तो क्या… तहसील से मिलती है खनिज उत्खनन की अनुमति

ग्राम पंचायत मझखेता में रेत के बिलों पर उठे सवाल
(कमलेश यादव+91 96444 00995)
उमरिया। एक तरफ सरकार भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए कमर कसे हुए हैं और भ्रष्टाचार खत्म करने के नए तरीके देकर ठोस कदम उठाकर कैशलेस व जीएसटी प्रणाली को बढ़ावा दे रही है, लेकिन इस प्रणाली को जिले में प्रशासनिक अधिकारी, सरपंच, सचिव, सब इंजीनियर ने अपनी कमाई का धंधा बना रखा है, जिसके परिणाम स्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रष्टाचार अपना पैर पसार चुका है। जिले की मानपुर जनपद पंचायत की ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार अपने शबाब पर है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि जनपद में बैठे जिम्मेदार को इस ओर से कोई लेना-देना ही नहीं है।
तो क्या चोरी की है रेत
जनपद पंचायत मानपुर की ग्राम पंचायत मझखेता में श्याम लाल यादव ट्रैक्टर ऑनर्स फर्म द्वारा पंचायत को रेत सप्लाई की गई, सूत्रों की माने तो कथित फर्म के जिम्मेदारों ने पंचायत को जितनी भी रेत सप्लाई की वह नदियों-नालों से चोरी कर सप्लाई कर दी, मजे की बात तो यह है कि खुद फर्म के संचालक द्वारा कहा जा रहा है कि सरपंच द्वारा नदी से रेत उठाने के लिए कहा गया था, उनके द्वारा मुझे कहा गया कि हमने तहसील से अनुमति ली हुई है, आप नदी से रेत उठाकर पंचायत में सप्लाई कर दें।
भाई के नाम पर निकाली मजदूरी
ग्राम पंचायत मझखेता में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है, पंचायत राज्य अधिनियम का सरपंच-सचिव द्वारा खुलकर माहौल उड़ाया जा रहा है, ग्राम पंचायत में सरपंच के भाई ने आज तक जितनी मजदूरी की है, संभवत: किसी अन्य ग्रामीण द्वारा इस पंचायत में इतनी मजदूरी नहीं की होगी, सूत्रों की माने तो सरपंच के भाई द्वारा पंचायत में कभी भी काम नहीं किया गया, लेकिन उनके नाम पर मजदूरी का भुगतान सचिव व सरपंच द्वारा किया गया है।
बिल देने का अधिकार नहीं
सरकार ने टैक्स चोरी रोकने के लिए देश में जीएसटी प्रणाली लागू की है, जिसके अनुसार कंपोजीशन लाइसेंस वाला जैसे कोई सप्लायर रेत गिट्टी आदि के बिल नहीं दे सकते हैं, क्योंकि ये लाइसेंस धारक सिर्फ ट्रेडिंग ही कर सकते हैं । कंपोजीशन लाइसेंस में एक परसेंट टैक्स क्रय-विक्रय में देना पड़ता है और मजदूरी के बिल में सर्विस प्रोवाइडर के रूप में 18 प्रतिशत टैक्स देना होता है । यदि बिना जीएसटी नंबर के बिल या जीएसटी नंबर डाल कर गलत बिल दिया हो तो ऐसे प्रत्येक बिल में दस हजार की पेनल्टी व 100 प्रतिशत जुर्माना का प्रावधान है । सख्त नियम कायदों के बाबजूद भ्रष्टाचार की सभी सीमाये सरपंच, सचिव और जनपद के आला अधिकारियों ने मिलकर तोड़ दी है।
इनका कहना है…
मझखेता मेरी पंचायत हैं, इसमें किसी प्रकार का गलत काम नहीं हुआ है, नदी से रेत उठाने की अनुमति तहसील से मिली थी, इसके दस्तावेज सचिव के पास हैं।
जय प्रकाश गुप्ता
सरपंच, मझखेता