरे धीरी इनका कत्ले आम शुरू हुआ ,जो आज भी अनवरत जारी है ।जिले में चंदन चोर गिरोह के चलते अब ये पेड़ दुर्लभ हो गए हैं। हर बार पुलिस कायमी कर आरोपियों की तलाश की बात कहकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देती है।
दिनोदिन कम हो रहे है चन्दन वृक्ष
जिले के विभिन्न क्षेत्रों में मलयागीर चंदन के हजारों पे़ड़ थे। लेकिन चंदनमाफिया इस कदर सक्रिय हुए कि अब ग़ढ़ में बगिया तो है लेकिन चंदन के पे़ड़ ढूंढे नहीं मिल पाते। आश्चर्य की बात तो यह है कि कई बार इन वृक्षों के कटने के बाद थाने में चंदन वृक्ष कटने के नगण्य मामले ही दर्ज हैं हजारो की संख्या में मौजूद इन चंदन के पेड़ों की संख्या दिनोदिन कम होती जा रही है ।लेकिन इसकी फिक्र करने वाला कोई नही है । प्रशासन व वन विभाग के आला अधिकारियों तक इसकी लिखित व मौखिक जानकारी क्षेत्र के समाज सेवी महेंद्र प्रताम सिंह एडवोकेट द्वारा पहुचाई जा चुकी है लेकिन कार्यवाही अब तक शून्य है ।
रद्दी टोकरी में सीसीएफ का आदेश
ग्राम हथगला निवासी समाज सेवी महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने इस संबंध में बताया कि वह ग्राम वन सुरक्षा समिति के सदस्य भी है ।इस लिहाज से भी मैं वर्षो से शासन प्रशासन व वन विभाग के अधिकारियों को चंदन के पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के संबंध में अवगत करा चुका हूं । लेकिन कार्यवाही शून्य है अब तक ।पिछले वर्ष उन्होंने सीसीएफ वन वृत्त शहडोल को एक बार पुनः स्मरण पत्र जाकर दिया था । जिसके बाद उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए क्षेत्र के वन अमले को चंदन के पेड़ों की सुरक्षा के लिए निर्देश देते हुए रात्रि में वहाँ गस्त करने को कहा था ।लेकिन विभाग से निचले स्तर के कर्मचारियों की कानो में जूँ तक नही रेंगी ।
तस्करों को मिल रहा है वन कर्मचारियों का संरक्षण !
इससे ऐसा आभास हो रहा है कि क्षेत्र के वन कर्मचारियों का खुला संरक्षण इन चंदन तस्करों को प्राप्त है । प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद श्री सिंह द्वारा एक बार पुनः प्रदेश के मुखिया व वनमंत्री समेत संभाग व जिले के आला अधिकारियो को इन चंदन के वृक्षो की सुरक्षा के लिए पत्र लिखा है ।अब देखना है कि आखिर इस ओर ध्यान दिया जाता है या फिर पूर्व की भांति इन पत्रों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया जाएगा।