तहसील से दिन-दहाड़े चोरी हुए दस्तावेज

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थाने में शिकायत देने के बाद पलट गये तहसीलदार
अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक की कार्यप्रणाली कटघरे में
दो अधिवक्ताओं का नामजद शिकायत में था उल्लेख

(अमित दुबे-8818814739)
शहडोल। बुढ़ार तहसील से बुधवार की दोपहर महत्वपूर्ण फाईल चोरी हो जाती है, पूरे कार्यालय में उसे ढूंढा जाता है, दो वकीलों पर कर्मचारियों को शक भी होता है, जिसके बाद कार्यवाही के लिए शिकायत बुढ़ार थाने के साथ ही एसडीएम सोहागपुर और कलेक्टर को भेजी जाती है, लेकिन गुरूवार की सुबह प्रभारी तहसीलदार कन्हैया लाल टेकाम पुलिस को यह कहकर मना कर देते हैं कि किसी ने रात को चोरी गई फाईल फेंक कर चले गये हैं, इसलिए मामला खत्म कर दिया जाये। सवाल यह उठता है कि शासकीय कार्यालयों में अभिलेख अगर सुरक्षित नहीं रहेंगे तो कभी भी बड़ी हेराफेरी हो सकती है। इस पूरे घटना क्रम में प्रभारी तहसीलदार, कार्यरत कर्मचारियों और वकीलों की भूमिका संदिग्ध है।
न्यायालय से गायब हो गई फाईल
बुढ़ार पुलिस को दी गई शिकायत में सहायक ग्रेड 3 ईश्वर कोल और नायब तहसीलदार बुढ़ार ने उल्लेख किया है कि 31 जुलाई की दोपहर 3.50 पर नायब तहसीलदार वृत्त धनपुरी- खैरहा के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 45/अ-74/2019-20 जो न्यायालय तहसीलदार बुढ़ार क्रमांक 0016/अ-74/2016-17 में अनुविभागीय अधिकारी सोहागपुर ने पुर्नविलोकन में लेकर आदेश पारित करने के निर्देश दिये थे, जिसमें सर्व संबंधित पक्षकारों को तलब कर प्रकरण कम्प्यूटर टेबिल में रखा हुआ था, पटवारी श्रीमती तनूजा सराफ तहसीलदार से चर्चा कर रही थी, जब वापिस आकर देखा तो उक्त मामले की फाईल मौके से गायब हो चुकी थी, जिसे ढूंढने का प्रयास किया गया, लेकिन वह नहीं मिली।
अधिवक्ताओं के खिलाफ नामजद शिकायत
तहसील की ओर से दिये गये शिकायती पत्र में अधिवक्ता चंद्रभूषण शुक्ला और वीरभान सिंह के ऊपर फाईल की चोरी करने का सीधे तौर पर तहसील के कर्मचारी और नायब तहसीलदार ने आरोप लगाते हुए पुलिस से एफआईआर दर्ज करने और दण्डात्मक कार्यवाही करने की मांग की थी, लेकिन गुरूवार की सुबह प्रभारी तहसीलदार कन्हैया लाल टेकाम ने पूरे मामले को ही रफा-दफा कर दिया।
चंद्रभूषण ने चुराई फाईल
तहसील के कर्मचारी ईश्वर कोल ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि उसे पूरा विश्वास है कि चंद्रभूषण शुक्ला वकील के द्वारा प्रकरण की फाईल को चुराया गया है, क्योंकि उक्त प्रकरण में संबंधित वकील के माता-पिता एवं स्वयं के नाम व्यवस्थापन में भूमि प्राप्त की थी, जो कि सुनवाई के बाद शासकीय दर्ज होने का आदेश दिया जाना था, चूंकि उक्त प्रकरण में चंद्रभूषण शुक्ला का हित छिन रहा था, इसलिए मौका पाकर उसने अपना स्वार्थ साधने के लिए प्रकरण की फाईल को चुरा लिया।
कटघरे में तहसील
इस पूरे मामले में तहसील में पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्य प्रणाली भी संदेह के दायरे में आती है, राजस्व से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यालय से जब दस्तावेज चोरी होने लगेंगे तो सीधे तौर पर इसकी जिम्मेदारी शासन द्वारा नियुक्त किये गये अधिकारियों और कर्मचारियों की ही होगी, आखिरकार जमीन से जुड़े महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई की फाईल तहसील से बाहर कैसे चली गई। तहसीलदार से लेकर पटवारी और कर्मचारियों की भूमिकाओं की भी इस मामले में जांच होनी जरूरी है, बिना इनके सांठ-गांठ के दोपहर में शासन के दस्तावेज बाहर नहीं जा सकते। वहीं सवाल यह भी है कि रात में चोरी गई फाईल को आखिर कौन तहसील में फेंक गया।
इनका कहना है…
शिकायत थाने में दर्ज कराई गई थी, रात को किसी ने फाईल तहसील में फेंक दी, इसलिए पुलिस से कार्यवाही न करने को कहा था।
कन्हैया लाल टेकाम
प्रभारी तहसीलदार, बुढ़ार


बुढ़ार तहसील से प्रकरण की फाईल चोरी होने की शिकायत मिली थी, लेकिन गुरूवार की सुबह नायब तहसीलदार कन्हैया लाल टेकाम के द्वारा बताया गया कि किसी ने रात में फाईल तहसील में फेंक कर चला गया, अब कार्यवाही की जरूरत नहीं है।
आर.के. धारिया
थाना प्रभारी, बुढ़ार

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